भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (भावाधस) ने अपनी शिकायत में कहा कि अंजना ओम कश्यप ने अपने शो में प्राचीन काल के संत वाल्मीकि के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की जिसे चैनल के आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों के माध्यम से प्रसारित किया गया था।

लुधियाना पुलिस ने हिंदी न्यूज चैनल आजतक की एंकर, पत्रकार-सह-प्रबंध संपादक अंजना ओम कश्यप, इंडिया टुडे समूह के अध्यक्ष और प्रधान संपादक अरुण पुरी और मीडिया समूह कंपनी लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड (जिसे इंडिया टुडे समूह के नाम से भी जाना जाता है) के खिलाफ वाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का मामला दर्ज किया है।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (भावाधस) की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। अपनी शिकायत में संगठन ने आरोप लगाया है कि कश्यप ने अपने शो में प्राचीन काल के संत वाल्मीकि के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की जिसका प्रसारण चैनल के आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों जैसे फेसबुक पर किया गया था।
इस टिप्पणी को "बेहद अपमानजनक" बताते हुए, भावाधस ने आरोप लगाया कि "पूरे देश के वाल्मीकि समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं" और मांग की कि "ये मुद्दा राष्ट्रीय स्तर के आंदोलन में बदल जाए इससे पहले जल्द से जल्द एक प्राथमिकी दर्ज की जाए"।
भावाधस के राष्ट्रीय समन्वयक और लुधियाना के मोहल्ला घाटी वाल्मीकि निवासी चौधरी यशपाल ने कहा, "हम कश्यप की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं और उन्हें एक राष्ट्रीय चैनल पर संत वाल्मीकि के खिलाफ कहे गए अपने शब्दों के लिए माफी भी मांगनी चाहिए।"
भावाधस के मुख्य समन्वयक विजय दानव, जो आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पंजाब सरकार के दलित विकास बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा, "हम वाल्मीकि जी का अपमान करने और हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कश्यप की तत्काल गिरफ्तारी चाहते हैं।"
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने के लिए धारा 299 और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) की धारा 3(1)(v) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
डिवीजन नंबर 4 पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर गगनप्रीत सिंह ने कहा: "एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार मामले की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी जाएगी और प्रक्रिया के अनुसार फाइल लुधियाना पुलिस आयुक्त कार्यालय भेज दी गई है।"
लुधियाना के पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा ने कहा, "कानूनी सलाह लेने के बाद मामला दर्ज किया गया है। कम से कम 13 दलित/अनुसूचित जाति संगठनों ने शिकायत की थी कि एंकर द्वारा शो में इस्तेमाल किए गए लहजे और शब्द अपमानजनक और अनुचित थे। जांच अभी भी जारी है।"
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, कश्यप ने एक बयान में कहा, "टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड, भगवान महर्षि वाल्मीकि जी के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी के संबंध में लुधियाना में दर्ज एफआईआर में शामिल आरोपों का पुरजोर खंडन करता है। कार्यक्रम सम्मानजनक और संतुलित था, पत्रकारिता की नैतिकता का पूरा पालन करते हुए और सभी धर्मों और समुदायों के प्रति पूर्ण सम्मान के साथ आयोजित किया गया था। हम यह समझने में असफल हैं कि प्रसारण के किसी भी हिस्से से किसी को ठेस कैसे पहुंच सकती है, क्योंकि पूरे फुटेज से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि कोई अपमानजनक संदर्भ कभी नहीं दिया गया था।
"दुर्भाग्यवश, कुछ चुनिंदा संपादित और भ्रामक क्लिप ऑनलाइन प्रसारित की गई हैं, जो कार्यक्रम की विषयवस्तु और उद्देश्य को गलत तरीके से प्रस्तुत करती हैं। इन गलत प्रस्तुतियों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि ये सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश करती हैं और जिम्मेदार पत्रकारिता को बदनाम करती हैं। टीवी टुडे नेटवर्क ने हमेशा संपादकीय निष्ठा और सभी धर्मों के सम्मान के उच्चतम मानकों को बरकरार रखा है और झूठे और भ्रामक आरोपों के खिलाफ उचित कानूनी सुरक्षा और निवारण के लिए माननीय न्यायालय का रुख करेगा।"
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इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज (भावाधस) की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। अपनी शिकायत में संगठन ने आरोप लगाया है कि कश्यप ने अपने शो में प्राचीन काल के संत वाल्मीकि के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की जिसका प्रसारण चैनल के आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों जैसे फेसबुक पर किया गया था।
इस टिप्पणी को "बेहद अपमानजनक" बताते हुए, भावाधस ने आरोप लगाया कि "पूरे देश के वाल्मीकि समुदाय की भावनाएं आहत हुई हैं" और मांग की कि "ये मुद्दा राष्ट्रीय स्तर के आंदोलन में बदल जाए इससे पहले जल्द से जल्द एक प्राथमिकी दर्ज की जाए"।
भावाधस के राष्ट्रीय समन्वयक और लुधियाना के मोहल्ला घाटी वाल्मीकि निवासी चौधरी यशपाल ने कहा, "हम कश्यप की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हैं और उन्हें एक राष्ट्रीय चैनल पर संत वाल्मीकि के खिलाफ कहे गए अपने शब्दों के लिए माफी भी मांगनी चाहिए।"
भावाधस के मुख्य समन्वयक विजय दानव, जो आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और पंजाब सरकार के दलित विकास बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा, "हम वाल्मीकि जी का अपमान करने और हमारी भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कश्यप की तत्काल गिरफ्तारी चाहते हैं।"
धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य करने के लिए धारा 299 और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) की धारा 3(1)(v) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
डिवीजन नंबर 4 पुलिस स्टेशन के एसएचओ इंस्पेक्टर गगनप्रीत सिंह ने कहा: "एससी/एसटी अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार मामले की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी को सौंपी जाएगी और प्रक्रिया के अनुसार फाइल लुधियाना पुलिस आयुक्त कार्यालय भेज दी गई है।"
लुधियाना के पुलिस कमिश्नर स्वप्न शर्मा ने कहा, "कानूनी सलाह लेने के बाद मामला दर्ज किया गया है। कम से कम 13 दलित/अनुसूचित जाति संगठनों ने शिकायत की थी कि एंकर द्वारा शो में इस्तेमाल किए गए लहजे और शब्द अपमानजनक और अनुचित थे। जांच अभी भी जारी है।"
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए, कश्यप ने एक बयान में कहा, "टीवी टुडे नेटवर्क लिमिटेड, भगवान महर्षि वाल्मीकि जी के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी के संबंध में लुधियाना में दर्ज एफआईआर में शामिल आरोपों का पुरजोर खंडन करता है। कार्यक्रम सम्मानजनक और संतुलित था, पत्रकारिता की नैतिकता का पूरा पालन करते हुए और सभी धर्मों और समुदायों के प्रति पूर्ण सम्मान के साथ आयोजित किया गया था। हम यह समझने में असफल हैं कि प्रसारण के किसी भी हिस्से से किसी को ठेस कैसे पहुंच सकती है, क्योंकि पूरे फुटेज से स्पष्ट रूप से पता चलता है कि कोई अपमानजनक संदर्भ कभी नहीं दिया गया था।
"दुर्भाग्यवश, कुछ चुनिंदा संपादित और भ्रामक क्लिप ऑनलाइन प्रसारित की गई हैं, जो कार्यक्रम की विषयवस्तु और उद्देश्य को गलत तरीके से प्रस्तुत करती हैं। इन गलत प्रस्तुतियों को तुरंत वापस लिया जाना चाहिए क्योंकि ये सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश करती हैं और जिम्मेदार पत्रकारिता को बदनाम करती हैं। टीवी टुडे नेटवर्क ने हमेशा संपादकीय निष्ठा और सभी धर्मों के सम्मान के उच्चतम मानकों को बरकरार रखा है और झूठे और भ्रामक आरोपों के खिलाफ उचित कानूनी सुरक्षा और निवारण के लिए माननीय न्यायालय का रुख करेगा।"
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