कोरोना को लेकर पीएम मोदी के वीडियो संदेश पर विपक्ष ने साधा निशाना, कहा- भविष्य का कोई विजन नहीं

Written by sabrang india | Published on: April 4, 2020
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से 25 मार्च को राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई।  उससे पहले कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए एक दिन का जनता कर्फ्यू भी लगाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद लोगों ने शाम पांच बजे ताली और थाली भी बजाई। वहीं इस बीच प्रधानमंत्री एक बार फिर एक वीडियो संदेश के जरिए जनता से फिर मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि पांच अप्रैल रात 9 बजे सभी लोग अपने घरों की बत्तियों को बुझा दें और सिर्फ 9 मिनट तक अपनी बॉलकनी या छत पर दीया, मोमबत्ती या मोबाइल की फ्लैश लाइट को रोशन करें। 



वहीं प्रधानमंत्री के इस संदेश को लेकर विपक्ष की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने ट्वीट कर कहा कि प्रधान शोमैन की बात सुनी। लोगों के दर्द, उनके बोझ, उनकी वित्तीय चिंताओं को कम करने के बारे में कुछ भी नहीं था। मामले के भविष्य को लेकर कोई विजन नहीं या लॉकडाउन के बाद की स्थिति पर कुछ भी साझा नहीं किया। 


पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि हम दीया जलाएंगे, लेकिन जवाब में अर्थशास्त्रियों की बात भी सुनें। उन्होंने ट्वीट कर कहा,“प्रधानमंत्री जी, हम आपकी सुनेंगे और पांच अप्रैल को दीया भी जलाएंगे। लेकिन बदले में आप हमारी, महामारी विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों की विवेकपूर्ण सलाह को सुनें।” पूर्व वित्त मंत्री ने यह दावा भी किया कि प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद कामकाजी वर्ग, कारोबारी और दिहाड़ी मजदूर निराश हुए जो आर्थिक विकास के लिए कुछ कदमों की उम्मीद लगाए हुए थे। उन्होंने कहा, “प्रतीकात्मकता महत्वपूर्ण है, लेकिन विचारों और कदमों को लेकर गंभीरता से सोचना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।”


वहीं कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा, “इन मसलों पर सरकार के कदम सुनने को नहीं मिले, वायरस को रोकना-टेस्टिंग किट्स-गरीबों को खाना पहुंचा-मजदूरों को आर्थिक मदद करना।” उन्होंने आगे कहा कि दीया किसी मकसद से जलाएं, अंधविश्वास के लिए नहीं।

इस संदेश पर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने टिप्पणी करते हुए कहा कि बाहर भी कम न होगी रोशनी, दिलों में उजाले बनाए रखिए।


दूसरी ओर सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि बत्तियां बुझाने और बॉलकनी में आनां? मिस्टर मोदी वास्तविकता देखें। भारत को जीडीपी के 8 से 10 फीसदी का फिस्कल पैकेज दीजिए।


महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक ने ट्वीट कर कहा, '9 बजे सुबह प्रधान मंत्री मोदी जीके भाषण से देश वासीयों के हाथ घोर निराशा ही लगी,सोचा था चूल्हा जलाने की बात होगी साहब दिया जलाने का उपदेश दे गए।'


वहीं कांग्रेस नेता उदितरात ने कहा, 'कभी थाली पिटवाते , कभी मोमबत्ती जलवाते हैं। कोई बताए कि कोरोना को लेकर क्या तैयारी है, पीपीई, मास्क , सेनेटायजर कि आपूर्ति का क्या प्लान है। कितने वेंटीलेटर हैं, कितने कि जरुरत है वो कहाँ से आयेंगे। अस्पतालों के क्या इन्तेजाम हैं, गरीब-मजदूर कैसे जिए इन सवालों का जवाब कौन देगा ?'

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