झारखंड भाजपा के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स से प्रसारित विज्ञापन के ख़िलाफ़ निर्वाचन आयोग में कांग्रेस ने शिकायत की थी कि उक्त वीडियो झूठा, भ्रामक है।
प्रतीकात्मक तस्वीर; साभार : न्यूज नेशन
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं। इससे ठीक पहले झारखंड भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए गए। कांग्रेस ने इसे ‘झूठे और भ्रामक’ वीडियो बताते हुए चुनाव आय़ोग को शिकायत की जिसके बाद कार्रवाई करते हुए रांची पुलिस ने रविवार को एफआईआर दर्ज की है और संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पोस्ट हटाने के लिए लिखा है।
रविवार 10 नवंबर को कांग्रेस ने चुनाव आयोग को एक शिकायत सौंपी जिसमें भाजपा पर आदर्श आचार संहिता समेत चुनाव कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, कांग्रेस की शिकायत भाजपा की झारखंड इकाई के आधिकारिक हैंडल से सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन के वीडियो के प्रसारण से संबंधित है, जिसमें विपक्षी नेताओं को कथित तौर पर आदिवासी विरोधी दिखाने की कोशिश की गई है।
ज्ञात हो कि झारखंड में इसी महीने दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को चुनाव के लिए मतदान होना है।
कांग्रेस सांसद और पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि 9 नवंबर को झारखंड भाजपा के फेसबुक पेज द्वारा प्रसारित एक विज्ञापन में ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं पर झूठे आरोप लगाए गए हैं और उनके खिलाफ गलत बयान दिए जा रहे हैं।
इस पत्र में यह भी कहा गया है कि इन नेताओं के खिलाफ झूठी और निराधार बातों को प्रचारित करने के इरादे से इन्हें नकारात्मक और झूठी छवि में दिखाया जा रहा है। इस पत्र में चुनाव आयोग से सभी वीडियो को तत्काल हटाने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही भाजपा के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की गई है।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि भाजपा ने जानबूझ कर झामुमो, कांग्रेस और राजद के नेताओं से मिलते-जुलते अभिनेताओं का विज्ञापन में इस्तेमाल किया और इनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर इन्हें आदिवासी विरोधी बताने की कोशिश की गई, जो अपने निजी एजेंडा को पूरा करने के लिए आदिवासी समर्थक होने की आड़ में एकजुट हुए हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के तहत कोई भी राजनीतिक दल, नेता या उम्मीदवार विरोधी दल या नेता के खिलाफ गलत जानकारी के आधार पर चुनाव प्रचार नहीं कर सकता। इसके अलावा, कोई भी राजनीतिक दल, नेता या उम्मीदवार ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता है, जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता हो।
इस पत्र में कहा गया है कि भाजपा द्वारा प्रकाशित विज्ञापन आधारहीन आरोप और झूठ से भरा हुआ है जिसका एकमात्र उद्देश्य मतदाताओं को किसी भी विपक्षी दल को वोट देने से रोकने और भाजपा को चुनाव में अनुचित लाभ पहुंचाने का है।
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि झारखंड में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया जारी है, इसलिए भाजपा को इस विज्ञापन के लिए चुनाव आयोग से पहले अनुमति लेनी चाहिए थी।
प्रतीकात्मक तस्वीर; साभार : न्यूज नेशन
झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होने हैं। इससे ठीक पहले झारखंड भाजपा द्वारा सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट किए गए। कांग्रेस ने इसे ‘झूठे और भ्रामक’ वीडियो बताते हुए चुनाव आय़ोग को शिकायत की जिसके बाद कार्रवाई करते हुए रांची पुलिस ने रविवार को एफआईआर दर्ज की है और संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पोस्ट हटाने के लिए लिखा है।
रविवार 10 नवंबर को कांग्रेस ने चुनाव आयोग को एक शिकायत सौंपी जिसमें भाजपा पर आदर्श आचार संहिता समेत चुनाव कानूनों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, कांग्रेस की शिकायत भाजपा की झारखंड इकाई के आधिकारिक हैंडल से सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन के वीडियो के प्रसारण से संबंधित है, जिसमें विपक्षी नेताओं को कथित तौर पर आदिवासी विरोधी दिखाने की कोशिश की गई है।
ज्ञात हो कि झारखंड में इसी महीने दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को चुनाव के लिए मतदान होना है।
कांग्रेस सांसद और पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कहा है कि 9 नवंबर को झारखंड भाजपा के फेसबुक पेज द्वारा प्रसारित एक विज्ञापन में ‘झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं पर झूठे आरोप लगाए गए हैं और उनके खिलाफ गलत बयान दिए जा रहे हैं।
इस पत्र में यह भी कहा गया है कि इन नेताओं के खिलाफ झूठी और निराधार बातों को प्रचारित करने के इरादे से इन्हें नकारात्मक और झूठी छवि में दिखाया जा रहा है। इस पत्र में चुनाव आयोग से सभी वीडियो को तत्काल हटाने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है। साथ ही भाजपा के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की गई है।
पत्र में आरोप लगाया गया है कि भाजपा ने जानबूझ कर झामुमो, कांग्रेस और राजद के नेताओं से मिलते-जुलते अभिनेताओं का विज्ञापन में इस्तेमाल किया और इनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर इन्हें आदिवासी विरोधी बताने की कोशिश की गई, जो अपने निजी एजेंडा को पूरा करने के लिए आदिवासी समर्थक होने की आड़ में एकजुट हुए हैं।
जयराम रमेश ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के तहत कोई भी राजनीतिक दल, नेता या उम्मीदवार विरोधी दल या नेता के खिलाफ गलत जानकारी के आधार पर चुनाव प्रचार नहीं कर सकता। इसके अलावा, कोई भी राजनीतिक दल, नेता या उम्मीदवार ऐसी गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकता है, जो जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता हो।
इस पत्र में कहा गया है कि भाजपा द्वारा प्रकाशित विज्ञापन आधारहीन आरोप और झूठ से भरा हुआ है जिसका एकमात्र उद्देश्य मतदाताओं को किसी भी विपक्षी दल को वोट देने से रोकने और भाजपा को चुनाव में अनुचित लाभ पहुंचाने का है।
जयराम रमेश ने यह भी कहा कि झारखंड में विधानसभा चुनाव प्रक्रिया जारी है, इसलिए भाजपा को इस विज्ञापन के लिए चुनाव आयोग से पहले अनुमति लेनी चाहिए थी।