नई दिल्ली। किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष में अब चौथा मोर्चा भी खुल जाएगा। रविवार 13 दिसंबर को सुबह 11 बजे NH-8 पर राजस्थान -हरियाणा बॉर्डर शाहजहांपुर (बहरोड़) से सैकड़ों वाहनों के साथ हजारों किसान दिल्ली की दिशा में कूच करेंगे। किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच वार्ता में गतिरोध आने के बाद आंदोलन को और मजबूत करने की दिशा में यह कदम उठाया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले हो रहे इस आंदोलन को और मजबूत करने के लिए राजस्थान के कोने कोने से तथा दक्षिणी हरियाणा के सभी जिलों के किसान शाहजहांपुर बॉर्डर से "दिल्ली चलो" की शुरुआत करेंगे।
इस कार्यक्रम में राजस्थान और हरियाणा के किसानों और किसान नेताओं के साथ राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता भी शामिल रहेंगे। इसमें सुश्री मेधा पाटकर, महाराष्ट्र से पूर्व सांसद राजू शेट्टी, सुश्री प्रतिभा शिंदे, अशोक धावले, तेलंगाना से वी वेंकटरमैया, केरल से कृष्ण प्रसाद, कर्नाटक से कविता कुरुगंती रहेंगे। हरियाणा से सत्यवान, प्रेम सिंह गहलावत, रमज़ान चौधरी पहुंच रहे हैं। राजस्थान से पूर्व विधायक अमरा राम, तारा सिंह सिद्धू, रंजीत राजू, कैलाश यादव, रामचंद्र और अन्य किसान नेता किसानों का नेतृत्व करेंगे। इस मोर्चे का संयोजन जय किसान आंदोलन (स्वराज अभियान) के नेता और संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय समिति के सदस्य योगेंद्र यादव करेंगे।
किसानों के दिल्ली कूच की लोकेशन यहां क्लिक कर देखें
बता दें कि राजधानी की ओर किसानों का काफिला बढ़ता ही जा रहा है। क्षेत्रीय स्तर पर भी प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तराखण्ड किसान सभा के प्रान्तीय अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने देहरादून जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। इसमें कहा गया है, ''अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 3 किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ देशव्यापी ऐतिहासिक किसान आन्दोलन के पश्चात केन्द्र सरकार की हठधर्मिता के कारण किसानों का ही नहीं अपितु देश की जनता का भी सरकार से मोहभंग हो रहा है।
केन्द्र सरकार किसान आन्दोलन को दरकिनार कर अडानी व अंम्बानी के दबाव में आकर तीनों कानूनों को वापिस न लेने पर आमदा है। 3 काले कानून वापिस न होने पर देश का कृषि संकट और अधिक गहराएगा और देश की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। देश की खेती किसानी कारपोरेट जगत के हवाले होने से आमजनता की कमर टूट जाऐगी। देश के सभी किसान संगठन आन्दोलन को निर्णायक दौर तक लड़ना चाहते हैं। महामहिम ,आपसे निवेदन है कि आप अपने प्रभाव का उपयोग करते हुऐ केन्द्र सरकार को तीनों कानूनों को निरस्त करने के लिये आवश्यक निर्देश जारी करने का कष्ट करें।''
इस कार्यक्रम में राजस्थान और हरियाणा के किसानों और किसान नेताओं के साथ राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता भी शामिल रहेंगे। इसमें सुश्री मेधा पाटकर, महाराष्ट्र से पूर्व सांसद राजू शेट्टी, सुश्री प्रतिभा शिंदे, अशोक धावले, तेलंगाना से वी वेंकटरमैया, केरल से कृष्ण प्रसाद, कर्नाटक से कविता कुरुगंती रहेंगे। हरियाणा से सत्यवान, प्रेम सिंह गहलावत, रमज़ान चौधरी पहुंच रहे हैं। राजस्थान से पूर्व विधायक अमरा राम, तारा सिंह सिद्धू, रंजीत राजू, कैलाश यादव, रामचंद्र और अन्य किसान नेता किसानों का नेतृत्व करेंगे। इस मोर्चे का संयोजन जय किसान आंदोलन (स्वराज अभियान) के नेता और संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्रीय समिति के सदस्य योगेंद्र यादव करेंगे।
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बता दें कि राजधानी की ओर किसानों का काफिला बढ़ता ही जा रहा है। क्षेत्रीय स्तर पर भी प्रदर्शन हो रहे हैं। उत्तराखण्ड किसान सभा के प्रान्तीय अध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह सजवाण ने देहरादून जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा है। इसमें कहा गया है, ''अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि 3 किसान विरोधी कानूनों के खिलाफ देशव्यापी ऐतिहासिक किसान आन्दोलन के पश्चात केन्द्र सरकार की हठधर्मिता के कारण किसानों का ही नहीं अपितु देश की जनता का भी सरकार से मोहभंग हो रहा है।
केन्द्र सरकार किसान आन्दोलन को दरकिनार कर अडानी व अंम्बानी के दबाव में आकर तीनों कानूनों को वापिस न लेने पर आमदा है। 3 काले कानून वापिस न होने पर देश का कृषि संकट और अधिक गहराएगा और देश की खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। देश की खेती किसानी कारपोरेट जगत के हवाले होने से आमजनता की कमर टूट जाऐगी। देश के सभी किसान संगठन आन्दोलन को निर्णायक दौर तक लड़ना चाहते हैं। महामहिम ,आपसे निवेदन है कि आप अपने प्रभाव का उपयोग करते हुऐ केन्द्र सरकार को तीनों कानूनों को निरस्त करने के लिये आवश्यक निर्देश जारी करने का कष्ट करें।''