CAA के विरोध में लेफ्ट पार्टियों सहित कई संगठनों ने बुलाया भारत बंद, सामाजिक कार्यकर्ता हाउस अरेस्ट

Written by sabrang india | Published on: December 19, 2019
जामिया मिल्लिया, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, नदवा और इंटीग्रल में नागरिकता संशोधन के खिलाफ शान्तिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर पुलिस के कहर के बाद देशभर में गुस्सा है। इस बीच रिहाई मंच जैसे सामाजिक संगठनों के अलावा लेफ्ट पार्टियों ने आज भारत बंद बुलाया है। प्रतिरोध का असर करने के लिए भी सरकार भरसक प्रयास करती नजर आ रही है। लखनऊ में नागरिकता संशोधन अधिनियम व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर के विरोध में होने वाले प्रदर्शन के मद्देनजर सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) के अध्यक्ष 72 वर्षीय एडवोकेट मोहम्मद शोएब को बुधवार को ही हाउस अरेस्ट कर लिया गया है। 



मोहम्मद शोएब ने 1972 में लखनऊ विश्वविद्यालय से विधि की पढ़ाई पूरी कर उसी वर्ष यहीं बार काउंसिल में वकालत करने के लिए पंजीकरण करा लिया था। वे अपने छात्र जीवन से ही समाजवादी युवजन सभा से जुड़ गए थे। मोहम्मद शोएब ने अभी तक 14 ऐसे नवजवानों को न्यायालय में मुकदमा लड़ कर बरी करवाया है जो फर्जी तरीके से आतंववादी घटनाओं में फंसा दिए गए थे।
       
मोहम्मद शोएब रिहाई मंच नामक संगठन के भी अध्यक्ष हैं जो ऐसे निर्दोष नौजवानों, जिन्हें फर्जी मामलों में फंसाया जाता है की रिहाई के लिए काम करता है।
       
आज के प्रदर्शन को देखते हुए एडवोकेट मोहम्मद शोएब के अलावा रिहाई मंच के राजीव यादव, सचेन्द्र प्रताप यादव, वीरेन्द्र गुप्ता, आदियोग व मोहम्मद शकील कुरैशी को भी नगर मजिस्ट्रेट ने नोटिस भेज कर 23 दिसम्बर को न्यायालय में पेश होकर रु. 50,000 की जमानत लेने को कहा है। ऐसे में सोशलिस्ट पार्टी (इण्डिया) ने मांग की है कि सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों के साथ खिलवाड़ बंद कर नागरिकता संशोधन अधिनियम व राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर को तुरंत वापस ले।

वामदलों की ओर से बुधवार को जारी संयुक्त बयान के अनुसार माकपा, भाकपा, भाकपा माले, फॉरवर्ड ब्लॉक और रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी सहित अन्य वाम संगठनों की सभी प्रदेश और जिला इकाई देश के सभी जिला मुख्यालयों पर बृहस्पतिवार को सीएए और एनआरसी के विरोध में प्रदर्शन करेंगे। लेफ्ट पार्टियों के इस भारत बंद को विपक्ष का भी समर्थन प्राप्त है। 

बताया जा रहा है कि लेफ्ट पार्टियों के इस भारत बंद को राजद, सपा, कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने अपना समर्थन दिया है। नागरिकता कानून के खिलाफ लेफ्ट विंग और मुस्लिम संगठनों द्वारा बुलाए गए एक दिन के बंद को लेकर बेंगलुरु में तीन दिनों के लिए धारा 144 लागू कर दी गई है। वहीं, छात्र संगठनों ने भी कई मुद्दों को लेकर गुरुवार को यानी बिहार बंद का आह्वान किया है। इस बंद में 11 छात्र संगठन शामिल हैं। छात्रों ने नागरिक संशोधन कानून, एनआरसी और गैंग रेप के बढ़ते मामले के खिलाफ बंद का आह्वान किया है। उत्तर प्रदेश में भी राज्यव्यापी बंद का आह्वान किया है। 

बेंगलुरु में आज से तीन दिनों के लिए धारा-144
नागरिकता कानून के खिलाफ लेफ्ट विंग और मुस्लिम संगठनों द्वारा बुलाए गए एक दिन के बंद को लेकर बेंगलुरु में तीन दिनों के लिए धारा 144 लागू की जाएगी। बेंगलुरु में धारा-144 गुरुवार सुबह 6 बजे से शुरू होकर 21 दिसंबर की मध्यरात्रि तक तीन दिनों तक लागू रहेगी। मंगलुरु में प्रतिबंध गुरुवार सुबह से शनिवार आधी रात तक दो दिनों के लिए होगा।

बिहार में छात्र संगठनों का राज्यव्यापी बन्द
छात्र संगठनों ने कई मुद्दों को लेकर गुरुवार को बिहार बंद आह्वान किया है। इस बंद में 11 छात्र संगठन शामिल हैं। छात्रों ने नागरिक संशोधन कानून, एनआरसी और गैंग रेप के बढ़ते मामले के खिलाफ बंद का आह्वान किया है। सभी लोगों से बिहार बंद का समर्थन करने की अपील की गई। वहीं बुधवार को बिहार बंद को सफल बनाने के लिए पटना के कई इलाकों में छात्र संगठनों ने संयुक्ततौर पर सघन जनसंपर्क एवं प्रचार अभियान चलाया गया। 

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