जयपुर। राजस्थान में चुनाव के निराशजनक परिणाम के बाद जनता के बीच पैठ बनाने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ठोस कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने 1 जून से सभी एसपी ऑफिस में प्राथमिकी दर्ज कराने की व्यवस्था शुरू करने का निर्णय लिया है। बीते कुछ समय से कुछ अपराधों पर प्राथमिकी दर्ज न कराए जाने को लेकर यह फैसला लिया गया है।
बुधवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘थाने की ओर से मामला पंजीबद्ध न करने के हर मामले की जांच गंभीरता से की जाएगी। यदि मामला सही मिलता है तो संबंधित पुलिस कर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।‘ मुख्यमंत्री गहलोत ने अधिकारियों को इसका पूरे राज्य में सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिया है।
वहीं बैठक में मौजूद पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने बताया कि थाने में मामला न लिखे जाने पर परिवादी एसपी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दे सकेगा। एसपी कार्यालय परिवादी से थाने में मामला दर्ज न करने के तथ्य की पुष्टि करेगा। इसके बाद प्रकरण के संबंध में एसपी कार्यालय में सीसीटीएनएस के माध्यम से ऑनलाइन एफआईआर दर्ज की जाएगी।
फिलहाल इस निर्णय के बाद राज्य के नागरिक थाने में एफआईआर दर्ज न हो पाने की स्थिति में एसपी कार्यालय में भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी। एक जून से यह सुविधा राज्य के हर एसपी कार्यालय में उपलब्ध होगी।
बुधवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘थाने की ओर से मामला पंजीबद्ध न करने के हर मामले की जांच गंभीरता से की जाएगी। यदि मामला सही मिलता है तो संबंधित पुलिस कर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई होगी।‘ मुख्यमंत्री गहलोत ने अधिकारियों को इसका पूरे राज्य में सख्ती से पालन कराने के निर्देश दिया है।
वहीं बैठक में मौजूद पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ने बताया कि थाने में मामला न लिखे जाने पर परिवादी एसपी कार्यालय में प्रार्थना पत्र दे सकेगा। एसपी कार्यालय परिवादी से थाने में मामला दर्ज न करने के तथ्य की पुष्टि करेगा। इसके बाद प्रकरण के संबंध में एसपी कार्यालय में सीसीटीएनएस के माध्यम से ऑनलाइन एफआईआर दर्ज की जाएगी।
फिलहाल इस निर्णय के बाद राज्य के नागरिक थाने में एफआईआर दर्ज न हो पाने की स्थिति में एसपी कार्यालय में भी एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी। एक जून से यह सुविधा राज्य के हर एसपी कार्यालय में उपलब्ध होगी।