मुंबई। ऐसे समय में जब हासिये पर खड़े समाज और लोगों को मेनस्ट्रीम मीडिया नजरअदंज कर रहा है तब सोशल मीडिया आवाज उठाने के लिए एक विश्वसनीय स्त्रोत बनकर उभर रहा है। विश्व भर में और खासतौर पर भारत में सोशल मीडिया का उपयोग अपनी आवाज उठाने के लिए किया जा रहा है। सोशल मीडिया के जरिए लोग समाज के बहुत सारे अनछुए पहलुओं को भी बयान कर रहे हैं।
ऐसे में Citizens for Justice and Peace (CJP) सबरंग के सहयोग से एकदिवसीय कॉन्क्लेव कर रहा है जिसमें आप शरीक होकर आप पैनलिस्ट में शामिल हो सकते हैं। इस कार्यक्रम में समाजसेवी, पत्रकार, वकील औऱ गणमान्य बुद्धिजीवी शामिल होंगे। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल, राजदीप सरदेशाई, अभिसार शर्मा आरफा खानम शेरवानी, सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट प्रशांत भूषण, टीवी एक्टर और राजनेता प्रकाश राज, सामाजिक कार्यकर्ता नंदिता दास, जेएनयू के छात्र उमर खालिद, छात्रनेता रिचा सिंह आदि पैनलिस्टों को सुनने का सुनहरा मौका है।
इस एक दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य
इस एक दिवसीय कार्यक्रम का मूल उद्देश्य सोशल मीडिया और लोकतंत्र के संबंध पर चर्चा करना है जो संवाद के रिक्त स्थान को पूरा करेगा। सोशल मीडिया ना तो पूरी तरह लोकतांत्रिक है और ना ही अलोकतांत्रिक, बल्कि एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें राजनीतिक सत्ता के लिए भी बहस की जा सकती है। ऐसे समय में जब हम भारत जैसे गणराज्य में रहते हों और संवैधानिक हों तब इसकी आवश्यकता ज्यादा होती है।
तो आइए चर्चा करें, बातचीत करें, संवाद करें।
अगर आप भारत में हैं और इस इवेंट का हिस्सा बनना चाहते हैं तो https://netizensfordemocracy.in/ पर विजिट कर रजिस्टर करें।
तारीख: 19 जनवरी 2019 (शनिवार)
स्थान: मुंबई, इंडिया
आभार
पत्रकार, कार्यकर्ता और शिक्षाविद तीस्ता सीतलवाड
ऐसे में Citizens for Justice and Peace (CJP) सबरंग के सहयोग से एकदिवसीय कॉन्क्लेव कर रहा है जिसमें आप शरीक होकर आप पैनलिस्ट में शामिल हो सकते हैं। इस कार्यक्रम में समाजसेवी, पत्रकार, वकील औऱ गणमान्य बुद्धिजीवी शामिल होंगे। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल, राजदीप सरदेशाई, अभिसार शर्मा आरफा खानम शेरवानी, सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट प्रशांत भूषण, टीवी एक्टर और राजनेता प्रकाश राज, सामाजिक कार्यकर्ता नंदिता दास, जेएनयू के छात्र उमर खालिद, छात्रनेता रिचा सिंह आदि पैनलिस्टों को सुनने का सुनहरा मौका है।
इस एक दिवसीय कार्यक्रम का उद्देश्य
इस एक दिवसीय कार्यक्रम का मूल उद्देश्य सोशल मीडिया और लोकतंत्र के संबंध पर चर्चा करना है जो संवाद के रिक्त स्थान को पूरा करेगा। सोशल मीडिया ना तो पूरी तरह लोकतांत्रिक है और ना ही अलोकतांत्रिक, बल्कि एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें राजनीतिक सत्ता के लिए भी बहस की जा सकती है। ऐसे समय में जब हम भारत जैसे गणराज्य में रहते हों और संवैधानिक हों तब इसकी आवश्यकता ज्यादा होती है।
तो आइए चर्चा करें, बातचीत करें, संवाद करें।
अगर आप भारत में हैं और इस इवेंट का हिस्सा बनना चाहते हैं तो https://netizensfordemocracy.in/ पर विजिट कर रजिस्टर करें।
तारीख: 19 जनवरी 2019 (शनिवार)
स्थान: मुंबई, इंडिया
आभार
पत्रकार, कार्यकर्ता और शिक्षाविद तीस्ता सीतलवाड