बिलासपुर सहकारी बैंक में भर्ती घोटाला

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: September 10, 2018
बिलासपुर के जिला सहकारी बैंक में एक बड़े भर्ती घोटाले में 32 लोगों को बर्खास्त कर दिया गया है।

2012-14 में हुए इस भर्ती घोटाले में पंजीयक ने जांच की जिसके बाद आरोप सही पाए गए और 32 लोगों को बर्खास्त कर दिया गया है। उस दौरान कुल 49 पदों पर भर्ती हुई थी जिनमें शाखा प्रबंधक, पर्यवेक्षक, चपरासी आदि शामिल थे।

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(Courtesy: Patrika.com)


ऐसे आरोप लगे थे कि इनकी भर्तियां फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हुई है। मामला सामने आने के बाद संयुक्त पंजीयक की टीम ने मामले की जांच की और रिपोर्ट पंजीयक को सौंपी थी।

जिला सहकारी बैंक की स्टाफ कमेटी ने व्यक्तिगत सुनवाई में भी संतोषप्रद जवाब नहीं पाया जिसके बाद अब 32 कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश जारी किया गया है।

पत्रिका की खबर के अनुसार बर्खास्त किए गए कर्मचारी-अधिकारियों में तत्कालीन सीईओ विकास गुरूदीवान, अधीक्षक संदीप जायसवाल, पर्यवेक्षक परेश गौतम और अन्य शामिल हैं।

करीब 49 कर्मचारियों-अधिकारियों पर फर्जी अंकसूची के आधार पर नौकरी पाने का आरोप लगा था लेकिन इनमें से करीब एक दर्जन के खिलाफ शिकायत सही नहीं पाई गई। बाकी 32 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया। कलेक्टर पी. दयानन्द के आदेश और उप-पंजीयक के निर्देश के बाद ढारगावे की रिपोर्ट पर सुनवाई के दौरान फर्जी अंकसूची धारक कर्मचारी और अधिकारी पेश ही नहीं हुए।

मामला तब सामने आया जब किसानों की राशि गबन के मामले की जांच हो रही थी। जांच के दौरान पता चला कि विकास गुरूदिवान और संदीप जायसवाल समेत एक दर्जन से अधिक कर्मचारियों ने वित्तीय अनियमितिताएं की हैं।
 

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