अजमेर वासियों के विरोध से डरी सरकार

Written by Mahendra Narayan Singh Yadav | Published on: October 6, 2018
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अजमेर रैली में स्थानीय लोगों के विरोध की आशंका से डरी सरकार ने पेयजल समस्या के निस्तारण के लिए 6000 करोड़ रुपए की लागत के बांध निर्माण की मंजूरी देकर लोगों को शांत करने की कोशिश की है।

water woes

अजमेर में पेयजल का संकट हमेशा से राजनीति को प्रभावित करने वाला मुद्दा रहा है और इस बार भी लोगों में इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार के प्रति बेहद नाराजगी है।

लोगों के गुस्से को तात्कालिक रूप से शांत करने के लिए राज्य सरकार ने चित्तौड़गढ़ स्थित ब्राह्मी नदी पर 6 हजार करोड़ की लागत से बनने वाले बांध के लिए स्वीकृति दे दी है।

पत्रिका के मुताबिक,  इसकी डीपीआर बनाने का काम जल्द शुरू होने की उम्मीद है। योजना के पूरा होने के बाद ब्राह्मी नदी के चंबल में गिरने वाले पानी को मोड़कर बनास नदी में भेजा जाएगा, जो त्रिवेणी के जरिए बीसलपुर पहुंचेगा।

जलदाय विभाग के अधीक्षण अभियंता सत्येन्द्र सिंह ने बताया है  कि सरकार ने ब्राह्मी नदी पर बांध बनाने की योजना के लिए स्वीकृति दे दी है। इसके लिए सिंचाई विभाग को हरी झंडी मिलने के साथ ही अब डीपीआर का कार्य शुरू किया जाएगा। बनास नदी में पानी मोडऩे पर बीसलपुर में पानी की आवक होने से अजमेर की लाइफ लाइन बीसलपुर में जलापूर्ति बढ़ सकेगी। त्रिवेणी के जरिए यह पानी बीसलपुर पहुंचेगा।

कहा जा रहा है कि बांध निर्माण होने पर शहर को रोजाना जलापूर्ति हो सकेगी। अधीक्षण अभियंता का कहना है कि बीसलपुर में पर्याप्त आवक होने के कारण अब जिले में 48 घंटे से पीने के पानी की सप्लाई  होगी। पहले 48 घंटे की दो और तीसरी आपूर्ति 72 घंटे से करने का ऐलान किया गया था लेकिन अब विभाग ने दो दिन के अंतराल से सभी जोनों में जलापूर्ति करने का ऐलान किया है।

हालांकि सरकार के इस फैसले और ऐलान को राजनीतिक नजरिये से ही देखा जा रहा है। स्थानीय लोगों को अब भी लगता है कि ये केवल इसलिए घोषणा की गई है ताकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 6 अक्टूबर की अजमेर रैली में किसी तरह की बाधा न आए।
 
 

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