उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की नजरबंदी चिदंबरम-थरूर ने उठाए सवाल, कहा- लोकतांत्रिक आवाज को कुचल रही सरकार

Written by Sabrang India Staff | Published on: August 5, 2019
अनुच्छेद 370 और 35 ए पर हुए फैसले के दौरान जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को नजरबंद करने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कड़ी आपत्ति जताई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम और शशि थरूर ने सरकार की इस कार्रवाई का विरोध किया। शशि थरूर ने सवाल हुए कहा कि आखिर मुख्यधारा के नेताओं को आधी रात को क्यों गिरफ्तार किया जा रहा है? उन्होंने कहा कि अभी संसद का सत्र चल रहा है और हमारी आवाज को दबाया नहीं जा सकता है।



शशि थरूर ने कहा कि उमर अब्दुल्ला के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा कि आप अकेले नहीं हैं। हर लोकतांत्रिक भारतीय इसके विरोध में खड़ा होगा।

उन्होंने लिखा, 'जम्मू-कश्मीर में क्या चल रहा है? क्यों नेताओं को आधी रात को गिरफ्तार किया जा रहा है, जबकि उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है? यदि कश्मीरी हमारे नागरिक हैं और उनके नेता हमारे पार्टनर, निश्चित तौर आतकंवादियों और अलगाववादियों के खिलाफ किसी ऐक्शन से पहले मुख्यधारा के नेताओं को साथ रखा जाए। यदि हम उन्हें भी हटा देंगे, कौन बचेगा?’

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा है कि कश्मीर के नेताओं की नजरबंदी लोकतांत्रिक आवाज को कुचलने जैसा है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, "जम्मू-कश्मीर के नेताओं को घर में नजरबंद किया जाना इस बात का सिग्नल है कि सरकार अपने मकसद को हासिल करने के लिए सभी लोकतांत्रिक मूल्यों और सिद्धांतों को कुचल देगी। मैं उनकी नजरबंदी की आलोचना करता हूं।"

एक दूसरे ट्वीट में चिदंबरम ने कहा है कि दिन खत्म होने से पहले ही हमें बता दिया जाएगा क्या जम्मू-कश्मीर में कुछ गंभीर संकट होने वाला है। मैं इंतजार कर रहा हूं।

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