दो साल तक सोशल मीडिया से दूर रहने की शर्त पर युवक को मिली जमानत, CM योगी के खिलाफ लिखी थी पोस्ट

Written by Sabrangindia Staff | Published on: November 5, 2020
लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति को इस शर्त के साथ जमानत दी कि वह दो साल तक सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करेगा। इस मामले में याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप है कि उसने प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जमानत मंजूरी का आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ द्वारा पारित किया गया। 



 आरोपी अखिलानंद के खिलाफ देवरिया के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया कि अखिलानंद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य जनप्रतिनिधियों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की। यह भी आरोप लगाया गया कि उसने अपना गलत स्टेटस दर्शाया और अनुचित लाभ लेने का प्रयास किया।

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि पुलिस द्वारा झूठा फंसाने का मामला है और उनका मुवक्किल 12 मई, 2020 से जेल में है। आरोपी को जमानत देते हुए अदालत ने कहा, ''भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 और दाताराम बनाम उत्तर प्रदेश सरकार के मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर विचार करने के उपरांत उक्त अपराध में संलिप्त आरोपी को रिहा किया जाता है, बशर्ते वह संबंधित अदालत की संतुष्टि के मुताबिक एक निजी मुचलका भरे और दो जमानतदार दे। 

अदालत ने याचिकाकर्ता पर यह कहते हुए एक शर्त भी लगाई कि याचिकाकर्ता दो साल तक या निचली अदालत में मुकदमा समाप्त होने तक जो भी पहले हो, सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करेगा। अदालत ने आगे कहा कि याचिकाकर्ता अभियोजन के साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा और जांच या मुकदमे के दौरान गवाहों पर दबाव नहीं बनाएगा।

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