असम : सोशल मीडिया पोस्ट के सिलसिले में दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया

Written by sabrang india | Published on: June 13, 2025
गिरफ्तार किए गए लोगों में से कई ने आरोप लगाया है कि पुलिस मौजूदा स्थिति का फायदा उठाकर मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार कर रही है।



असम पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट के सिलसिले में दो और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिससे अप्रैल में पहलगाम हमले के बाद से गिरफ्तारियों की कुल संख्या 92 हो गई है।

मकतूब की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए दो लोगों की पहचान सबिकुल इस्लाम और दुलाल बोरा के रूप में हुई है।

गिरफ्तारी की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "हिंदू विरोधी तत्वों को पकड़ा गया! कार्रवाई जारी है।" उन्होंने कहा, "कुल 92 अपराधी सलाखों के पीछे हैं।" गिरफ्तार किए गए लोगों में से ज़्यादातर मुसलमान हैं।

गिरफ्तार किए गए लोगों में से कई ने आरोप लगाया है कि पुलिस मौजूदा स्थिति का फायदा उठाकर मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार कर रही है।

मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि "देशद्रोहियों के ख़िलाफ़ राज्यव्यापी कार्रवाई जारी रहेगी और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।"

पहलगाम हमले के बाद पुलिस ने "भारत विरोधी और पाकिस्तान समर्थक गतिविधियों" के ख़िलाफ़ कार्रवाई तेज कर दी है। साल 2025 में, असम में सोशल मीडिया पोस्ट के लिए कई गिरफ्तारियां हुईं।

इससे पहले, AIUDF विधायक अमीनुल इस्लाम को कथित तौर पर पाकिस्तान के बचाव में और पहलगाम आतंकी हमले में उसकी मिलीभगत के लिए टिप्पणी करने के बाद देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि उन्हें जमानत मिल गई थी, लेकिन बाद में उन पर राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत मामला दर्ज किया गया।

इससे पहले, पहलगाम हमले के बारे में सोशल मीडिया पर विवादास्पद पोस्ट करने के लिए एक विधायक, पत्रकार, छात्र, वकील और सेवानिवृत्त शिक्षकों सहित कई लोगों को असम, मेघालय और त्रिपुरा में गिरफ्तार किया गया था।

द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद सोशल मीडिया पर किए गए विवादित पोस्ट के चलते नॉर्थ ईस्ट में हैलाकांडी से मोहम्मद जाबिर हुसैन, सिलचर में मोहम्मद ए.के. बहाउद्दीन, मोहम्मद जावेद मजूमदार, मोरीगांव में मोहम्मद महाहर मिया, नागांव में मोहम्मद अमीनुल इस्लाम और शिवसागर में मोहम्मद साहिल अली को गिरफ्तार किया गया था।

Related

असम: नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया ने सरमा के कदम को पक्षपातपूर्ण और गैरकानूनी बताते हुए नागरिकों की "पुशबैक" की प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की

असम: छह भारतीय महिलाओं को जबरन भारत से निकालकर नो-मैन्स लैंड होते हुए बांग्लादेश और फिर वापस लाया गया

बाकी ख़बरें