मुजफ्फरपुर पहुंचे डॉ. कफील खान, फ्री कैंप लगाकर बच्चों दवाइयां बांटीं

Written by sabrang india | Published on: June 20, 2019
बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से लगातार बच्चे जान गंवा रहे हैं। इस बुखार से बच्चों की मौत का आंकड़ा 100 के पार चला गया है। गत 1 जून से लगातार बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं और दम तोड़ रहे हैं। ऐसे में मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में मीडिया का भी तांता लगा हुआ है। एंकर एंकरनियां नेता, मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री से सवाल पूछने के बजाय बैड और डॉक्टरों की कमी के लिए डॉक्टरों को ही हड़काते नजर आ रहे हैं। इस बीच कई पत्रकार, समाजसेवी और डॉक्टर इस बुखार के प्रति लोगों को जागरुक कर रहे हैं और उन्हें पानी, खाना जैसी बुनियादी जरुरतें दे रहे हैं। 

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आक्सीजन की कमी से हुई बच्चों की मौत के चलते चर्चाओँ में आए डॉक्टर कफील भी मुजफ्फरपुर पहुंचे और वहां कैंप लगाकर मरीजों को फ्री देख रहे हैं और उन्हें दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। 

बीआरडी में बच्चों की मौत के दौरान डॉ कफील खान सुर्खियों में रहे थे, उन्होंने दावा किया था कि बच्चों की जान बचाने के लिए उन्होंने अन्य अस्पतालों से संपर्क किया व अपनी जेब से ऑक्सीजन के कई सिलेंडर उपलब्ध कराए। लेकिन प्रशासनिक चक्रव्यूह के कारण उन्हें कई महीने तक जेल में रहना पड़ा था। कफील खान अब मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच अस्पताल में चमकी बुखार से जान गंवाते बच्चों की जान बचाने पहुंच गए हैं। 

इंसाफ मंच और डॉ कफील खान ने मुजफ्फरपुर के दामोदरपुर में मेडिकल कैम्प का आयोजन किया, जिसमें 300 बच्चों को चेकअप के बाद मुफ्त दवाइयां दी गईं। डाक्टरों की टीम में कफील खान के अलावा डॉ अरशद अंजुम, डॉ एन आजम, डॉ आशीष कुमार भी शामिल थे।

उन्होंने कहा कि SKMCH में 200 बेड वाले आइसीयू की तत्काल व्यवस्था सरकार को करनी चाहिए। कफील मंगलवार को मुजफ्फरपुर में हेल्थ कैंप लगाने पहुंचे थे, इस दौरान वह SKMCH अस्पताल भी गए। उन्होंने पीआईसीयू से लेकर वार्ड में भर्ती बच्चों को देखा और उनके परिजनों से बातचीत की। उन्होंने अस्पताल के सुपरिटेंडेंट और बच्चा विभाग के एचओडी से भी मुलाकात की और महामारी का रूप ले चुके चमकी बुखार के रोक-थाम के विषय पर विचार विमर्श किया।

बीआरडी मामले में डॉ कफील खान को बीते मई महीने में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी थी। शीर्ष अदालत ने उत्‍तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह डॉ कफील की बकाया राशि का भुगतान जल्‍द से जल्‍द करें। बता दें कि डॉ कफील ने अपने निलंबन को लेकर चल रही जांच को कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसके साथ ही डॉ कफील के खिलाफ चल रही जांच को तीन महीने में पूरा करने का आदेश दिया है। गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद डॉ कफील खान को गिरफ्तार कर लिया गया था। वे लगभग 7 महीने तक जेल में बंद रहे। अप्रैल 2018 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। हालांकि, उनके बकाए के भुगतान आदि में यूपी प्रशासन कोर्ट के आदेश के बावजूद लापरवाही कर रहा है। 

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