35 वर्षीय सूर्यवंशी की 15 दिसंबर को परभणी के एक सरकारी अस्पताल में न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी।
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बीड जिले के मासेजोग के सरपंच संतोष देशमुख और परभणी में दलित प्रदर्शनकारी सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत की जांच के लिए दो एक सदस्यीय न्यायिक समितियों का गठन किया।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा मंगलवार देर रात एक प्रस्ताव जारी किए जाने के बाद समितियों का गठन किया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिसंबर में राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान घटनाओं की न्यायिक जांच का वादा किया था।
देशमुख की हत्या की जांच करने वाली समिति का नेतृत्व बॉम्बे हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम.एल. तहलियानी करेंगे। समिति के कार्यक्षेत्र में घटनाओं के सिक्वेंस की जांच करना, जिम्मेदार व्यक्तियों या संगठनों की पहचान करना, पुलिस की तैयारियों और प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करना तथा भविष्य के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों की सिफारिश करना शामिल है। ये समिति बीड में होगी और उम्मीद है कि वह छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
सेवानिवृत्त बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी.एल. अचलिया सूर्यवंशी की मौत की जांच का नेतृत्व करेंगे। समिति संविधान की प्रतिकृति के अपमान और पुलिस हिरासत में सूर्यवंशी की बाद में हुई मौत के बाद परभणी में 10 दिसंबर को हुई हिंसा से जुड़ी घटनाओं की जांच करेगी। समिति पुलिस की प्रतिक्रिया की भी जांच करेगी और छह महीने के भीतर सिफारिशें करेगी। समिति परभणी में होगी।
न्यायमूर्ति तहलियानी समिति संतोष देशमुख की हत्या के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी को भी बुला सकती है, किसी भी इमारत में प्रवेश कर सकती है या कागजात और खाते जब्त कर सकती है।
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने देशमुख की हत्या के सिलसिले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत एनसीपी मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को गिरफ्तार किया है। मामले में आठ अन्य लोगों को पहले ही मकोका के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। विपक्ष ने गिरफ्तारियों के मद्देनजर मुंडे के इस्तीफे की मांग की है।
35 वर्षीय सूर्यवंशी की 15 दिसंबर को परभणी के एक अस्पताल में हिरासत में रहते हुए मौत हो गई थी। संविधान की कांच से बनी प्रतिकृति के अपमान से जुड़ी हिंसा के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि बीड जिले के मासेजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की निर्मम हत्या ने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन और महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट को तेज कर दिया है। कथित तौर पर 9 दिसंबर, 2024 को इलाके में चल रही एक पवनचक्की कंपनी को निशाना बनाकर जबरन वसूली रैकेट के खिलाफ खड़े होने के कारण देशमुख का अपहरण, यातना और निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद, सोशल मीडिया पर देशमुख के शव की ग्राफिक तस्वीरें वायरल होने से लोगों में नाराजगी बढ़ गई। न केवल हत्या, बल्कि हत्या से पहले जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया गया, उससे लोगों की रूह कांप गई। जिले में एक पवनचक्की कंपनी से जुड़े जबरन वसूली रैकेट का विरोध करने पर देशमुख का अपहरण कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई।
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बीड में सरपंच संतोष देशमुख की निर्मम हत्या के चलते राज्य भर में प्रदर्शन, सरकार में मतभेद के साथ न्याय की मांग तेज
महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को बीड जिले के मासेजोग के सरपंच संतोष देशमुख और परभणी में दलित प्रदर्शनकारी सोमनाथ सूर्यवंशी की मौत की जांच के लिए दो एक सदस्यीय न्यायिक समितियों का गठन किया।
द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा मंगलवार देर रात एक प्रस्ताव जारी किए जाने के बाद समितियों का गठन किया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दिसंबर में राज्य विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान घटनाओं की न्यायिक जांच का वादा किया था।
देशमुख की हत्या की जांच करने वाली समिति का नेतृत्व बॉम्बे हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम.एल. तहलियानी करेंगे। समिति के कार्यक्षेत्र में घटनाओं के सिक्वेंस की जांच करना, जिम्मेदार व्यक्तियों या संगठनों की पहचान करना, पुलिस की तैयारियों और प्रतिक्रिया का मूल्यांकन करना तथा भविष्य के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक उपायों की सिफारिश करना शामिल है। ये समिति बीड में होगी और उम्मीद है कि वह छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
सेवानिवृत्त बॉम्बे उच्च न्यायालय के न्यायाधीश वी.एल. अचलिया सूर्यवंशी की मौत की जांच का नेतृत्व करेंगे। समिति संविधान की प्रतिकृति के अपमान और पुलिस हिरासत में सूर्यवंशी की बाद में हुई मौत के बाद परभणी में 10 दिसंबर को हुई हिंसा से जुड़ी घटनाओं की जांच करेगी। समिति पुलिस की प्रतिक्रिया की भी जांच करेगी और छह महीने के भीतर सिफारिशें करेगी। समिति परभणी में होगी।
न्यायमूर्ति तहलियानी समिति संतोष देशमुख की हत्या के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए किसी को भी बुला सकती है, किसी भी इमारत में प्रवेश कर सकती है या कागजात और खाते जब्त कर सकती है।
यह घोषणा ऐसे समय में की गई है जब आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) ने देशमुख की हत्या के सिलसिले में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत एनसीपी मंत्री धनंजय मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड को गिरफ्तार किया है। मामले में आठ अन्य लोगों को पहले ही मकोका के तहत गिरफ्तार किया जा चुका है। विपक्ष ने गिरफ्तारियों के मद्देनजर मुंडे के इस्तीफे की मांग की है।
35 वर्षीय सूर्यवंशी की 15 दिसंबर को परभणी के एक अस्पताल में हिरासत में रहते हुए मौत हो गई थी। संविधान की कांच से बनी प्रतिकृति के अपमान से जुड़ी हिंसा के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था।
बता दें कि बीड जिले के मासेजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की निर्मम हत्या ने राज्य भर में विरोध प्रदर्शन और महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट को तेज कर दिया है। कथित तौर पर 9 दिसंबर, 2024 को इलाके में चल रही एक पवनचक्की कंपनी को निशाना बनाकर जबरन वसूली रैकेट के खिलाफ खड़े होने के कारण देशमुख का अपहरण, यातना और निर्मम हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद, सोशल मीडिया पर देशमुख के शव की ग्राफिक तस्वीरें वायरल होने से लोगों में नाराजगी बढ़ गई। न केवल हत्या, बल्कि हत्या से पहले जिस तरह से उन्हें प्रताड़ित किया गया, उससे लोगों की रूह कांप गई। जिले में एक पवनचक्की कंपनी से जुड़े जबरन वसूली रैकेट का विरोध करने पर देशमुख का अपहरण कर लिया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और उनकी हत्या कर दी गई।
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