चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ प्रदर्शन करने के मामले में BHU के 11 छात्र डिबार, पुलिस जांच में झूठे निकले आरोप

Written by Sabrangindia Staff | Published on: November 7, 2018
वाराणसी. बनारस हिंदु विश्वविद्यालय में चीफ प्रॉक्टर ने 11 छात्रों को इसलिए डिबार कर दिया क्योंकि वे उऩके खिलाफ प्रदर्शन में शामिल हुए थे. चीफ़ प्रॉक्टर रोयना सिंह ने छात्र, छात्राओं पर हत्या का प्रयास, लूट जैसे संगीन आरोप लगाए थे. छात्रों के डिबार किए जाने की खबर दिनांक-05.11.2018 के टाइम्स ऑफ इंडिया बनारस एडिशन की लीडिंग खबर बनी, कवर पेज व पेज नम्बर -14 पर छपी यह खबर बता रही है कि कैसे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति व चीफ प्रॉक्टर साज़िशन मिलकर निर्दोष छात्र छात्राओं का कैरियर तबाह करने में लगे हुए हैं.



जिस मामले में छात्र छात्राओं को निष्कासित किया गया उसमे पुलिस की फाइनल रिपोर्ट के अनुसार ऐसी कोई भी अनुशासनहीनता जैसी कोई घटना उक्त समय व स्थान पर हुई ही नहीं थी, इस बात के गवाह स्वयं लंका थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष संजीव मिश्रा हैं, जो 2 मई को चीफ प्रॉक्टर ऑफिस के सामने हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान मौजूद रहे है, इसी आधार पर पुलिस ने न्यायालय के समक्ष फाइनल रिपोर्ट जमा की है.

बता दे कि कुछ महीने पहले चीफ़ प्रॉक्टर रोयना सिंह के पिज़्ज़ा बयान के विरोध कर रहे छात्र छात्राओं के ऊपर रोयना सिंह ने फर्ज़ी FIR कराया था, जिसमे मारपीट,हमला,307 आदि जैसे संगीन व गंभीर धाराओं में मुकदमा लिखवाया था. एक कमिटी बैठा कर 11 छात्र छात्राओ को विश्वविद्यालय से डिबार भी कर दिया गया. 


उस समय कमिटी के ऊपर पारदर्शिता व निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े हुए थे क्योंकि कमिटी में चीफ़ प्रॉक्टर रोयना सिंह भी थी जिन्होंने कमिटी के कार्यवाही व रिपोर्ट को प्रत्यक्ष,अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित किया.


पुलिस की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद मामला अब एक दम साफ़ है. यह छात्र छात्राओं के भविष्य व कैरियर को साज़िशन खत्म करने की एक नाकाम कोशिश स्पष्ट दिखती है. संबंधित मामले में कई शिक्षकों ने फर्ज़ी बयान भी दर्ज कराए थे जो रोयना सिंह के करीबी बताये जाते हैं. 

छात्रों का कहना है कि भारत सरकार और माननीय उच्च व उच्चतम न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेकर बीएचयू के कुलपति और चीफ प्रॉक्टर समेत इस षड्यंत्र में शामिल सभी अधिकारी व झूठे बयान देने वाले शिक्षकों के खिलाफ उक्त मामले जांच बिठाना चाहिए और कठोर से कठोर कार्यवाही करनी चाहिए.

चीफ़ प्रॉक्टर रोयना सिंह के ऊपर पूर्व में भी छात्रों के कैरियर बर्बाद करने व मनमानी करने के आरोप लग चुके है. बीते दिनों ही एक छात्र निर्दोष पाया गया व उसका हॉस्टल बहाल हुआ जिसपर रोयना सिंह ने फर्ज़ी आरोप लगा कर हॉस्टल में प्रवेश निषेध कर दिया था.

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