कर्नाटक: बदमाशों ने हजरत सैयद पीर दरगाह में तोड़फोड़ की, पत्थर की दीवार को गिरा दिया

Written by sabrang india | Published on: October 11, 2024
इस घटना के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग मौके पर इकट्ठा हुए और बदमाशों के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए पुलिस अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की।



कर्नाटक के कलबुर्गी में बदमाशों ने बुधवार (9 अक्टूबर) देर रात चित्तपुर तालुक के करदाल गांव में सड़क किनारे स्थित हजरत सैयद पीर दरगाह में तोड़फोड़ की।

उन्होंने दरगाह के बगल में स्थित मजार को भी अपवित्र कर दिया और आसपास की पत्थर की दीवार को गिरा दिया।

इस घटना के बाद मुस्लिम समुदाय के लोग मौके पर इकट्ठा हुए और बदमाशों के खिलाफ गुस्सा जाहिर करते हुए पुलिस अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की।

जिला पुलिस अधीक्षक अडुरु श्रीनिवासलू, पुलिस उपनिरीक्षक श्रीशैल अंबाती और चंद्रमाप्पा ने घटनास्थल का दौरा किया और दरगाह के केयरटेकर सैयद अली से जानकारी इकट्ठा की। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बदमाशों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आग्रह किया।

बता दें कि मजार को तोड़फोड़ करने का यह कोई पहला मामला नहीं है। इस घटना से पहले पिछले महीने उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले में हिंदूवादी संगठनों के सदस्यों ने एक स्थानीय सूफी दरगाह में घुसकर मजार में तोड़फोड़ की और वहां शिवलिंग स्थापित किया, जिससे समुदायों के बीच तनाव बढ़ गया। इस घटना के बाद पुलिस बल तैनात किया गया था।

सियासत की रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में एक पुजारी के नेतृत्व में सैकड़ों लोग लाठी-डंडे लिए हुए देखे गए। वे भगवा गमछा पहने और "जय श्री राम" के नारे लगाते हुए दरगाह की ओर बढ़ते दिखाई दिए। उन्होंने जगह-जगह शिवलिंग और भगवा झंडे स्थापित कर दिए, जिसके चलते मुस्लिम समुदाय इकट्ठा हो गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को संभालने की कोशिश की और कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया।

सांप्रदायिक टकराव का एक और मामला 14 सितंबर को मेरठ में सामने आया था, जहां हनुमान की मूर्ति स्थानीय मजार पर स्थापित की गई थी, जिससे क्षेत्र में तनाव फैल गया। इसके बाद, स्थानीय अधिकारियों ने कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाए।

इसी साल अगस्त महीने में अलीगढ़ में माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई थी। छर्रा में ताड़ शाह बाबा की मजार पर शरारती तत्वों ने तोड़फोड़ की थी। ताड़शाह बाबा की मजार पर उर्स की तैयारियां चल रही थीं और 20 अगस्त से सालाना उर्स का आयोजन होना था। आरोप था कि कार्यक्रम में खलल डालने और मौके की फिजा खराब करने की कोशिश की गई। लोगों की समझदारी और पुलिस की तत्परता के चलते मौके पर शांति व्यवस्था बनाई गई और आनन-फानन में मीनारों को सही कराया गया।

जून में राजस्थान के अलवर जिले के बहादरपुर के पट्टी पहाड़ी गांव में एक मजार पर किए गए गेट के निर्माण के बाद दो समुदायों में विवाद हो गया था, जिसके बाद कुछ लोगों ने नवनिर्मित गेट को तोड़ दिया और मजार के अंदर बिछी एक चटाई को बाहर लाकर उसमें आग लगा दी थी।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इसी साल मई महीने में 600 साल पुरानी अहमदाबाद स्थित पिराना दरगाह में पथराव और तोड़फोड़ का मामला सामने आया था। पुलिस ने मामले में शामिल होने के आरोप में 37 लोगों को गिरफ्तार किया था। दो समुदायों द्वारा पूजे जाने वाले इस धार्मिक स्थल को सांप्रदायिक सद्भाव की मिसाल के रूप में देखा जाता है।

अप्रैल महीने में गोरखपुर के गोरखपुर-सोनौली मार्ग पर लोहरपुरवा गांव के पास स्थित बाबा कठिनदास के मजार में तोड़फोड़ करने पर हंगामा हो गया था। आरोप था कि निर्माण करा रही कंपनी पीएनसी के कर्मचारियों ने रविवार की रात में तोड़ दिया, जिसके बाद नाराज ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया।

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