यूपी: ऑपरेशन सिंदूर के बाद ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर कई लोग गिरफ्तार

Written by sabrang india | Published on: May 17, 2025
ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच यूपी पुलिस ने 'राष्ट्र-विरोधी' और 'भ्रामक' सोशल मीडिया पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए कई लोगों को गिरफ्तार किया है।



ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के बीच यूपी पुलिस ने पिछले सप्ताह ‘राष्ट्र विरोधी’ और ‘भ्रामक’ सोशल मीडिया पोस्टों के खिलाफ कार्रवाई की।

इसमें आगरा में ताजमहल को जलाए जाने का एक एआई द्वारा बनाया गया फर्जी वीडियो, शाहजहांपुर में एक कथित ‘आतंकवादी हमला’ जो वास्तव में कभी हुआ ही नहीं और पाकिस्तानी सेना के लिए समर्थन दिखाने वाली तस्वीरें, वीडियो और प्रोफाइल पिक्चर्स आदि शामिल हैं।

द वायर की रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने बताया कि उन्होंने अब तक पूरे राज्य से कम से कम 25 लोगों को सोशल मीडिया पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ और ‘भ्रामक’ पोस्ट के जरिए अफ़वाहें फैलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

पुलिस के अनुसार, 40 सोशल मीडिया एकाउंट के खिलाफ कार्रवाई की गई है और उन्हें ब्लॉक करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

इस कार्रवाई के तहत पाकिस्तान का समर्थन करने वाली कथित सामग्री को साझा या पोस्ट करने वालों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं। इसमें मॉर्फ की गई और एआई से जनरेट की गई पोस्टें भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि वे सोशल मीडिया पर ऐसी पोस्ट की पहचान के लिए चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं।

इस मामले में बरेली पुलिस ने फकरुद्दीन नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिस पर इंस्टाग्राम पर पाकिस्तानी सेना की तारीफ करते हुए एक वीडियो साझा करने का आरोप है। इस वीडियो में पाकिस्तानी झंडा भी दिखाई दे रहा था।

बरेली की पुलिस अधीक्षक (दक्षिण) अंशिका वर्मा के अनुसार, फकरुद्दीन को अपने फेसबुक प्रोफाइल पर ‘राष्ट्र-विरोधी’ कंटेंट साझा करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 353(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो ऐसे झूठे बयानों, अफवाहों या भड़काऊ समाचारों के निर्माण, प्रकाशन या प्रसारण से संबंधित है, जिनसे विभिन्न धार्मिक, नस्लीय, क्षेत्रीय समूहों या जातियों के बीच दुश्मनी, नफरत या दुर्भावना पैदा होने की आशंका हो।

बाद में सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा किया गया, जिसमें फकरुद्दीन को पुलिस हिरासत में दिखाया गया और वह साफ तौर से असहज स्थिति में ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ चिल्ला रहा था।

पाकिस्तानी चैनल की क्लिप साझा करने पर कार्रवाई

इसके अलावा, संभल में जमात अली नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। उस पर फेसबुक पर एक ऐसा वीडियो साझा करने का आरोप है, जिसमें यह झूठा दावा किया गया था कि पाकिस्तान ने भारत के एक राफेल लड़ाकू विमान को मार गिराया है और एक भारतीय पायलट को बंदी बना लिया गया है।

अली के खिलाफ दर्ज एफआईआर के अनुसार, उसने एक पाकिस्तानी न्यूज चैनल की क्लिप साझा की थी, जिसमें 2019 के बालाकोट हवाई हमले के बाद भारतीय वायुसेना के पायलट अभिनंदन वर्धमान की गिरफ्तारी की घटना की तुलना एक राफेल जेट को कथित रूप से मार गिराए जाने से की गई थी।

इलेक्ट्रिक टावर पर काम करने वाले अली पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 152 के तहत मामला दर्ज किया गया है। यह धारा भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता को खतरे में डालने वाले कृत्यों से संबंधित है।

पुलिस ने अपनी शिकायत में कहा है कि अली के कृत्य से भारत के खिलाफ अलगाववाद की भावना उत्पन्न हो सकती है और यह भारत की एकता और अखंडता के लिए एक गंभीर चुनौती है।

बरेली में 22 वर्षीय दर्जी मोहम्मद साजिद को भी पाकिस्तान का समर्थन करने वाला वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

शाहजहांपुर में तीन सोशल मीडिया प्रोफाइल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिनमें ‘अंकित कुमार 71010’ और ‘परविंदा.2023’ शामिल हैं। इन पर जिले में आतंकवादी हमले का कथित रूप से फर्जी वीडियो पोस्ट करने का आरोप है।

पुलिस ने ताजमहल पर हमले का एआई वीडियो पोस्ट करने के आरोप में कई सोशल मीडिया यूज़र्स के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

बागपत में एक व्यक्ति को पाकिस्तान के पक्ष में कथित रूप से पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, उसकी पोस्ट पाकिस्तान के समर्थन को बढ़ावा देती है और यह सरकार के खिलाफ है।

इसी तरह, कौशांबी में अफसर अली घोसी नामक एक व्यक्ति को एक कार्टून पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक व्यक्ति को हिंदू देवता की हत्या करते हुए दिखाया गया है और इसका शीर्षक ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ था। हालांकि, इस कार्टून का फ्रेम बांग्लादेश का लग रहा है, जैसा कि राष्ट्रीय झंडे से स्पष्ट होता है।

पाकिस्तानी सेना को ‘शक्तिशाली’ बताने और पाकिस्तानी झंडे के इस्तेमाल का आरोप

आजमगढ़ के नौशाद को सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें पाकिस्तानी सेना को ‘शक्तिशाली’ बताया गया था।

बरेली में साजिद नामक एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में उसे पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ के नारे लगाते हुए दिखाया गया।

मुजफ्फरनगर में जीशान नामक एक व्यक्ति को हिंदुत्व समूहों द्वारा विरोध प्रदर्शन के बाद गिरफ्तार किया गया। इस पर पाकिस्तान के पक्ष में टिप्पणी करते हुए एक वीडियो पोस्ट करने का आरोप लगाया गया है।

संभल में एक अन्य व्यक्ति मोहम्मद रियाज को कथित तौर पर अपनी स्टोरी में पाकिस्तान के झंडे का इस्तेमाल करने और रील शेयर करके भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान का खुले तौर पर समर्थन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

इस मामले पर संभल के एसपी कृष्ण बिश्नोई ने कहा, "अपनी पोस्ट में उसने लिखा था कि ‘चाहे जो हो जाए, समर्थन तो बस पाकिस्तान को करेंगे।’"

पुलिस अधिकारी ने कहा कि रियाज का पोस्ट जानबूझकर किया गया, जिससे ‘भारत में अलगाववादी प्रवृत्ति’ को बढ़ावा मिला।

मेरठ में कुछ दक्षिणपंथी समूहों द्वारा दिलशाद नाम के एक व्यक्ति के वाट्सऐप डिस्प्ले पिक्चर में पाकिस्तानी झंडे वाली एक लड़की की तस्वीर को लेकर आपत्ति जताने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया।

मुजफ्फरनगर में अनवर जमील नाम के व्यक्ति को सोशल मीडिया पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाले वीडियो को शेयर करने के बाद गिरफ्तार किया गया।

वीडियो के 'वायरल' होने के बाद जमील ने एक क्लिप अपलोड कर साफ किया कि विवादास्पद वीडियो पुराना था और उसने यह टिप्पणी ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच के दौरान अपने दोस्त के साथ शर्त के तहत की थी।

मुजफ्फरनगर शहर के सर्कल अधिकारी राजू कुमार साब ने कहा कि इस वीडियो की पुष्टि की जा रही है।

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