जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के संस्थापक और पूर्व आईएस शाह फैसल ने दिल्ली उच्च न्यायालय में खुद को दिल्ली के एयरपोर्ट से हिरासत में लिए जाने के खिलाफ याचिका दायर की है। फैसल की याचिका पर कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा है। कोर्ट इस मामले पर अगली तारीख 23 अगस्त तय की है।
बता दें कि 2011 बैच के आईएएस टॉपर शाह फैसल को पिछले दिनों दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया। बताया गया कि वह तुर्की की राजधानी इस्तांबुल जाने की कोशिश में थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही पकड़ लिया। फैसल को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया। उन्हें श्रीनगर ले जाकर नजरबंद किया गया है।
शाह फैसल ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी करने को लेकर एक ट्वीट किया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था। उन्होंने कहा था कि कश्मीरियों के पास दो ही रास्ते हैं, वे या तो कठपुतली बनें या अलगाववादी। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। फैसल ने ट्वीट कर कहा था कि राजनीतिक अधिकारों को फिर से पाने के लिए कश्मीर को लंबे, निरंतर और अहिंसक राजनीतिक आंदोलन की जरूरत है।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद फैसल ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट में सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि घाटी में लगातार पुलिस की कार्रवाई से करीब 80 लाख लोग बंदी के समान रहने को मजबूर हैं। इस तरह के हालात राज्य में पहले कभी नहीं थे। जीरो ब्रिज से एयरपोर्ट तक कुछ ही वाहन दिख रहे हैं। अन्य जगहें पूरी तरह बंद हैं। मरीजों को छोड़कर किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
बता दें कि 2011 बैच के आईएएस टॉपर शाह फैसल को पिछले दिनों दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में ले लिया गया। बताया गया कि वह तुर्की की राजधानी इस्तांबुल जाने की कोशिश में थे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही पकड़ लिया। फैसल को पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में लिया गया। उन्हें श्रीनगर ले जाकर नजरबंद किया गया है।
शाह फैसल ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 निष्प्रभावी करने को लेकर एक ट्वीट किया था, जिस पर काफी विवाद हुआ था। उन्होंने कहा था कि कश्मीरियों के पास दो ही रास्ते हैं, वे या तो कठपुतली बनें या अलगाववादी। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। फैसल ने ट्वीट कर कहा था कि राजनीतिक अधिकारों को फिर से पाने के लिए कश्मीर को लंबे, निरंतर और अहिंसक राजनीतिक आंदोलन की जरूरत है।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद फैसल ने फेसबुक पर अपनी पोस्ट में सरकार की आलोचना करते हुए कहा था कि घाटी में लगातार पुलिस की कार्रवाई से करीब 80 लाख लोग बंदी के समान रहने को मजबूर हैं। इस तरह के हालात राज्य में पहले कभी नहीं थे। जीरो ब्रिज से एयरपोर्ट तक कुछ ही वाहन दिख रहे हैं। अन्य जगहें पूरी तरह बंद हैं। मरीजों को छोड़कर किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है।