पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाने वाली लॉ स्टूडेंट के परिजनों ने मामले की जांच करने वाली एसआईटी पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। बता दें कि छात्रा की मां ने सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट को चिट्ठी लिखी है।
गौरतलब है कि लॉ स्टूडेंट ने चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया है। वहीं, छात्रा पर पूर्व केंद्रीय मंत्री से रंगदारी मांगने का आरोप है। दोनों ही मामलों की जांच एसआईटी ने की थी। लॉ स्टूडेंट की मां ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया कि एसआईटी के अफसरों ने उन्हें केस में फंसाने की धमकी दी थी। हालांकि, एसआईटी के चीफ आईजी नवीन अरोड़ा ने आरोपों को सिरे से दरकिनार किया। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रताड़ित करने का तो सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि वे इस मामले में आरोपी नहीं हैं।
जानकारी के मुताबिक, लॉ स्टूडेंट के भाई ने भी मंगलवार को हाई कोर्ट में एक एफिडेविट पेश किया। उसने एसआईटी के अफसरों पर कथित रूप से प्रताड़ित करने, मारपीट करने व अपने परिवार के सदस्यों को केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया। साथ ही, कोर्ट से अपील की कि वह एसआईटी के अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करे। छात्रा के भाई का आरोप है कि अधिकारी उन लोगों से भी पूछताछ कर रहे थे, जिन्होंने चिन्मयानंद के अत्याचारों का वीडियो बनाने के लिए जासूसी चश्मों का इस्तेमाल किया। साथ ही, कोर्ट से मामले की जांच के लिए नई टीम बनाने के निर्देश देने का भी आग्रह किया।
जानकारी के मुताबिक, छात्रा की मां ने 2 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के नाम चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने बताया, ‘‘एक नवंबर को शाहजहांपुर में एसआईटी ऑफिस की ओर से उन्हें एक समन भेजा गया और उन्हें, उनके पति व बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया गया। टीम के अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान उन्हें धमकाया। साथ ही, मीडिया में किसी भी तरह का बयान देने से मना किया। पूछताछ के दौरान एक महिला अधिकारी ने मेरे साथ मारपीट की। वहीं, दूसरे अफसर ने हमें केस में फंसाने की धमकी दी।’’ बता दें कि चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने व ब्लैकमेल करने के आरोप में लॉ स्टूडेंट व 3 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। फिलहाल, वे सभी जेल में हैं।
अपने एफिडेविट में लॉ स्टूडेंट के भाई ने कहा कि हमारा परिवार एसआईटी की पक्षपाती जांच को लेकर पहले भी विरोध जताता रहा है। ऐसा लग रहा है कि चिन्मयानंद की जमानत याचिका का विरोध करने के चलते उन्हें परेशान किया जा रहा है। भाई ने दावा किया कि उसकी मां को चोटें लगीं, लेकिन परिवार ने मेडिकल जांच कराने की हिम्मत नहीं जुटाई। इसकी वजह यह है कि वे लगातार एसआईटी की निगरानी में रहते हैं। इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस ने पीड़ित परिवार से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन कॉल्स पर कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया। हालांकि, उनके वकील ने एफिडेविट फाइल करने की पुष्टि की है।
गौरतलब है कि लॉ स्टूडेंट ने चिन्मयानंद पर रेप का आरोप लगाया है। वहीं, छात्रा पर पूर्व केंद्रीय मंत्री से रंगदारी मांगने का आरोप है। दोनों ही मामलों की जांच एसआईटी ने की थी। लॉ स्टूडेंट की मां ने अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया कि एसआईटी के अफसरों ने उन्हें केस में फंसाने की धमकी दी थी। हालांकि, एसआईटी के चीफ आईजी नवीन अरोड़ा ने आरोपों को सिरे से दरकिनार किया। उन्होंने कहा कि उन्हें प्रताड़ित करने का तो सवाल ही नहीं उठता, क्योंकि वे इस मामले में आरोपी नहीं हैं।
जानकारी के मुताबिक, लॉ स्टूडेंट के भाई ने भी मंगलवार को हाई कोर्ट में एक एफिडेविट पेश किया। उसने एसआईटी के अफसरों पर कथित रूप से प्रताड़ित करने, मारपीट करने व अपने परिवार के सदस्यों को केस में फंसाने की धमकी देने का आरोप लगाया। साथ ही, कोर्ट से अपील की कि वह एसआईटी के अफसरों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करे। छात्रा के भाई का आरोप है कि अधिकारी उन लोगों से भी पूछताछ कर रहे थे, जिन्होंने चिन्मयानंद के अत्याचारों का वीडियो बनाने के लिए जासूसी चश्मों का इस्तेमाल किया। साथ ही, कोर्ट से मामले की जांच के लिए नई टीम बनाने के निर्देश देने का भी आग्रह किया।
जानकारी के मुताबिक, छात्रा की मां ने 2 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के नाम चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने बताया, ‘‘एक नवंबर को शाहजहांपुर में एसआईटी ऑफिस की ओर से उन्हें एक समन भेजा गया और उन्हें, उनके पति व बेटे को पूछताछ के लिए बुलाया गया। टीम के अधिकारियों ने पूछताछ के दौरान उन्हें धमकाया। साथ ही, मीडिया में किसी भी तरह का बयान देने से मना किया। पूछताछ के दौरान एक महिला अधिकारी ने मेरे साथ मारपीट की। वहीं, दूसरे अफसर ने हमें केस में फंसाने की धमकी दी।’’ बता दें कि चिन्मयानंद से 5 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगने व ब्लैकमेल करने के आरोप में लॉ स्टूडेंट व 3 अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। फिलहाल, वे सभी जेल में हैं।
अपने एफिडेविट में लॉ स्टूडेंट के भाई ने कहा कि हमारा परिवार एसआईटी की पक्षपाती जांच को लेकर पहले भी विरोध जताता रहा है। ऐसा लग रहा है कि चिन्मयानंद की जमानत याचिका का विरोध करने के चलते उन्हें परेशान किया जा रहा है। भाई ने दावा किया कि उसकी मां को चोटें लगीं, लेकिन परिवार ने मेडिकल जांच कराने की हिम्मत नहीं जुटाई। इसकी वजह यह है कि वे लगातार एसआईटी की निगरानी में रहते हैं। इस मामले में इंडियन एक्सप्रेस ने पीड़ित परिवार से बात करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने फोन कॉल्स पर कोई रेस्पॉन्स नहीं दिया। हालांकि, उनके वकील ने एफिडेविट फाइल करने की पुष्टि की है।