टिकरी बॉर्डर पर एक और युवा आंदोलनकारी किसान की मौत

Written by Sabrangindia Staff | Published on: February 16, 2021
नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों की वापसी व एमएसपी पर कानून लाने की मांग को लेकर लगातार किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। यहां दो सौ के लगभग किसान जान गंवा चुके हैं। सोमवार को टीकरी बॉर्डर पर आंदोलनरत एक और किसान की मौत हो गई। मृतक हरियाणा के जींद जिले के डाहौला गांव का रहने वाला था और 80 दिनों से यहां पर किसानों के साथ आंदोलनरत था। मृतक किसान कबड्डी का खिलाड़ी बताया जा रहा है। जींद जिले के डाहौला गांव निवासी पोमी शुरुआत से ही किसानों के साथ आंदोलन में शामिल थे।



उनकी उम्र करीब 25 वर्ष बताई गई है। किसान नेता विकास सीसर के मुताबिक, पोमी किसान आंदोलन में बहादुरगढ़ बाईपास पर जाखौदा गांव के नजदीक ठहरा था। रविवार की रात अचानक सीने में दर्द हुआ। साथी किसान उसे लेकर अस्पताल की तरफ जाने लगे तो रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। 

परिजनों को इसकी सूचना दी गई। सोमवार को गांव में अंतिम संस्कार किया गया। परिजनों ने पोमी की मौत पर किसी तरह की कोई पुलिस कार्रवाई से मना कर दिया। सीसर ने बताया कि परिवार में उसकी पत्नी रीना, एक बेटी सानवी, दो भाई मनवीर व उससे छोटा नरवीर, माता संतरो देवी, पिता रामकुमार हैं।

उधर, महेंद्रगढ़ के गांव आकोदा में फसल बर्बाद होने पर एक किसान ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। युवा किसान 10 एकड़ में खेती करता था, जिसमें लावारिस गोवंश से भारी नुकसान हुआ था। किसान भाग सिंह पर करीब दो लाख से अधिक का कर्ज था। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया। 

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