मुंबई। भाजपा मुंबई इकाई प्रमुख मंगल प्रताप लोढ़ा सांप्रदायिक बयान देकर मुश्किलों में घिर गए हैं। मुंबादेवी से बीजेपी-शिवसेना के उम्मीदवार पांडुरंग सकपाल के समर्थन में रैली में लोढ़ा ने आतंकवादी हमलों और दंगों का उदाहरण दिया था। इसमें साफ तौर पर उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय की तरफ इशारा किया था। इस मामले पर चुनाव आयोग ने लोढ़ा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
सकपाल के समर्थन में आयोजित रैली में लोढ़ा ने सांप्रदायिक रूप से आरोपित भाषण दिया था जिसमें दंगों और आतंकी हमलों के उदाहरणों का जिक्र किया था। इस भाषण में उन्होंने दावा किया था कि बैठक स्थल के 5 किमी के भीतर गलियों में बम और गोलियों का निर्माण किया गया था। जिन स्थानों का उन्होंने उल्लेख किया वे मुस्लिम बहुल आबादी वाले क्षेत्र हैं।
नोटिस मुंबादेवी रिटर्निंग ऑफिसर विश्वास गुजर द्वारा जारी किया गया है, जिन्होंने लोढ़ा के भाषण पर प्रतिक्रिया मांगी है। कुंभारवाड़ा में हुई बैठक में मौजूद चुनाव आयोग की टीम ने यह भाषण रिकॉर्ड किया था। इस रिकॉर्डिंग के आधार पर नोटिस जारी किया गया।
लोढ़ा ने 1992 के दंगों और विस्फोटों के बारे में बात की थी, जिसमें दावा किया गया था कि इसके लिए बम और गोलियों को यहां से 5 किमी के भीतर के इलाके की गलियों में निर्मित किया गया था। उन्होंने यह भी कहा था कि विधायक अमीन पटेल ने केवल 'एक विशेष समुदाय' के हितों को ध्यान में रखते हुए काम किया।
गुजर ने कहा कि इस मामले पर जल्द से जल्द जवाब मांगा गया है और चुनाव आयोग 48 घंटे के भीतर कार्रवाई के निष्कर्ष पर पहुंच जाएगा। यहां 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी कहा कि वह चुनाव आयोग के समक्ष आचार संहिता के 'गंभीर उल्लंघन' की औपचारिक शिकायत दर्ज कराएगी। एक बयान में, पार्टी ने कहा कि लोढ़ा की टिप्पणियां "घृणास्पद भाषण और उकसावे" से संबंधित हैं और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न सेक्सन के अंतर्गत आती हैं।
अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए काम करने वाले सिटिजंस ऑफ जस्टिस एंड पीस (CJP) ने लोढ़ा के खिलाफ मुख्य निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है कि उनका भाषण चुनाव आदर्श आचार संहिता के नियम 3 के उल्लंघन का एक स्पष्ट मामला है। CJP ने कहा कि यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (3A) का उल्लंघन है, जो धर्म, जाति या भाषा के आधार पर लोगों के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी और घृणा की भावनाओं को बढ़ावा देने की 'भ्रष्ट प्रथाओं' से संबंधित है।
CJP ने EC से शिकायत की है कि बीजेपी की मुंबई इकाई के अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाए और उन्हें बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया जाए।
नियमों के उल्लंघन के एक और गंभीर मामले में चुनाव आयोग ने बांद्रा (W) स्थित रिजवी स्प्रिंगफील्ड हाई स्कूल के प्रिंसिपल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें प्रिंसिपल पर आरोप है कि उन्होंने बुधवार को पेरेंट्स एंड टीचर्स एसोसिएशन (PTA) की बैठक के दौरान बीजेपी के जनसंपर्क अभियान के फॉर्म वितरित किए।
यह नोटिस बांद्रा (डब्ल्यू) रिटर्निंग ऑफिसर उमेश बिरारी ने जारी किया था, जिन्होंने 18 अक्टूबर, 2019 की शाम तक प्रिंसिपल से जवाब मांगा है। बरारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मीडिया रिपोर्ट के आधार पर हमने प्रिंसिपल के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हमें निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार आसिफ जकारिया से भी शिकायत मिली है। यदि मीडिया में आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। इसके विपरीत, अगर कोई सबूत नहीं है तो मामला छोड़ दिया जाएगा।”
अपने बचाव में, स्कूल ने राज्य चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि वह अभिभावकों के बीच आगामी चुनावों में सिर्फ मतदान करने के लिए जागरूकता पैदा करने की कोशिश कर रहा था। इसमें कहा गया है कि अभिभावकों ने गलती से इसे एक राजनीतिक पार्टी का प्रचार मान लिया।
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नोटिस मुंबादेवी रिटर्निंग ऑफिसर विश्वास गुजर द्वारा जारी किया गया है, जिन्होंने लोढ़ा के भाषण पर प्रतिक्रिया मांगी है। कुंभारवाड़ा में हुई बैठक में मौजूद चुनाव आयोग की टीम ने यह भाषण रिकॉर्ड किया था। इस रिकॉर्डिंग के आधार पर नोटिस जारी किया गया।
लोढ़ा ने 1992 के दंगों और विस्फोटों के बारे में बात की थी, जिसमें दावा किया गया था कि इसके लिए बम और गोलियों को यहां से 5 किमी के भीतर के इलाके की गलियों में निर्मित किया गया था। उन्होंने यह भी कहा था कि विधायक अमीन पटेल ने केवल 'एक विशेष समुदाय' के हितों को ध्यान में रखते हुए काम किया।
गुजर ने कहा कि इस मामले पर जल्द से जल्द जवाब मांगा गया है और चुनाव आयोग 48 घंटे के भीतर कार्रवाई के निष्कर्ष पर पहुंच जाएगा। यहां 21 अक्टूबर को चुनाव होने हैं।
आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी कहा कि वह चुनाव आयोग के समक्ष आचार संहिता के 'गंभीर उल्लंघन' की औपचारिक शिकायत दर्ज कराएगी। एक बयान में, पार्टी ने कहा कि लोढ़ा की टिप्पणियां "घृणास्पद भाषण और उकसावे" से संबंधित हैं और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न सेक्सन के अंतर्गत आती हैं।
अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए काम करने वाले सिटिजंस ऑफ जस्टिस एंड पीस (CJP) ने लोढ़ा के खिलाफ मुख्य निर्वाचन अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है कि उनका भाषण चुनाव आदर्श आचार संहिता के नियम 3 के उल्लंघन का एक स्पष्ट मामला है। CJP ने कहा कि यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123 (3A) का उल्लंघन है, जो धर्म, जाति या भाषा के आधार पर लोगों के विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी और घृणा की भावनाओं को बढ़ावा देने की 'भ्रष्ट प्रथाओं' से संबंधित है।
CJP ने EC से शिकायत की है कि बीजेपी की मुंबई इकाई के अध्यक्ष मंगल प्रभात लोढ़ा के खिलाफ आवश्यक कार्यवाही की जाए और उन्हें बिना शर्त माफी मांगने का निर्देश दिया जाए।
नियमों के उल्लंघन के एक और गंभीर मामले में चुनाव आयोग ने बांद्रा (W) स्थित रिजवी स्प्रिंगफील्ड हाई स्कूल के प्रिंसिपल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसमें प्रिंसिपल पर आरोप है कि उन्होंने बुधवार को पेरेंट्स एंड टीचर्स एसोसिएशन (PTA) की बैठक के दौरान बीजेपी के जनसंपर्क अभियान के फॉर्म वितरित किए।
यह नोटिस बांद्रा (डब्ल्यू) रिटर्निंग ऑफिसर उमेश बिरारी ने जारी किया था, जिन्होंने 18 अक्टूबर, 2019 की शाम तक प्रिंसिपल से जवाब मांगा है। बरारी ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मीडिया रिपोर्ट के आधार पर हमने प्रिंसिपल के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया है। हमें निर्वाचन क्षेत्र के कांग्रेस उम्मीदवार आसिफ जकारिया से भी शिकायत मिली है। यदि मीडिया में आरोप सत्य पाए जाते हैं, तो प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है। इसके विपरीत, अगर कोई सबूत नहीं है तो मामला छोड़ दिया जाएगा।”
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