अलीगढ़ व्यापारी हत्याकांड: हिंदू महासभा की नेता पूजा शकुन पांडे गिरफ़्तार

Written by sabrang india | Published on: October 13, 2025
अलीगढ़ में व्यापारी की हत्या मामले में मुख्य आरोपी और अखिल भारत हिंदू महासभा (एबीएचएम) की पदाधिकारी पूजा शकुन पांडे को पुलिस ने शनिवार 11 अक्टूबर को राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्तार किया है।



उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में व्यापारी की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी और अखिल भारत हिंदू महासभा (एबीएचएम) की पदाधिकारी पूजा शकुन पांडे को पुलिस ने शनिवार 11 अक्टूबर को राजस्थान के भरतपुर से गिरफ्तार कर लिया।

गौरतलब है कि 25 वर्षीय बाइक शोरूम संचालक अभिषेक गुप्ता की हत्या 26 सितंबर को अलीगढ़ के रोरावर क्षेत्र में दो हमलावरों द्वारा उस समय कर दी गई थी, जब वह हाथरस जाने के लिए बस में सवार हो रहे थे।

हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले में पूजा शकुन पांडे और उनके पति, अखिल भारत हिंदू महासभा (एबीएचएम) के प्रवक्ता अशोक पांडे पर आरोप है कि उन्होंने अभिषेक गुप्ता की हत्या के लिए दो शूटरों – मोहम्मद फजल और आसिफ – को सुपारी दी थी।

हत्या की रात ही रोरावर थाना पुलिस ने पूजा शकुन पांडे और उनके पति के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।

इस मामले में अशोक पांडे और दोनों शूटरों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, स्वयं को महामंडलेश्वर बताने वाली पूजा शकुन पांडे हत्या की रात से ही फरार थीं और उनकी गिरफ्तारी पर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था।

भरतपुर में गिरफ्तारी के बाद, पूजा शकुन पांडे को अलीगढ़ लाया गया जहां उनसे पूछताछ जारी है। जांच के दौरान अधिकारियों ने पहले खुलासा किया था कि दोनों शूटरों की पूजा और उनके पति से जान-पहचान पिछले 7-8 वर्षों से थी और घटना से करीब एक महीने पहले वे उनके घर पर वेल्डिंग का काम कर रहे थे।

इसी दौरान, पति-पत्नी की इस जोड़ी ने कथित रूप से अभिषेक गुप्ता की हत्या के लिए दोनों शूटरों को पैसे दिए थे। बताया जा रहा है कि हत्या से पहले पूजा शकुन पांडे ने हत्यारों को व्यापारी गुप्ता की तस्वीर भी उपलब्ध कराई थी ताकि वे उसकी पहचान कर सकें।

कॉल रिकॉर्ड के हवाले से पुलिस का कहना है कि अशोक पांडे ने अगस्त और सितंबर के बीच शूटर मोहम्मद फज़ल से कुल 27 बार संपर्क किया था जबकि इस दौरान उन्होंने अपनी फरार पत्नी पूजा शकुन पांडे से 11 बार बातचीत की थी।

द वायर को प्राप्त एफआईआर के अनुसार, 26 सितंबर की शाम मृतक अभिषेक गुप्ता, उनके पिता नीरज गुप्ता और चचेरे भाई जीतू गुप्ता रोज की तरह शोरूम बंद कर घर लौटने के लिए निकले थे। वे एक चौराहे पर बस का इंतजार कर रहे थे। इस दौरान नीरज और जीतू बस में सवार हो गए लेकिन अभिषेक को बाइक सवार दो अज्ञात हमलावरों ने रोका और उस पर गोलियां चला दीं।

गुप्ता के पिता ने अपनी शिकायत में पूजा शकुन पांडे और उनके पति अशोक पांडे का नाम लिया था जिसमें उन्होंने बताया कि उनके और उनके बेटे के बीच तनावपूर्ण संबंध थे।

यह भी ज्ञात है कि पूजा शकुन पांडे इससे पहले महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की सार्वजनिक रूप से प्रशंसा करने के कारण भी सुर्खियों में आ चुकी हैं।

कौन हैं पूजा शकुन पांडेय?

पूजा शकुन पांडेय, जिन्हें साध्वी अन्नपूर्णा और ‘लेडी गोडसे’ के नाम से भी जाना जाता है, अलीगढ़ में हिंदू महासभा की एक प्रमुख नेता हैं। वे अक्सर अल्पसंख्यकों, खासकर मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाकर नफरती भाषा का प्रयोग करने के लिए सुर्खियों में रहती हैं।

अपने नफरती भाषणों और ‘हिंदुओं की रक्षा’ के नाम पर चलाए गए अभियानों के जरिए उन्होंने एक अलग पहचान बनाई है, जिन्हें वे मुसलमानों से एक आसन्न खतरे के रूप में देखती हैं।

2021 में, पूजा शकुन पांडे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपनी विवादित टिप्पणियों के कारण सुर्खियां बटोरीं। उन्होंने उस वक्त मोदी सरकार की घोषणा पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें किसानों के एक साल से चल रहे दिल्ली सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की बात कही गई थी।

अप्रैल 2020 में पूजा शकुन पांडे के खिलाफ धार्मिक आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी फैलाने और सार्वजनिक अशांति को बढ़ावा देने वाले बयान जारी करने के आरोप में एक आपराधिक मामला दर्ज किया गया था। उस समय वायरल हुए एक वीडियो में उन्होंने कथित तौर पर तबलीगी जमात के सदस्यों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी की थी जिसके बाद उन्हें कुछ समय के लिए गिरफ्तार भी किया गया था।

2021 में हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद के दौरान, पूजा शकुन ने मुसलमानों के खिलाफ हथियार उठाने और नरसंहार को बढ़ावा देने का खुलेआम आह्वान किया था।

उन्होंने बिना मुसलमानों के सामूहिक नरसंहार की खुला आह्वान किया था।

उन्होंने कहा था, ‘हथियारों के बिना कुछ भी संभव नहीं है। अगर आप उनकी आबादी खत्म करना चाहते हैं तो उन्हें मार डालो। मारने के लिए तैयार रहो और जेल जाने के लिए भी तैयार रहो। अगर हममें से 100 लोग भी उनमें से 20 लाख (मुसलमानों) को मारने के लिए तैयार हों, तो हम जीतेंगे और जेल जाएंगे… (नाथूराम) गोडसे की तरह मैं बदनाम होने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं अपने हिंदुत्व की रक्षा के लिए हर उस राक्षस से हथियार उठाऊंगी जो मेरे धर्म के लिए खतरा है।’

कई मौकों पर मुसलमानों के विरुद्ध खुलेआम हत्याओं के आह्वान करने के बावजूद, पूजा शकुन के खिलाफ अब तक कोई ठोस कानूनी कार्रवाई देखने को नहीं मिली है।

बताया गया है कि अभिषेक पहली बार तब पूजा शकुन के संपर्क में आए थे जब उनकी उम्र लगभग 17 साल थी। उनके पिता नीरज गुप्ता ने अपने बेटे की देखरेख के लिए उन पर भरोसा जताया था, लेकिन स्थिति तब बिगड़ी जब पूजा शकुन ने कथित तौर पर परिवार से 5 लाख रुपये का कर्ज ले लिया।

जब नीरज गुप्ता ने पूजा शकुन से कर्ज की रकम वापस करने के लिए कहा, तो कथित तौर पर उन्होंने और ज्यादा पैसे की मांग की। उनका दावा था कि नीरज का बेटा किसी लड़की के चक्कर में है। परिवार ने कथित तौर पर 8 लाख रुपये से अधिक चुकाने के बाद भी पूजा शकुन के प्रति सतर्कता बरतनी शुरू कर दी थी।

2019 में, पूजा शकुन के बेटे की गिरफ्तारी तब हुई जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें पूजा शकुन महात्मा गांधी के पुतले पर गोली चला रही थीं और नाथूराम गोडसे के समर्थन में नारे लगा रही थीं। इसके बाद उन्होंने उस पुतले को आग भी लगा दी थी।

हालांकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पूजा शकुन से अपने संबंधों को खारिज कर दिया था, लेकिन वे पूर्व भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा जैसे नेताओं के साथ नियमित रूप से संपर्क में रहती हैं और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उनकी तस्वीरें भी सार्वजनिक हो चुकी हैं।

मई 2019 में, पूजा शकुन एक और विवाद में फंसीं जब उन्होंने सावरकर जयंती के मौके पर नाबालिग लड़कियों को खंजर बांटे थे।

मृतक के भाई आशीष ने द वायर को बताया कि गांधीजी के पुतले को गोली मारने के मामले में अभिषेक के जेल जाने के बाद उनकी मां उसे वापस लाना चाहती थीं, जिसमें वे कुछ सफल भी रहीं। लेकिन जल्द ही अभिषेक पूजा शकुन के घर लौट गए।

आशीष ने कहा, ‘पिछले दो सालों से हमें मेरे भाई और पूजा शकुन के बीच प्रेम-प्रसंग की जानकारी मिल रही थी। मेरी मां हमेशा से उसे वापस लाना चाहती थीं, खासकर गांधीजी के पुतले वाली घटना के बाद। हाल के महीनों में मेरे भाई ने दूरी बनानी शुरू कर दी थी और उसके फोन कॉल्स नहीं उठा रहा था। उसने नौकरी कर ली थी और पिछली दिवाली पर उसने घर पर 3.5 लाख रुपये भी दिए थे। पूजा शकुन लगातार वीडियो कॉल करके उसकी लोकेशन पता करती रहती थी।’

लेकिन जैसे-जैसे अभिषेक ने पूजा शकुन से दूरी बनानी शुरू की, वैसे-वैसे अजीबोगरीब घटनाएं होने लगीं। आशीष ने बताया, ‘वह लगातार मेरे भाई को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही थी। गुंडों ने उस पर हमला किया और फिर झूठे मुकदमों में फंसाने की कोशिश की गई।’

उन्होंने आगे कहा, ‘अगर ये लोग मुसलमानों को निशाना बनाना बंद कर दें, तो कोई उनकी ओर ध्यान भी नहीं देगा।’

कथित तौर पर, पूजा शकुन बाइक शोरूम के मालिकाना हक में हिस्सा चाहती थी। ‘वह जानती थी कि ऐसा करने से वह अभी भी उसके संपर्क में रह सकती है।’

आशीष ने द वायर को बताया कि अभिषेक पूजा से मिलने से पहले अपने पैसे छिपा लिया करता था। उन्होंने आरोप लगाया, ‘रात में वह उसे अपने साथ सोने के लिए मजबूर करती थी। मेरे भाई की हत्या वासना और लालच के कारण हुई है।’

पूजा शकुन द्वारा चलाए गए विभिन्न अभियानों के बारे में पूछे जाने पर, आशीष ने आरोप लगाया कि पूजा ने निजी तौर पर स्वीकार किया था कि उसने ये अभियान केवल सुर्खियां बटोरने और ‘टीआरपी’ पाने के लिए चलाए थे।

उन्होंने कहा, ‘अगर ये लोग मुसलमानों को निशाना बनाना बंद कर दें, तो कोई उनकी तरफ ध्यान नहीं देगा। मुसलमान हमारे काम में योगदान देते हैं। वे मैकेनिक और टेक्नीशियन के रूप में काम करते हैं। हमारे तीन मैकेनिक मुसलमान हैं। उन्होंने हमें कभी कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। लेकिन उसने हमारे भाई को मार डाला।’

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