रिलांयस जियो ने लगाई सरकारी खजाने को 685 करोड़ की चपत

Published on: February 25, 2017
नई दिल्ली। मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलांयस जियो ने सरकारी खजाने को अबतक 685 करोड़ रुपये की चपत लगाई है। यह खुलासा हुआ है टेलिकॉम कमीशन की एक रिपोर्ट में, इस रिपोर्ट के मुताबिक जियो के मुफ्त डाटा और कॉल ऑफर की वजह से सरकार को यह नुकसान उठाना पड़ा है।

Reliance JIO

जानकारी के मुताबिक टेलिकॉम कमीशन जल्द ही सरकार को होने वाले नुकसान और इंडस्ट्री की खराब हुई हालत के लिए टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई की खिंचाई कर सकता है। कमीशन ने इस बात का भी नोटिस लिया है कि जियो ने इस ऑफर को 90 दिनों से अधिक समय तक जारी रखा। जिस वजह से सरकार को यह भारी भरकम नुकसान उठाना पड़ा। दरअसल सरकार जो लाइसेंस फीस और स्पैक्ट्रम यूसेज चार्ज मोबाइल ऑपरेटरों से लेती है वह रेवन्यू के आधार पर तय होता है।
 
टेलिकॉम डिपार्टमेंट में फैसले लेने वाली सबसे बड़ी संस्था टेलिकॉम कमीशन ने बुधवार को इसका भी नोटिस लिया कि जियो के बैक-टु-बैक प्रमोशनल ऑफर देने से स्पैक्ट्रम यूसेज चार्ज और लाइसेंस फी के तौर पर सरकार को 685 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। कमीशन का एक डॉक्युमेंट ट्राई को भेजने वाला है। इसके मुताबिक, 'रेवेन्यू में और 8-10 पर्सेंट की गिरावट आने के आसार दिख रहे हैं।' उसने कुछ समय पहले टेलीकॉम कंपनियों पर 3,050 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाने के लिए ट्राई को फटकार लगाई थी। इसके कुछ हफ्ते बाद वह इस मामले में रेग्युलेटर की खिंचाई कर सकता है। टेलिकॉम कमीशन ने बुधवार को माना कि जियो के ऑफर के चलते इंडस्ट्री में टैरिफ पर दबाव बना है, जिससे सरकार की आमदनी भी कम हुई है।
 
कमीशन के फैसले से वाकिफ एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, 'संस्था ने सेक्टर की हालत को लेकर गंभीर चिंता जाहिर की है और ट्राई से प्रमोशनल टैरिफ को लेकर उसके जून 2002 और सितंबर 2008 के फैसलों को लागू करने को कहा है।' जून 2002 के फैसले में कहा गया है कि टेलिकॉम कंपनियां 90 दिनों से अधिक समय तक प्रमोशनल ऑफर नहीं दे सकतीं। टेलिकॉम कमीशन ने जो नोट तैयार किया है, उसमें जियो की 90 दिनों से अधिक समय तक की फ्री सर्विस का जिक्र है। इसमें लिखा है, 'रिलायंस जियो इन्फोकॉम ने 5 सितंबर 2016 को सर्विस शुरू की थी और उसने पहला प्रमोशनल ऑफर 31 दिसंबर 2016 तक के लिए दिया था। यह ऑफर 90 दिनों से अधिक समय का था।'

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