सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने संभल सिविल कोर्ट में दलील दी थी कि संभल में जामा मस्जिद दरअसल श्री हरिहर मंदिर है। सुनवाई के बाद वरिष्ठ सिविल जज संभल डिवीजन ने एडवोकेट कमिश्नर की निगरानी में सर्वे के आदेश दिए।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद में अदालत के आदेश के बाद सर्वे किया गया। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा अदालत में याचिका लगाई गई। याचिका में दावा किया गया कि मस्जिद मूल रूप से हरि हर मंदिर थी जिसे बाबर ने मस्जिद में बदल दिया था।
हेट डिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि न्यायालय द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त ने जामा मस्जिद का सर्वे किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
ज्ञात हो कि तीन दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने संभल सिविल कोर्ट में दलील दी थी कि संभल में जामा मस्जिद दरअसल श्री हरिहर मंदिर है। सुनवाई के बाद वरिष्ठ सिविल जज संभल डिवीजन ने एडवोकेट कमिश्नर की निगरानी में सर्वे के आदेश दिए।
द ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के अनुसार, इन आरोपों को कोर्ट में 4 बजे पेश किया गया। इसके तुरंत बाद कोर्ट ने सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिश्नर को मस्जिद भेजा। जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक समेत कई जिला अधिकारी भी भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। एक वीडियो में पुलिस की गाड़ियां मौके पर पहुंचती दिखी और कोर्ट कमिश्नर मस्जिद का दरवाजा खोलते दिखे, उनके साथ मस्जिद कमेटी के सदस्य भी मौजूद रहे।
मीडिया से बात करते हुए विष्णु शंकर ने कहा था कि, "संभल में मंदिर (मस्जिद का जिक्र) हमारे लिए पूजा स्थल है।"
उन्होंने आगे दावा किया था कि बाबर ने इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर मस्जिद बनवाई थी। उन्होंने कहा था, "वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को ध्वस्त करने का प्रयास किया और उस पर मस्जिद बनवाई। चूंकि यह एएसआई संरक्षित क्षेत्र है, इसलिए कोई अतिक्रमण नहीं किया जा सकता। मस्जिद में कई चिन्ह और निशान हैं जो हिंदू मंदिर के हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कोर्ट के पारित आदेश के बाद सर्वेक्षण कराया जाएगा।"
विष्णु शंकर वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन के बेटे हैं। पिता और बेटे दोनों लगभग 110 मामलों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी मामले भी शामिल हैं। शंकर को वर्ष 2021 में पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती देते हुए राम जन्मभूमि मामला लड़ने के लिए जाना जाता है।
एबीपी न्यूज के अनुसार, इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्ष के तर्क हिंदू पक्ष, इतिहासकारों और पुरातत्व सबूतों से अलग हैं। संभल की जामा मस्जिद के अध्यक्ष मोहम्मद जफर का दावा है कि मस्जिद किसी भी मंदिर को तोड़ कर नहीं बनी और मस्जिद के हिन्दू मन्दिर के कोई निशान नहीं है। संभल की जामा मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर सर्वे के आदेश पर मोहम्मद जफर आश्चर्य जताते हुए दावा करते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है एक ही दिन में कोर्ट के मामला आता है, उसी दिन सुनवाई होती है और याचिका स्वीकार होकर कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश होता है और उसी रात सर्वे शुरू भी हो जाता है।
उत्तर प्रदेश के संभल जिले में जामा मस्जिद में अदालत के आदेश के बाद सर्वे किया गया। अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा अदालत में याचिका लगाई गई। याचिका में दावा किया गया कि मस्जिद मूल रूप से हरि हर मंदिर थी जिसे बाबर ने मस्जिद में बदल दिया था।
हेट डिटेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार, जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, क्योंकि न्यायालय द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त ने जामा मस्जिद का सर्वे किया है। इस मामले की अगली सुनवाई 29 नवंबर को होगी।
ज्ञात हो कि तीन दिन पहले सुप्रीम कोर्ट के वकील विष्णु शंकर जैन ने संभल सिविल कोर्ट में दलील दी थी कि संभल में जामा मस्जिद दरअसल श्री हरिहर मंदिर है। सुनवाई के बाद वरिष्ठ सिविल जज संभल डिवीजन ने एडवोकेट कमिश्नर की निगरानी में सर्वे के आदेश दिए।
द ऑब्जर्वर की रिपोर्ट के अनुसार, इन आरोपों को कोर्ट में 4 बजे पेश किया गया। इसके तुरंत बाद कोर्ट ने सर्वे करने के लिए कोर्ट कमिश्नर को मस्जिद भेजा। जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक समेत कई जिला अधिकारी भी भारी पुलिस बल के साथ पहुंचे। एक वीडियो में पुलिस की गाड़ियां मौके पर पहुंचती दिखी और कोर्ट कमिश्नर मस्जिद का दरवाजा खोलते दिखे, उनके साथ मस्जिद कमेटी के सदस्य भी मौजूद रहे।
मीडिया से बात करते हुए विष्णु शंकर ने कहा था कि, "संभल में मंदिर (मस्जिद का जिक्र) हमारे लिए पूजा स्थल है।"
उन्होंने आगे दावा किया था कि बाबर ने इसे आंशिक रूप से ध्वस्त कर मस्जिद बनवाई थी। उन्होंने कहा था, "वर्ष 1529 में बाबर ने मंदिर को ध्वस्त करने का प्रयास किया और उस पर मस्जिद बनवाई। चूंकि यह एएसआई संरक्षित क्षेत्र है, इसलिए कोई अतिक्रमण नहीं किया जा सकता। मस्जिद में कई चिन्ह और निशान हैं जो हिंदू मंदिर के हैं। इसे ध्यान में रखते हुए कोर्ट के पारित आदेश के बाद सर्वेक्षण कराया जाएगा।"
विष्णु शंकर वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन के बेटे हैं। पिता और बेटे दोनों लगभग 110 मामलों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिसमें कृष्ण जन्मभूमि और ज्ञानवापी मामले भी शामिल हैं। शंकर को वर्ष 2021 में पूजा स्थल अधिनियम को चुनौती देते हुए राम जन्मभूमि मामला लड़ने के लिए जाना जाता है।
एबीपी न्यूज के अनुसार, इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्ष के तर्क हिंदू पक्ष, इतिहासकारों और पुरातत्व सबूतों से अलग हैं। संभल की जामा मस्जिद के अध्यक्ष मोहम्मद जफर का दावा है कि मस्जिद किसी भी मंदिर को तोड़ कर नहीं बनी और मस्जिद के हिन्दू मन्दिर के कोई निशान नहीं है। संभल की जामा मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर सर्वे के आदेश पर मोहम्मद जफर आश्चर्य जताते हुए दावा करते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है एक ही दिन में कोर्ट के मामला आता है, उसी दिन सुनवाई होती है और याचिका स्वीकार होकर कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश होता है और उसी रात सर्वे शुरू भी हो जाता है।