छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के लिए मतदान तो हो चुका है, लेकिन परिणाम सभी 5 राज्यों के साथ ही आना है। विधानसभा चुनावों में सरकार बनाने के सबके अपने-अपने दावे हैं, लेकिन आश्वस्त कोई भी नहीं है। ऐसे में करीब 5 महीने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों के संभावित नतीजों के बारे में आकलन लगाना आसान भी है और मुश्किल भी।
Image Courtesy: Indian Express
पिछले लोकसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ में 11 में से 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। विधानसभा चुनावों में मामूली वोट प्रतिशत के अंतर के साथ वह सरकार बनाने में सफल रही थी।
इस बार भाजपा के अनूकूल हवा नहीं है, लेकिन उसे विश्वास है कि अजीत जोगी और बहुजन समाज पार्टी गैर भाजपा विरोधी मतों का बंटवारा कर देंगे जिससे कांग्रेस का नुकसान होगा और भाजपा किसी न किसी तरह से सरकार बनाने में सफल हो जाएगी।
अगर कांग्रेस या अजीत जोगी-बीएसपी गठबंधन सरकार बनाने में सफल हो जाते हैं तब तो यह तय है कि लोकसभा चुनावों में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। विधानसभा चुनावों में कौन-सा समीकरण काम करता है, इसको देखते ही लोकसभा चुनावों में गठबंधन किए जाएंगे, जिसका भी नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है।
अगर भाजपा किसी न किसी तरह सरकार बना भी लेती है तब भी लोकसभा चुनावों में वह 2014 की तरह सफलता दोहराने में सफल नहीं हो सकती। बहुत कुछ अच्छा रहा तो वह 11 में से 6 या 7 सीटें जीत सकेगी। इसके अलावा, अगर कांग्रेस ने जोगी और बसपा से गठबंधन कर लिया तब विधानसभा चुनावों में जीत के बावजूद, भाजपा को लोकसभा चुनावों में लेने के देने पड़ सकते हैं।
कुल मिलाकर, इसमें कोई दो राय नहीं है, कि भाजपा लोकसभा चुनावों में पिछली बार का प्रदर्शन दोहरा नहीं पाएगी और उसे 4 से 8 सीटों तक का नुकसान हो सकता है। आखिर, इन चुनावों को लोकसभा चुनावों का सेमिफाइनल वैसे ही नहीं कहा जा रहा है।
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पिछले लोकसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ में 11 में से 10 लोकसभा सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की थी। विधानसभा चुनावों में मामूली वोट प्रतिशत के अंतर के साथ वह सरकार बनाने में सफल रही थी।
इस बार भाजपा के अनूकूल हवा नहीं है, लेकिन उसे विश्वास है कि अजीत जोगी और बहुजन समाज पार्टी गैर भाजपा विरोधी मतों का बंटवारा कर देंगे जिससे कांग्रेस का नुकसान होगा और भाजपा किसी न किसी तरह से सरकार बनाने में सफल हो जाएगी।
अगर कांग्रेस या अजीत जोगी-बीएसपी गठबंधन सरकार बनाने में सफल हो जाते हैं तब तो यह तय है कि लोकसभा चुनावों में भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। विधानसभा चुनावों में कौन-सा समीकरण काम करता है, इसको देखते ही लोकसभा चुनावों में गठबंधन किए जाएंगे, जिसका भी नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है।
अगर भाजपा किसी न किसी तरह सरकार बना भी लेती है तब भी लोकसभा चुनावों में वह 2014 की तरह सफलता दोहराने में सफल नहीं हो सकती। बहुत कुछ अच्छा रहा तो वह 11 में से 6 या 7 सीटें जीत सकेगी। इसके अलावा, अगर कांग्रेस ने जोगी और बसपा से गठबंधन कर लिया तब विधानसभा चुनावों में जीत के बावजूद, भाजपा को लोकसभा चुनावों में लेने के देने पड़ सकते हैं।
कुल मिलाकर, इसमें कोई दो राय नहीं है, कि भाजपा लोकसभा चुनावों में पिछली बार का प्रदर्शन दोहरा नहीं पाएगी और उसे 4 से 8 सीटों तक का नुकसान हो सकता है। आखिर, इन चुनावों को लोकसभा चुनावों का सेमिफाइनल वैसे ही नहीं कहा जा रहा है।