बिलासपुर: प्रसूता के साथ लापरवाही

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: August 29, 2018
आंखफोड़वा कांड और गर्भाशय कांड के लिए बदनाम छत्तीसगढ़ में अस्पतालों में मरीजों के साथ खिलवाड़ जारी है।

एक चौंकाने वाला मामला कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सामने आया है जहां एक प्रसूता को उस हालत में ही जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया जबकि बच्चे का हाथ बाहर आ चुका था।

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(courtesy: 
naidunia.jagran.com) 


ये मामला करगी रोड निवासी सरिता मानिकपुरी के साथ हुआ है। सरिता के पेट में जुड़वां बच्चे पल रहे थे। सोमवार की सुबह उसे तेज प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटा ले गए, जहां एक नवजात ने दम तोड़ दिया, जबकि दूसरे नवजात का हाथ गर्भाशय के बाहर था।

नईदुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, प्रसूता को इसी हालत में स्थानीय चिकित्सक ने महिला को नवीन जिला अस्पताल स्थित जच्चा-बच्चा केंद्र रेफर कर दिया। इस दौरान स्त्री रोग विभाग की ओपीडी में तीन चिकित्सक आपस में चर्चा कर रहे थे। तभी गर्भवती महिला अस्पताल पहुंची। एक महिला चिकित्सक ने उसकी ओटी में ले जाकर जांच की। इसके बाद यहां ऑपरेशन करना छोड़ महिला के पड़ोसी के हाथ में सिम्स रेफर किए जाने का कागज थमा दिया।

इस दौरान गर्भवती महिला प्रसव के लिए दर्द से तड़पती रही, लेकिन किसी को भी तरस नहीं आया। आखिरकार उसे यहां महतारी एक्सप्रेस से सिम्स रेफर किया गया।

प्रसूता दोपहर डेढ़ बजे के करीब बिलासपुर में सिम्स पहुंची। जहां गायनिक विभाग की चिकित्सकों ने उसकी जांच की। महिला और नवजात की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे तत्काल इमरजेंसी ऑपरेशन थियेटर शिफ्ट कर दिया गया और उसका ऑपरेशन किया गया। अब तमाम अधिकारी इस मामले पर बोलने से बच रहे हैं।
 

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