बिलासपुर:अस्पतालों में बदइंतजामी से मरीजों की हालत खराब

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: August 30, 2018
बिलासपुर समेत पूरे छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली की खबरें आम हो गई हैं। अस्पताल के कर्मचारियों और डॉक्टरों का मरीजों के प्रति संवेदनहीन बरताव लगातार बढ़ता जा रहा है। नतीजतन संपन्न लोग तो सीधे प्राइवेट अस्पतालों का ही रुख करते हैं, जबकि गरीब मरीज परेशानी झेलते रहते हैं।

ऐसा ही मामला बिलासपुर के जच्चा-बच्चा अस्पताल में देखने को मिला। मंगलवार को सोनोग्राफी की जांच एक घंटे पहले ही बंद कर दी गई जिसके बाद मरीजों और उनके परिजनों ने काफी हंगामा काटा।

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(Representative image. Courtesy: Omihub)



नईदुनिया की रिपोर्ट के अनुसार, मरीज डॉक्टर की सलाह पर निर्धारित फीस देकर सोनोग्राफी जांच कराने पहुंचे और लंबी लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार करने लगे, लेकिन दोपहर एक बजे एक कर्मचारी ने ऐलान कर दिया कि अब किसी और मरीज की जांच नहीं होगी।

घंटों से अपनी बारी का इंतजार कर रहे मरीजों का इस पर गुस्सा भड़क गया। लोगों ने डॉक्टरों और कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाया और काफी हंगामा किया।

मरीजों को इसके पहले पर्ची काउंटर पर भी परेशान होना पड़ा था। वहां केवल एक कर्मचारी होने के कारण बहुत ज्यादा समय लग रहा था। बदइंतजामी इस कदर होती है कि मरीजों का आपस में भी झगड़ा हो जाता है।

जिला अस्पताल में बिजली की भी समस्या रहती है। मंगलवार की सुबह भी 11 बजे बिजली चली जाने से अस्पताल का काम प्रभावित हुआ। बिजली न रहने पर जांचें ही बंद करनी पड़ीं और करीब दो घंटे बाद ही बिजली आने पर सामान्य स्थिति बहाल हो पाई।
 

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