सफाई कर्मचारियों ने स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग उठाई है। इसके साथ ही उन्होंने पदोन्नति प्रक्रिया को शीघ्र और पारदर्शी तरीके से पूरा करने की भी मांग की है।

प्रयागराज में मंगलवार को सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम के सामने प्रदर्शन किया। सफाई मजदूर एकता मंच की ओर से प्रशासन को 11 मांगों वाला एक ज्ञापन सौंपा गया। मंच के अध्यक्ष बलराम पटेल ने कहा कि महाकुंभ 2025 के दौरान सफाई कर्मियों ने पूरे शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई थी, जिसकी सराहना देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भी की थी।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, मांग पत्र में सफाई कार्यों में ठेका प्रथा और आउटसोर्सिंग बंद करने की मांग की गई है। स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग भी शामिल है। वर्ष 2006 में संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों का पीएफ खाता अभी तक नहीं खुला है। इसे तुरंत खोलने की मांग की गई है।
सफाई कर्मचारियों ने स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग उठाई है। इसके साथ ही उन्होंने पदोन्नति प्रक्रिया को शीघ्र और पारदर्शी तरीके से पूरा करने की भी मांग की है। नगर निगम के सभी वार्डों में पीने के पानी, भोजन की व्यवस्था और कपड़े बदलने जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।
बलराम पटेल ने बताया कि नगर आयुक्त द्वारा सफाई कर्मचारियों और संगठनों से कोई संवाद नहीं किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष और नाराजगी बढ़ती जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो संगठन आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।
संगठन ने मांग की है कि ऐसे अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाए जो तीन वर्षों से अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्यरत हैं। साथ ही, सफाईकर्मियों को समय पर सुरक्षा किट और वर्दी उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के सहरसा जिले के सदर अस्पताल में सफाई कार्य के लिए नियुक्त एजेंसी के सफाई कर्मियों ने वेतन भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है। सफाई कर्मियों ने एजेंसी पर दो माह से मानदेय भुगतान नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मानदेय भुगतान पर टालमटोल किया जा रहा है। सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। यदि सफाई कर्मियों का हड़ताल जारी रहा तो मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
वहीं राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद के बीके चौक पर आज हजारों की संख्या में सफाई कर्मचारी और सीवरमैन अपनी स्थायी नौकरी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, हाथों में झाड़ू लेकर कर्मचारी सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल महिला और पुरुष कर्मचारियों ने बताया कि वे वर्षों से नगर निगम और नगरपालिका में सेवा दे रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें स्थायी नहीं किया गया है।
धरने का नेतृत्व कर रहे नगर पालिका कर्मचारी संघ के जिला सचिव अनिल चंदालिया ने बताया कि 1996 के बाद से सफाई कर्मचारियों और सीवरमैन की कोई नई भर्ती नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन कर्मचारियों की संख्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ऐप आधारित निगरानी प्रणाली लागू करना चाहती है, जिसका वे विरोध करते हैं। आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा।

प्रयागराज में मंगलवार को सफाई कर्मचारियों ने नगर निगम के सामने प्रदर्शन किया। सफाई मजदूर एकता मंच की ओर से प्रशासन को 11 मांगों वाला एक ज्ञापन सौंपा गया। मंच के अध्यक्ष बलराम पटेल ने कहा कि महाकुंभ 2025 के दौरान सफाई कर्मियों ने पूरे शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने में अहम भूमिका निभाई थी, जिसकी सराहना देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं ने भी की थी।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार, मांग पत्र में सफाई कार्यों में ठेका प्रथा और आउटसोर्सिंग बंद करने की मांग की गई है। स्थायी और अस्थायी कर्मचारियों को समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग भी शामिल है। वर्ष 2006 में संविदा पर नियुक्त कर्मचारियों का पीएफ खाता अभी तक नहीं खुला है। इसे तुरंत खोलने की मांग की गई है।
सफाई कर्मचारियों ने स्थानीय निकायों में कार्यरत कर्मचारियों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की मांग उठाई है। इसके साथ ही उन्होंने पदोन्नति प्रक्रिया को शीघ्र और पारदर्शी तरीके से पूरा करने की भी मांग की है। नगर निगम के सभी वार्डों में पीने के पानी, भोजन की व्यवस्था और कपड़े बदलने जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।
बलराम पटेल ने बताया कि नगर आयुक्त द्वारा सफाई कर्मचारियों और संगठनों से कोई संवाद नहीं किया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों में असंतोष और नाराजगी बढ़ती जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया, तो संगठन आंदोलन करने के लिए मजबूर होगा।
संगठन ने मांग की है कि ऐसे अधिकारियों का स्थानांतरण किया जाए जो तीन वर्षों से अधिक समय से एक ही स्थान पर कार्यरत हैं। साथ ही, सफाईकर्मियों को समय पर सुरक्षा किट और वर्दी उपलब्ध कराए जाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है।
अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार के सहरसा जिले के सदर अस्पताल में सफाई कार्य के लिए नियुक्त एजेंसी के सफाई कर्मियों ने वेतन भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दिया है। सफाई कर्मियों ने एजेंसी पर दो माह से मानदेय भुगतान नहीं करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मानदेय भुगतान पर टालमटोल किया जा रहा है। सफाई कर्मियों के हड़ताल पर जाने से अस्पताल में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। यदि सफाई कर्मियों का हड़ताल जारी रहा तो मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
वहीं राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद के बीके चौक पर आज हजारों की संख्या में सफाई कर्मचारी और सीवरमैन अपनी स्थायी नौकरी की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए। न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, हाथों में झाड़ू लेकर कर्मचारी सड़कों पर उतरे और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन में शामिल महिला और पुरुष कर्मचारियों ने बताया कि वे वर्षों से नगर निगम और नगरपालिका में सेवा दे रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें स्थायी नहीं किया गया है।
धरने का नेतृत्व कर रहे नगर पालिका कर्मचारी संघ के जिला सचिव अनिल चंदालिया ने बताया कि 1996 के बाद से सफाई कर्मचारियों और सीवरमैन की कोई नई भर्ती नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है, लेकिन कर्मचारियों की संख्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ऐप आधारित निगरानी प्रणाली लागू करना चाहती है, जिसका वे विरोध करते हैं। आंदोलनकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक कर्मचारियों को पक्का नहीं किया जाएगा, आंदोलन जारी रहेगा।