मध्यप्रदेश में अब तक कांग्रेस पर हर तरह से भारी पड़ रहे शिवराज सिंह के पांव क्या चुनाव नजदीक आते-आते उखड़ने लगे हैं? पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो ऐसा सचमुच प्रतीत होने लगा है।
सीधी जिले के चुरहट में जिस तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भारी विरोध हुआ, काले झंडे दिखाए गए, जूता फेंका गया और पथराव तक हुआ।
(Courtesy: free press journal)
ये सब भी कोई अचानक नहीं हुआ है। भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ तो ऐसा पिछले एक दो सप्ताह से होता आ रहा है। फर्क बस ये रहा कि इस बार खुद शिवराज सिंह चौहान लपेटे में आ गए।
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का घेराव किया गया और काले झंडे दिखाए गए। एक और केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत का घेराव किया गया और उन्हें भी विरोध झेलना पड़ा। इसके अलावा, प्रदेश के मंत्री रुस्तम सिंह को भी कांग्रेसियों ने घेर लिया था और काले झंडे दिखाए थे।
कहने को भले ही भाजपा इन सारी घटनाओं के पीछे कांग्रेस का हाथ बताए, लेकिन कांग्रेसियों ने भी ये विरोध किया होगा तो जनता के समर्थन के बिना तो नहीं ही किया होगा।
क्या ये माना जाए कि जनता भी भाजपा का विरोध करने में कांग्रेस का साथ देने लगी है? अगर सचमुच ऐसा है तो भाजपा के लिए चिंता का विषय है क्योंकि ऐसे तो भाजपा के हाथ से दो राज्य निकलते दिख रहे हैं। राजस्थान में गौरव यात्रा निकाल रही वसुंधरा राजे को तो और ज्यादा विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अब मध्यप्रदेश में भी यही सिलसिला शुरू हो गया।
सीधी जिले के चुरहट में जिस तरह से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भारी विरोध हुआ, काले झंडे दिखाए गए, जूता फेंका गया और पथराव तक हुआ।
(Courtesy: free press journal)
ये सब भी कोई अचानक नहीं हुआ है। भाजपा के कई बड़े नेताओं के साथ तो ऐसा पिछले एक दो सप्ताह से होता आ रहा है। फर्क बस ये रहा कि इस बार खुद शिवराज सिंह चौहान लपेटे में आ गए।
पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का घेराव किया गया और काले झंडे दिखाए गए। एक और केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत का घेराव किया गया और उन्हें भी विरोध झेलना पड़ा। इसके अलावा, प्रदेश के मंत्री रुस्तम सिंह को भी कांग्रेसियों ने घेर लिया था और काले झंडे दिखाए थे।
कहने को भले ही भाजपा इन सारी घटनाओं के पीछे कांग्रेस का हाथ बताए, लेकिन कांग्रेसियों ने भी ये विरोध किया होगा तो जनता के समर्थन के बिना तो नहीं ही किया होगा।
क्या ये माना जाए कि जनता भी भाजपा का विरोध करने में कांग्रेस का साथ देने लगी है? अगर सचमुच ऐसा है तो भाजपा के लिए चिंता का विषय है क्योंकि ऐसे तो भाजपा के हाथ से दो राज्य निकलते दिख रहे हैं। राजस्थान में गौरव यात्रा निकाल रही वसुंधरा राजे को तो और ज्यादा विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अब मध्यप्रदेश में भी यही सिलसिला शुरू हो गया।