मथुरा लोकसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं हेमामालिनी के खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। दरअसल हेमामालिनी ने जिला प्रशासन से इजाजत लिए बिना मथुरा के अजेही गांव में एक जनसभा को संबोधित किया, जो कि आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है। मथुरा के वृन्दावन थाने में हेमामालिनी के खिलाफ यह एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में हेमामालिनी के अलावा 2 अन्य लोगों का भी इस एफआईआर में नाम शामिल किया गया है। बता दें कि हेमामालिनी मथुरा से मौजूदा सांसद हैं और ऐलान कर चुकी हैं कि यह उनका आखिरी चुनाव है।
हेमामालिनी ने साल 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के चलते मथुरा से रालोद नेता जयंत चौधरी को हराया था। अब आगामी चुनावों के लिए भाजपा ने एक बार फिर से हेमामालिनी के नाम पर मुहर लगायी है। हेमामालिनी ने बीते हफ्ते मथुरा में चुनाव प्रचार शुरु कर दिया है। हालांकि इस बार हेमामालिनी की संसद की राह थोड़ी मुश्किल नजर आ रही है। दरअसल मथुरा में इस बार विपक्षी उम्मीदवारों द्वारा स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा उठाया जा रहा है। सपा-बसपा और रालोद के गठबंधन के तहत मथुरा लोकसभा सीट रालोद के खाते में गई है। रालोद ने मथुरा सीट पर कुंवर नरेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने महेश पाठक को टिकट दिया है।
मथुरा सीट पर मुकाबला कड़ा होने की जानकारी उसी दिन लग गई थी, जब हेमामालिनी ने यहां से पर्चा दाखिल किया था। दरअसल हेमामालिनी ने पर्चा दाखिल करने के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मथुरा में एक जनसभा को संबोधित किया। हैरानी की बात ये रही कि योगी आदित्यनाथ, जो कि भाजपा के स्टार कैंपेनर और कद्दावर नेता माने जाते हैं, उनकी जनसभा में भी बड़ी संख्या में कुर्सियां खाली रह गईं। हालांकि हेमामालिनी इस बार पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरी हैं और मथुरा के किसानों और मजदूरों के बीच पहुंचकर चुनाव प्रचार कर रही हैं। हाल ही में हेमामालिनी की कुछ तस्वीरें सामने आयी थीं, जिनमें वह खेतों में तो कभी ट्रैक्टर पर सवार नजर आयीं।
हेमामालिनी ने साल 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के चलते मथुरा से रालोद नेता जयंत चौधरी को हराया था। अब आगामी चुनावों के लिए भाजपा ने एक बार फिर से हेमामालिनी के नाम पर मुहर लगायी है। हेमामालिनी ने बीते हफ्ते मथुरा में चुनाव प्रचार शुरु कर दिया है। हालांकि इस बार हेमामालिनी की संसद की राह थोड़ी मुश्किल नजर आ रही है। दरअसल मथुरा में इस बार विपक्षी उम्मीदवारों द्वारा स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा उठाया जा रहा है। सपा-बसपा और रालोद के गठबंधन के तहत मथुरा लोकसभा सीट रालोद के खाते में गई है। रालोद ने मथुरा सीट पर कुंवर नरेंद्र सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने महेश पाठक को टिकट दिया है।
मथुरा सीट पर मुकाबला कड़ा होने की जानकारी उसी दिन लग गई थी, जब हेमामालिनी ने यहां से पर्चा दाखिल किया था। दरअसल हेमामालिनी ने पर्चा दाखिल करने के बाद उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मथुरा में एक जनसभा को संबोधित किया। हैरानी की बात ये रही कि योगी आदित्यनाथ, जो कि भाजपा के स्टार कैंपेनर और कद्दावर नेता माने जाते हैं, उनकी जनसभा में भी बड़ी संख्या में कुर्सियां खाली रह गईं। हालांकि हेमामालिनी इस बार पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में उतरी हैं और मथुरा के किसानों और मजदूरों के बीच पहुंचकर चुनाव प्रचार कर रही हैं। हाल ही में हेमामालिनी की कुछ तस्वीरें सामने आयी थीं, जिनमें वह खेतों में तो कभी ट्रैक्टर पर सवार नजर आयीं।