हरियाणा पंजाब से केरल, तमिलनाडु तक सफल रहा बंद, सभी जगह महिलाओं की भागीदारी ने चौंकाया

Written by Navnish Kumar | Published on: September 27, 2021
भारत बंद का असर उत्तर भारत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब व बिहार से लेकर दक्षिण भारत के केरल व तमिलनाडु तक साफ नज़र आ रहा है। सड़कों व हाईवे से लेकर रेलवे ट्रेक तक किसानों ने सब जाम कर रखा है लेकिन जो सबसे चौंकाने वाली बात है वो यह है कि इन सारे कार्यक्रमों में महिलाओं की सबसे ज्यादा भागीदारी दिख रही है और वो पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि “हम सिर्फ़ एक संदेश देना चाहते हैं"।



वेस्ट यूपी, हरियाणा व पंजाब से लेकर बिहार तक इसके खासे प्रभाव में रहे तो दक्षिण भारत भी पीछे नहीं रहा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम की कुछ तस्वीरें पोस्ट की हैं जहाँ दुकाने बंद और सड़कें सूनी नज़र आ रही हैं। केरल में एलडीएफ़ और यूडीएफ़ से जुड़े ट्रेड यूनियन ने भारत बंद का समर्थन किया है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश व तेलंगाना में किसानों के साथ वहां के मजदूर संगठनों ने मोर्चा संभाला है। 



हरियाणा व पंजाब में बंद का सबसे अच्छा खासा असर दिख रहा है। वहां किसानों ने जगह-जगह रेल पटरियों को भी जाम कर दिया है। जिससे ट्रेनों की आवाजाही बुरी तरीके से प्रभावित हुई है। भारत बंद के दौरान शताब्दी और जन-शताब्दी के यात्रियों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ा। दरअसल, पंजाब के मानांवाला रेलवे स्टेशन पर धरना दे रहे किसानों ने दोनों गाड़ियों को रोक दिया। 

उत्तर रेलवे ने बताया, 'किसान संगठनों की ओर से बुलाए गए 'भारत बंद' के तहत किसान रेलवे ट्रेक पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस वजह से दिल्ली, अंबाला और फिरोजपुर मंडलों में रेल परिचालन प्रभावित है। दिल्ली संभाग में 20 से ज्यादा जगहों पर जाम लगा है। अंबाला व फिरोजपुर मंडल में 25 ट्रेनें प्रभावित हुई हैं।फिरोजपुर से लुधियाना, जालंधर, भटिंडा और अमृतसर से पठानकोट जालंधर जाने वाली ट्रेनों को रद्द किया गया है। इसके अलावा अमृतसर से फाजिल्का को जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं। सहारनपुर जंक्शन की बात करें तो किसान आंदोलन की वजह से पंजाब और हरियाणा की ओर से सुबह से कोई ट्रेन नहीं आ रही हैं। जबकि सहारनपुर चंडीगढ़ और जयनगर एक्सप्रेस ट्रेन सुबह से सहारनपुर रेलवे स्टेशन में रुकी हैं। ट्रेनों को सहारनपुर स्टेशन में ही खाली कराया जा रहा है। 

इसके अलावा किसान जगह जगह सड़कों पर इकट्ठा होकर कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं। अमृतसर समेत पंजाब के कई शहरों में किसानों के बंद के मद्देनज़र सुबह 5 बजे से ही पुलिस तैनात कर दी गई है। हरियाणा में तो शायद ही कोई सड़क बची हो जहां किसान न उतरे हों। कई जगहों की तस्वीरें आयी हैं जिसमें किसानों ने अपने ट्रैक्टरों को सड़क पर खड़ाकर वहां जाम लगा दिया है। इससे यातायात पूरी तरह से प्रभावित हो गया है।



इसके साथ ही बिहार में भी माले और राजद के कार्यकर्ता जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं और बंद को सफल बनाने में उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। पश्चिम बंगाल में भी बंद के दौरान किसानों ने जुलूस निकाले और जगह-जगह वो बंद कराते देखे गए। बिहार के हाजीपुर में आरजेडी नेता मुकेश भूषण समेत पार्टी के अन्य सदस्यों ने भारत बंद के तहत प्रदर्शन में हिस्सा लिया। बंद के कारण बिहार के हाजीपुर-मुज़फ़्फ़रपुर रोड और महात्मा गांधी सेतु पर ट्रैफ़िक प्रभावित हुआ। 



कृषि क़ानूनों के विरोध का केंद्र बने दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर भी सुबह से हलचल है। वहां प्रदर्शनकारी किसान नेता सुबह से ही भाषण दे रहे हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि बंद के दौरान एंबुलेंस को नहीं रोका जा रहा है। उन्होंने कहा, “हम सिर्फ़ एक संदेश देना चाहते हैं। हमने दुकानदारों से अपील की है कि वो शाम 4 बजे तक दुकानें बंद रखें।

खास है कि किसान नेताओं ने एक बार फिर 'भारत बंद' के जरिए अपनी ताकत दिखाने की कोशिश की है। संयुक्त किसान मोर्चा और भारतीय किसान यूनियन नेताओं के आह्वान पर हुए भारत बंद को सपा, बसपा, कांग्रेस, टीएमसी, आप, आरजेडी, जेडीएस, डीएमके और वाइएसआर कांग्रेस तथा वाम दलों सहित विपक्षी राजनीतिक दलों ने भी अपना पुरजोर समर्थन दिया है। उधर, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान आंदोलन को राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए। किसान सबके हैं और सरकार बड़ी संवेदनशीलता के साथ किसान यूनियनों के साथ आगे भी बातचीत करने के लिए तैयार है।

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