छात्रों ने शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका, कहा- "नई शिक्षा नीति कर रही शिक्षा का बाजारीकरण।"
"2014 के बाद पहली बार है जब बड़े पैमाने पर छात्र फीस वृद्धि के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं। बुधवार को बीएचयू आयुर्वेद संकाय में पीजी की फीस वृद्धि को लेकर छह दिन से धरने पर बैठे छात्रों ने शाम को कुलपति आवास से सिंह द्वार तक कैंडल मार्च निकाला जबकि NSUI कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका। भगत सिंह छात्र मोर्चा (BSM) गुरुवार को कुलपति आवास का घेराव करने के पम्पलेट देर रात तक बांटता रहा तो आइसा ने फीस वृद्धि के दस्तावेजों को जलाया। कहा- सरकार नई शिक्षा नीति शिक्षा का बाजारीकरण कर रही है।"
इलाहाबाद के बाद अब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय BHU में हजारों छात्रों ने फीस वृद्धि के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। बीएचयू कैम्पस में छह दिन से धरनारत भावी डॉक्टरों ने बुधवार देर रात कैंडिल मार्च निकालकर अपना कड़ा विरोध जताया। करीब 200 से ज्यादा छात्र-छात्रा विवि प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए वीसी आवास से सिंह द्वार पहुंचे। यहां छात्रों ने कहा कि पांच साल से सीट वृद्धि की मांग की जा रही है। संकाय प्रमुख बातचीत के लिए आए लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकाला। चेतावनी दी कि जब तक मांगें नहीं मान ली जाती हैं, तब तक धरना जारी रहेगा। यही नहीं, छात्रों के धरने की वजह से वीसी आवास से एलडी गेस्ट हाउस तक का बंद रास्ता नहीं खुल सका।
छात्रों का कहना है कि जब भी सीटें बढ़ाने की बात की जाती है तो तर्क दिया जाता है कि बजट नहीं है। छात्रों ने सवाल किया कि अन्य विभागों के लिए बजट है, आयुर्वेद संकाय के लिए क्यों नहीं है। उधर, बुधवार को ही NSUI कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ जमकर नोकझोंक और झड़प हुई। छात्रों का कहना है कि पिछले दिनों बीएचयू प्रशासन ने बीएचयू में फीस में लगभग 400 फीसदी की वृद्धि की है। इस प्रदर्शन में छात्रों ने पुतला फूंकने के दौरान 'शिक्षा मंत्री मुर्दाबाद, बीएचयू वीसी होश में आओ, सुधीर कुमार जैन मुर्दाबाद, शिक्षा मंत्री होश में आओ, फीस वृद्धि वापस लो, धर्मेंद्र प्रधान चुप्पी तोड़ो इत्यादि नारे लगाए। पुतला फूंकने से पहले कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकाला।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि बीएचयू प्रशासन प्रतिभावान छात्रों के साथ अन्याय कर रहा है। चंदन मेहता ने कहा कि बीएचयू में फीस वृद्धि के कारण ग्रामीण और आदिवासी परिवेश से आने वाले वंचित तबके के छात्रों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। राजीव नयन ने कहा कि भाजपा सरकार की नीति शिक्षा विरोधी है। बीएचयू प्रशासन इसी नीति का अनुसरण करते हुए छात्रों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने में लगा है। मांगें पूरी न होने पर कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की चेतावनी भी दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार को बीएचयू कैंपस सुबह से ही सुलग रहा था। कई छात्र संगठनों ने देर शाम तक अलग-अलग प्रदर्शन कर बीएचयू प्रशासन द्वारा फ़ीस वृद्धि वापस लेने की मांग की। भगत सिंह छात्र मोर्चा गुरुवार को कुलपति आवास का घेराव करने के पम्पलेट देर रात तक कैम्पस में बांटता रहा। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) बीएचयू इकाई के सैकड़ों स्टूडेंट ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों में हो रहे फीस वृद्धि के खिलाफ विश्वनाथ मंदिर पर प्रतिरोध सभा का आयोजन किया। साथ ही साथ बीएचयू प्रशासन द्वारा जारी किए गए फीस वृद्धि के दस्तावेजों को भी जलाया। प्रतिरोध सभा में उपस्थित सभी छात्र छात्राओं ने एक स्वर में नई शिक्षा नीति का विरोध किया।
नई शिक्षा नीति के समस्त दस्तावेज BHU प्रशासन को निरस्त करना होगा
AISA (आइसा) के राजेश के अनुसार, नई शिक्षा नीति दरअसल में शिक्षा का बाजारीकरण कर रही है। विश्वविदालयों की अनुदान राशि बंद करने जा रही है। हेफा जैसे कॉरपोरेट परस्त संस्थान बनाने जा रही है। जिसके तहत अंबानी, अदानी जिससे पूंजीपति अपनी निवेश शिक्षा में कर सके, और फिर शिक्षा महज महंगी वस्तु बन जाए। यदि ऐसे ही फीस बढ़ती रही तो विश्वविद्यालयों में सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय से आने वाले छात्रों शिक्षा से ही वंचित हो जाएंगे। ऐसी विभाजनकारी नीति का छात्र समुदाय विरोध करता है तथा विश्वविद्यालय प्रशासन को यह भी चेतावनी देता है कि यदि नई शिक्षा नीति के समस्त दस्तावेज बीएचयू प्रशासन निरस्त नहीं करती है तो आने वाले दिनों में और तेज छात्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन में शामिल प्रिया ने कहा कि स्टूडेंट्स ने बताया कि प्रशासन ने पीजी कोर्स, हॉस्टल, कोर्स और हॉस्टलों की फीस में मनमाने तरीके से 50 तक का इजाफा कर दिया है। इससे पूर्वांचल समेत यूपी, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीशगढ़, पश्चिम बंगाल समेत राज्यों के गरीब छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।
एक किलोमीटर तक निकाला मार्च
आयुर्वेद फैकल्टी में पोस्ट ग्रेजुएशन की सीट बढ़ाने के लिए छह दिन से सड़क जाम कर धरने पर बैठे हैं। बुधवार को छात्र-छात्राओं ने वीसी आवास से मुख्य द्वार तक करीब एक किलोमीटर कैंडिल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। छात्रों ने कहा कि सीटों की बढ़ोत्तरी को लेकर पिछले 3 साल से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बीएचयू प्रशासन द्वारा खोखला आश्वासन देकर मूर्ख बनाया जा रहा है। इसी से दुखी और प्रताड़ित होकर हम लोग धरने पर बैठे हैं। ग्रामीण और आदिवासी छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो जायेंगे। आंदोलनरत छात्र संगठन छात्रनेता राणा रोहित का कहना है कि बीएचयू को दूसरा इलाहाबाद विश्वविद्यालय नहीं बनने देंगे। अगर फीस वृद्धि वापस नहीं हुई, तो बीएचयू वर्ष 2014 की तरह एक और क्रांति देखेगा। बढ़ी हुई फीस की दर से गरीब छात्रों का भविष्य चौपट हो सकता है। इसलिए गत दो दिनों से कैंपस के संकाय, पुस्तकालय, वीटी, विभाग और ग्राउंड आदि में जाकर आंदोलन के लिए समर्थन जुटा रहे हैं। बीएचयू को टारगेट कर यहां की उच्च और समावेशी शिक्षा पद्धित पर प्रहार किया जा रहा है। जो हम लोग होने नहीं देंगे। स्टूडेंट्स का जबरदस्त सहयोग मिल रहा है।
विवि को बढ़ी फीस लेनी होगी वापस
चंदन मेहता ने कहा कि बीएचयू फीस में वृद्धि के कारण ग्रामीण और आदिवासी परिवेश से आने वाले वंचित तबके के छात्रों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बतौर राजीव नयन, भाजपा सरकार की नीति शिक्षा विरोधी है और बीएचयू प्रशासन इसी नीति का अनुसरण करते हुए छात्रों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने में लगी हुई है। छात्रों ने अल्टीमेटम देते हुए मांग न माने जाने पर बड़े आन्दोलन की चेतावनी दी। इस दौरान राणा रोहित, वंदना उपाध्याय, अभिनव मणि त्रिपाठी, कपिश्वर मिश्र, अभिषेक गोंड, संजीत, नीतीश, किसलय आदि मौजूद रहे।
हॉस्टलों की फीस पहले 3680 रुपए, अब 5360 रुपए
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कहिवि इकाई के अभय ने बताया कि जिन हॉस्टलों की फीस पहले 3680 रुपए थी, अब वह 5360 रुपए हो गई है। हमने पिछले सत्र में ताबड़तोड़ आंदोलन किया था। संगठन के अध्यक्ष अभय प्रताप ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन से संवाद कर अपनी मांग रखी गई। चरणबद्ध तरीके से केंद्रीय कार्यालय का घेराव, हस्ताक्षर अभियान और द्विटर कैंपेन चलाया गया। लेकिन, छात्रों के फेवर में कोई पॉजिटिव फैसला नहीं लिया गया।
याचना नहीं अब रण होगा
जैन छत्रावास से पुलिसिया जोर-जुल्म से निकाले गए पीड़ित छात्र विनय शर्मा का कहना है कि मालवीय जी ने बीएचयू की स्थापना समाज के हर वर्ग के छात्र-छात्राओं के अध्ययन के लिए की थी। लेकिन, इन दिनों बीएचयू की मूल आत्मा को रौंदा जा रहा है। इससे बड़ी तादात में छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। इसलिए 15 अक्टूबर से बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भगत सिंह छात्र मोर्चा, आइसा और एनएययूआई समेत आम छात्र छात्राएं विरोध में उतर आए हैं। एबीवीपी बीएचयू यूनिट के अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह कहते हैं कि महामना की पावन भूमि का बाजारीकरण नहीं होने देंगे। हॉस्टल और कोर्स के साथ ही सभी गेस्ट हाउस के चार्जेस में भी 50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। अब याचना नहीं रण होगा। फीस वृद्धि वापस लेनी ही होगी। क्रमबद्ध बन रही आंदोलन की रणनीति 14 अक्टूबर दिन गुरुवार को भगत सिंह छात्र मोर्चा बीएचयू के कुलपति के आवास का घेराव करेगा। वहीं, 15 अक्टूबर से एबीवीपी भी डीन ऑफ स्टूडेंट ऑफिस के बाहर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी। एबीवीपी से जुड़े छात्रों द्वारा एक पोस्टर जारी किया गया है। इसमें अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा की गई है। छात्रों की मांग है कि 50 फीसद फीस वृद्धि वापस ली जाए।
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इलाहाबाद के बाद अब काशी हिन्दू विश्वविद्यालय BHU में हजारों छात्रों ने फीस वृद्धि के खिलाफ बिगुल फूंक दिया है। बीएचयू कैम्पस में छह दिन से धरनारत भावी डॉक्टरों ने बुधवार देर रात कैंडिल मार्च निकालकर अपना कड़ा विरोध जताया। करीब 200 से ज्यादा छात्र-छात्रा विवि प्रशासन के खिलाफ नारे लगाते हुए वीसी आवास से सिंह द्वार पहुंचे। यहां छात्रों ने कहा कि पांच साल से सीट वृद्धि की मांग की जा रही है। संकाय प्रमुख बातचीत के लिए आए लेकिन कोई ठोस परिणाम नहीं निकाला। चेतावनी दी कि जब तक मांगें नहीं मान ली जाती हैं, तब तक धरना जारी रहेगा। यही नहीं, छात्रों के धरने की वजह से वीसी आवास से एलडी गेस्ट हाउस तक का बंद रास्ता नहीं खुल सका।
छात्रों का कहना है कि जब भी सीटें बढ़ाने की बात की जाती है तो तर्क दिया जाता है कि बजट नहीं है। छात्रों ने सवाल किया कि अन्य विभागों के लिए बजट है, आयुर्वेद संकाय के लिए क्यों नहीं है। उधर, बुधवार को ही NSUI कार्यकर्ताओं ने शिक्षा मंत्री का पुतला फूंका। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ जमकर नोकझोंक और झड़प हुई। छात्रों का कहना है कि पिछले दिनों बीएचयू प्रशासन ने बीएचयू में फीस में लगभग 400 फीसदी की वृद्धि की है। इस प्रदर्शन में छात्रों ने पुतला फूंकने के दौरान 'शिक्षा मंत्री मुर्दाबाद, बीएचयू वीसी होश में आओ, सुधीर कुमार जैन मुर्दाबाद, शिक्षा मंत्री होश में आओ, फीस वृद्धि वापस लो, धर्मेंद्र प्रधान चुप्पी तोड़ो इत्यादि नारे लगाए। पुतला फूंकने से पहले कार्यकर्ताओं ने पैदल मार्च निकाला।
प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि बीएचयू प्रशासन प्रतिभावान छात्रों के साथ अन्याय कर रहा है। चंदन मेहता ने कहा कि बीएचयू में फीस वृद्धि के कारण ग्रामीण और आदिवासी परिवेश से आने वाले वंचित तबके के छात्रों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। राजीव नयन ने कहा कि भाजपा सरकार की नीति शिक्षा विरोधी है। बीएचयू प्रशासन इसी नीति का अनुसरण करते हुए छात्रों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने में लगा है। मांगें पूरी न होने पर कार्यकर्ताओं ने आंदोलन की चेतावनी भी दी।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बुधवार को बीएचयू कैंपस सुबह से ही सुलग रहा था। कई छात्र संगठनों ने देर शाम तक अलग-अलग प्रदर्शन कर बीएचयू प्रशासन द्वारा फ़ीस वृद्धि वापस लेने की मांग की। भगत सिंह छात्र मोर्चा गुरुवार को कुलपति आवास का घेराव करने के पम्पलेट देर रात तक कैम्पस में बांटता रहा। ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) बीएचयू इकाई के सैकड़ों स्टूडेंट ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों में हो रहे फीस वृद्धि के खिलाफ विश्वनाथ मंदिर पर प्रतिरोध सभा का आयोजन किया। साथ ही साथ बीएचयू प्रशासन द्वारा जारी किए गए फीस वृद्धि के दस्तावेजों को भी जलाया। प्रतिरोध सभा में उपस्थित सभी छात्र छात्राओं ने एक स्वर में नई शिक्षा नीति का विरोध किया।
नई शिक्षा नीति के समस्त दस्तावेज BHU प्रशासन को निरस्त करना होगा
AISA (आइसा) के राजेश के अनुसार, नई शिक्षा नीति दरअसल में शिक्षा का बाजारीकरण कर रही है। विश्वविदालयों की अनुदान राशि बंद करने जा रही है। हेफा जैसे कॉरपोरेट परस्त संस्थान बनाने जा रही है। जिसके तहत अंबानी, अदानी जिससे पूंजीपति अपनी निवेश शिक्षा में कर सके, और फिर शिक्षा महज महंगी वस्तु बन जाए। यदि ऐसे ही फीस बढ़ती रही तो विश्वविद्यालयों में सामाजिक तथा आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय से आने वाले छात्रों शिक्षा से ही वंचित हो जाएंगे। ऐसी विभाजनकारी नीति का छात्र समुदाय विरोध करता है तथा विश्वविद्यालय प्रशासन को यह भी चेतावनी देता है कि यदि नई शिक्षा नीति के समस्त दस्तावेज बीएचयू प्रशासन निरस्त नहीं करती है तो आने वाले दिनों में और तेज छात्र आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन में शामिल प्रिया ने कहा कि स्टूडेंट्स ने बताया कि प्रशासन ने पीजी कोर्स, हॉस्टल, कोर्स और हॉस्टलों की फीस में मनमाने तरीके से 50 तक का इजाफा कर दिया है। इससे पूर्वांचल समेत यूपी, बिहार, झारखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीशगढ़, पश्चिम बंगाल समेत राज्यों के गरीब छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो जाएंगे।
एक किलोमीटर तक निकाला मार्च
आयुर्वेद फैकल्टी में पोस्ट ग्रेजुएशन की सीट बढ़ाने के लिए छह दिन से सड़क जाम कर धरने पर बैठे हैं। बुधवार को छात्र-छात्राओं ने वीसी आवास से मुख्य द्वार तक करीब एक किलोमीटर कैंडिल मार्च निकालकर अपना विरोध जताया। छात्रों ने कहा कि सीटों की बढ़ोत्तरी को लेकर पिछले 3 साल से लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। बीएचयू प्रशासन द्वारा खोखला आश्वासन देकर मूर्ख बनाया जा रहा है। इसी से दुखी और प्रताड़ित होकर हम लोग धरने पर बैठे हैं। ग्रामीण और आदिवासी छात्र उच्च शिक्षा से वंचित हो जायेंगे। आंदोलनरत छात्र संगठन छात्रनेता राणा रोहित का कहना है कि बीएचयू को दूसरा इलाहाबाद विश्वविद्यालय नहीं बनने देंगे। अगर फीस वृद्धि वापस नहीं हुई, तो बीएचयू वर्ष 2014 की तरह एक और क्रांति देखेगा। बढ़ी हुई फीस की दर से गरीब छात्रों का भविष्य चौपट हो सकता है। इसलिए गत दो दिनों से कैंपस के संकाय, पुस्तकालय, वीटी, विभाग और ग्राउंड आदि में जाकर आंदोलन के लिए समर्थन जुटा रहे हैं। बीएचयू को टारगेट कर यहां की उच्च और समावेशी शिक्षा पद्धित पर प्रहार किया जा रहा है। जो हम लोग होने नहीं देंगे। स्टूडेंट्स का जबरदस्त सहयोग मिल रहा है।
विवि को बढ़ी फीस लेनी होगी वापस
चंदन मेहता ने कहा कि बीएचयू फीस में वृद्धि के कारण ग्रामीण और आदिवासी परिवेश से आने वाले वंचित तबके के छात्रों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बतौर राजीव नयन, भाजपा सरकार की नीति शिक्षा विरोधी है और बीएचयू प्रशासन इसी नीति का अनुसरण करते हुए छात्रों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने में लगी हुई है। छात्रों ने अल्टीमेटम देते हुए मांग न माने जाने पर बड़े आन्दोलन की चेतावनी दी। इस दौरान राणा रोहित, वंदना उपाध्याय, अभिनव मणि त्रिपाठी, कपिश्वर मिश्र, अभिषेक गोंड, संजीत, नीतीश, किसलय आदि मौजूद रहे।
हॉस्टलों की फीस पहले 3680 रुपए, अब 5360 रुपए
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद कहिवि इकाई के अभय ने बताया कि जिन हॉस्टलों की फीस पहले 3680 रुपए थी, अब वह 5360 रुपए हो गई है। हमने पिछले सत्र में ताबड़तोड़ आंदोलन किया था। संगठन के अध्यक्ष अभय प्रताप ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन से संवाद कर अपनी मांग रखी गई। चरणबद्ध तरीके से केंद्रीय कार्यालय का घेराव, हस्ताक्षर अभियान और द्विटर कैंपेन चलाया गया। लेकिन, छात्रों के फेवर में कोई पॉजिटिव फैसला नहीं लिया गया।
याचना नहीं अब रण होगा
जैन छत्रावास से पुलिसिया जोर-जुल्म से निकाले गए पीड़ित छात्र विनय शर्मा का कहना है कि मालवीय जी ने बीएचयू की स्थापना समाज के हर वर्ग के छात्र-छात्राओं के अध्ययन के लिए की थी। लेकिन, इन दिनों बीएचयू की मूल आत्मा को रौंदा जा रहा है। इससे बड़ी तादात में छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएंगे। इसलिए 15 अक्टूबर से बड़े पैमाने पर आंदोलन किया जाएगा।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, भगत सिंह छात्र मोर्चा, आइसा और एनएययूआई समेत आम छात्र छात्राएं विरोध में उतर आए हैं। एबीवीपी बीएचयू यूनिट के अध्यक्ष अभय प्रताप सिंह कहते हैं कि महामना की पावन भूमि का बाजारीकरण नहीं होने देंगे। हॉस्टल और कोर्स के साथ ही सभी गेस्ट हाउस के चार्जेस में भी 50 फीसदी की बढ़ोतरी कर दी गई है। अब याचना नहीं रण होगा। फीस वृद्धि वापस लेनी ही होगी। क्रमबद्ध बन रही आंदोलन की रणनीति 14 अक्टूबर दिन गुरुवार को भगत सिंह छात्र मोर्चा बीएचयू के कुलपति के आवास का घेराव करेगा। वहीं, 15 अक्टूबर से एबीवीपी भी डीन ऑफ स्टूडेंट ऑफिस के बाहर बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी। एबीवीपी से जुड़े छात्रों द्वारा एक पोस्टर जारी किया गया है। इसमें अनिश्चितकालीन धरने की घोषणा की गई है। छात्रों की मांग है कि 50 फीसद फीस वृद्धि वापस ली जाए।
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