पूर्व आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने गुरूवार को अपनी हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी। दिल्ली हाईकोर्ट से फैसल ने कहा कि सैकड़ों कश्मीरियों को गैरकानूनी तरीके से हिरासत में लिया गया है और उनके पास कोई कानूनी सहायता उपलब्ध नहीं है इसलिए वह अपनी इस याचिका को वापस लेना चाहते हैं।
खबरों के मुताबिक इस संबंध में शाह फैसल की पत्नी की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया। जिसके बाद हाईकोर्ट ने फैसल को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। हलफनामे में उनकी पत्नी ने कोर्ट को बताया कि वह हाल ही में फैसल से हिरासत में मिली थीं, इस दौरान ही उनके पति ने उन्हें ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका’ वापस लेने को कहा।
हलफनामे में आगे कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के सैकड़ों निवासियों को गैर कानूनी तरीके से हफ्तों से हिरासत में रखा गया है। इनमें से कई या अधिकांश के पास कोई कानूनी परामर्श या अन्य उपाय नहीं हैं, मैं (शाह फैसल) अब अपने अवैध हिरासत के खिलाफ कानूनी उपाय के रूप में दायर की गई याचिका को आगे बढ़ाने की इच्छा नहीं रखता हूं। अदालत से अनुरोध करता हूं कि वह इस याचिका को वापस लेने की अनुमति दे।
अदालत में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति मनमोहन एवं न्यायमूर्ति संगीता धींगरा सहगल को बताया कि याचिका वापस लेने के लिए फैसल की पत्नी की ओर से दायर हलफनामे में जो बातें कही गई हैं, वह उन पर सहमत नहीं हैं।
खबरों के मुताबिक इस संबंध में शाह फैसल की पत्नी की ओर से हलफनामा दाखिल किया गया। जिसके बाद हाईकोर्ट ने फैसल को याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। हलफनामे में उनकी पत्नी ने कोर्ट को बताया कि वह हाल ही में फैसल से हिरासत में मिली थीं, इस दौरान ही उनके पति ने उन्हें ‘बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका’ वापस लेने को कहा।
हलफनामे में आगे कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के सैकड़ों निवासियों को गैर कानूनी तरीके से हफ्तों से हिरासत में रखा गया है। इनमें से कई या अधिकांश के पास कोई कानूनी परामर्श या अन्य उपाय नहीं हैं, मैं (शाह फैसल) अब अपने अवैध हिरासत के खिलाफ कानूनी उपाय के रूप में दायर की गई याचिका को आगे बढ़ाने की इच्छा नहीं रखता हूं। अदालत से अनुरोध करता हूं कि वह इस याचिका को वापस लेने की अनुमति दे।
अदालत में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति मनमोहन एवं न्यायमूर्ति संगीता धींगरा सहगल को बताया कि याचिका वापस लेने के लिए फैसल की पत्नी की ओर से दायर हलफनामे में जो बातें कही गई हैं, वह उन पर सहमत नहीं हैं।