गुवाहाटी। अफ्रीकी स्वाइन फीवर से असम में 2,500 सूअरों के मरने की खबर सामने आ रही है। पशुपालन मंत्री अतुल बोरा ने बताया कि असम में देश में अफ्रीकी स्वाइन फीवर की यह पहली घटना सामने आई है जिसमें 306 गांवों में 2,500 से अधिक सूअर मर गए हैं।
पशुपालन मंत्री अतुल बोरा ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य सरकार जानवरों को तुरंत नहीं काटेगी और बीमारी को फैलने से रोकने के लिए एक वैकल्पिक विकल्प का चयन करेगी। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है लेकिन स्वाइन फीवर नहीं। इसलिए यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है।
इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक बोरा ने आगे बतया, ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (NIHSAD) भोपाल ने पुष्टि की है कि यह अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF) है। केंद्र सरकार ने हमें सूचित किया है कि यह देश में बीमारी का पहला उदाहरण है।’
उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा 2019 की जनगणना के अनुसार राज्य में पहले सुअरों की आबादी 21 लाख थी जो हाल के समय में बढ़कर 30 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि विभाग प्रभावित इलाकों के एक किमी के दायरे में नमूने एकत्र करेगा और उनका परीक्षण करेगा।
बोरा ने कहा, ‘परीक्षण के बाद हम केवल उन सूअरों को ही पकड़ेंगे जो संक्रमित पाए जाएंगे। हम सूअरों को तुरंत पकड़ने से बच रहे हैं। हमारे पास दैनिक अपडेट होंगे और जब भी परिस्थिति के अनुसार आवश्यकता होगी निर्णय लेंगे।’ उन्होंने बताया कि आगे की तीन असम प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जाएगा।
पशुपालन मंत्री ने आगे बताया कि वायरस सुअर के मांस, लार, रक्त और ऊतक से फैलता है। इसलिए जिलों के बीच सूअरों का परिवहन नहीं होगा। हम यह भी देखेंगे कि हमारे राज्य से गुजरने वाले सूअरों के बारे में क्या किया जा सकता है।
पशुपालन मंत्री अतुल बोरा ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि राज्य सरकार जानवरों को तुरंत नहीं काटेगी और बीमारी को फैलने से रोकने के लिए एक वैकल्पिक विकल्प का चयन करेगी। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू जानवरों से मनुष्यों में फैल सकता है लेकिन स्वाइन फीवर नहीं। इसलिए यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरा नहीं है।
इकनोमिक टाइम्स के मुताबिक बोरा ने आगे बतया, ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाई सिक्योरिटी एनिमल डिजीज (NIHSAD) भोपाल ने पुष्टि की है कि यह अफ्रीकी स्वाइन फीवर (ASF) है। केंद्र सरकार ने हमें सूचित किया है कि यह देश में बीमारी का पहला उदाहरण है।’
उन्होंने कहा कि पशुपालन विभाग द्वारा 2019 की जनगणना के अनुसार राज्य में पहले सुअरों की आबादी 21 लाख थी जो हाल के समय में बढ़कर 30 लाख हो गई है। उन्होंने कहा कि विभाग प्रभावित इलाकों के एक किमी के दायरे में नमूने एकत्र करेगा और उनका परीक्षण करेगा।
बोरा ने कहा, ‘परीक्षण के बाद हम केवल उन सूअरों को ही पकड़ेंगे जो संक्रमित पाए जाएंगे। हम सूअरों को तुरंत पकड़ने से बच रहे हैं। हमारे पास दैनिक अपडेट होंगे और जब भी परिस्थिति के अनुसार आवश्यकता होगी निर्णय लेंगे।’ उन्होंने बताया कि आगे की तीन असम प्रयोगशालाओं में परीक्षण किया जाएगा।
पशुपालन मंत्री ने आगे बताया कि वायरस सुअर के मांस, लार, रक्त और ऊतक से फैलता है। इसलिए जिलों के बीच सूअरों का परिवहन नहीं होगा। हम यह भी देखेंगे कि हमारे राज्य से गुजरने वाले सूअरों के बारे में क्या किया जा सकता है।