नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ सरकार ने बीते बुधवार को देर रात पुलिस विभाग में बड़े फेरबदल किए। भूपेश सरकार ने दो रेंज के आईजी बदल दिए। इसके साथ ही रमन सरकार में बस्तर आईजी की जिम्मेदारी निभाते हुए विवादों में रहे एसआरपी कल्लूरी को भी भूपेश सरकार ने बड़ी जिम्मेदारी दी है।
किसी समय कल्लूरी को आदिवासियों का दमन करने वाला दुर्दांत अधिकारी बताने वाले भूपेश बघेल ने एसआरपी कल्लूरी को एंटी करप्शन ब्यूरो और ईओडब्ल्यू जैसे महत्वपूर्ण विभाग का आईजी बनाया है। सरकार के इस निर्णय पर चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है।
भूपेश सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में रायपुर और दुर्ग रेंज के आईजी भी बदल दिए गए हैं। आईपीएस डॉ। आनंद छाबड़ा रायपुर के प्रभारी आईजी बनाए गए हैं। इसके साथ ही रतनलाल डांगी को दुर्ग रेंज का आईजी बनाया गया है। दोनों पूर्व आईजी जीपी सिंह और दीपांशु काबरा को पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया गया है। डॉ। आनंद छाबड़ा पहले विशेष सचिव गृह थे। इसके अलावा रतनलाल डांगी दंतेवाड़ा के डीआईजी थे।
इनके साथ ही सरकार ने आईपीएस अरुण देव गौतम को नया गृह सचिव बनाया है। एसआरपी कल्लूरी को मुकेश गुप्ता के स्थानांतरण के बाद रिक्त पद पर पदस्थ किया गया है। कल्लूरी साल 1994 बैच के आईपीएस हैं। बता दें कि बस्तर में आईजी रहते हुए कल्लूरी काफी विवादों में रहे थे। मानवअधिकार कार्यकर्ताओं और आदिवासियों पर फर्जी मामले दर्ज कर उन्हें जेल में डालने के आरोप भी कल्लूरी पर लगे। बढ़ते विवाद के बाद तत्कालीन रमन सरकार ने उन्हें बस्तर से हटा कर पीएचक्यू में अटैच कर दिया था।
कल्लूरी ने जिन 1200 नक्सलियों का आत्मसमर्पण करवाकर शोहरत बटोरी, उसकी पोल सरकार द्वारा ही गठित एक कमेटी ने खोल दी। कमेटी के मुताबिक 1200 में से केवल तीन नक्सली थे। बाकी सब निर्दोष आदिवासी। कल्लूरी के काल में कई पत्रकार और समाजसेवी कार्यकर्ता अपने आप को असुरक्षित महसूस करते आए हैं।
कल्लूरी के खिलाफ रेप के भी आरोप लगे हैं। लेदा नामक महिला ने आरोप लगाया कि कल्लूरी ने उसके नक्सली पति को आत्मसमर्पण के लिए बुलाया लेकिन उसे गिरफ्तार न करके उसे गोली मार दी और खुद उसके साथ रेप किया।
2016 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कल्लूरी से मानवाधिकार के उल्लंघन मामले में लगे आरोप पर सफाई भी मांगी लेकिन कल्लूरी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।
किसी समय कल्लूरी को आदिवासियों का दमन करने वाला दुर्दांत अधिकारी बताने वाले भूपेश बघेल ने एसआरपी कल्लूरी को एंटी करप्शन ब्यूरो और ईओडब्ल्यू जैसे महत्वपूर्ण विभाग का आईजी बनाया है। सरकार के इस निर्णय पर चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया है।
भूपेश सरकार द्वारा जारी किए गए आदेश में रायपुर और दुर्ग रेंज के आईजी भी बदल दिए गए हैं। आईपीएस डॉ। आनंद छाबड़ा रायपुर के प्रभारी आईजी बनाए गए हैं। इसके साथ ही रतनलाल डांगी को दुर्ग रेंज का आईजी बनाया गया है। दोनों पूर्व आईजी जीपी सिंह और दीपांशु काबरा को पुलिस मुख्यालय में पदस्थ किया गया है। डॉ। आनंद छाबड़ा पहले विशेष सचिव गृह थे। इसके अलावा रतनलाल डांगी दंतेवाड़ा के डीआईजी थे।
इनके साथ ही सरकार ने आईपीएस अरुण देव गौतम को नया गृह सचिव बनाया है। एसआरपी कल्लूरी को मुकेश गुप्ता के स्थानांतरण के बाद रिक्त पद पर पदस्थ किया गया है। कल्लूरी साल 1994 बैच के आईपीएस हैं। बता दें कि बस्तर में आईजी रहते हुए कल्लूरी काफी विवादों में रहे थे। मानवअधिकार कार्यकर्ताओं और आदिवासियों पर फर्जी मामले दर्ज कर उन्हें जेल में डालने के आरोप भी कल्लूरी पर लगे। बढ़ते विवाद के बाद तत्कालीन रमन सरकार ने उन्हें बस्तर से हटा कर पीएचक्यू में अटैच कर दिया था।
कल्लूरी ने जिन 1200 नक्सलियों का आत्मसमर्पण करवाकर शोहरत बटोरी, उसकी पोल सरकार द्वारा ही गठित एक कमेटी ने खोल दी। कमेटी के मुताबिक 1200 में से केवल तीन नक्सली थे। बाकी सब निर्दोष आदिवासी। कल्लूरी के काल में कई पत्रकार और समाजसेवी कार्यकर्ता अपने आप को असुरक्षित महसूस करते आए हैं।
कल्लूरी के खिलाफ रेप के भी आरोप लगे हैं। लेदा नामक महिला ने आरोप लगाया कि कल्लूरी ने उसके नक्सली पति को आत्मसमर्पण के लिए बुलाया लेकिन उसे गिरफ्तार न करके उसे गोली मार दी और खुद उसके साथ रेप किया।
2016 में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कल्लूरी से मानवाधिकार के उल्लंघन मामले में लगे आरोप पर सफाई भी मांगी लेकिन कल्लूरी ने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया।