नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की 'मौजूदा स्थति' पर चिंता जताते हुए विभिन्न पार्टियों के 49 सांसदों ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर विश्वविद्यालय के कुलपति एम जगदीश कुमार को पद से हटाने और उनके खिलाफ जांच की मांग की है।
पत्र में सांसदों ने संविधान प्रदत आरक्षण प्रणाली का ‘उल्लंघन' करने और अकादमिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के बजाय सुरक्षा एवं निगरानी को प्रमुखता दिए जाने पर चिंता जताई है।
सांसदों ने पत्र लिखा है कि वे जेएनयू को बचाने लिए उनका तत्काल हस्तक्षेप चाहते हैं। पत्र में कुलपति के खिलाफ जांच की भी मांग की गई है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में आप के संजय सिंह, राजद के मनोज झा, कांग्रेस के कुमार केतकर शामिल हैं।
सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र में छह प्वाइंट में अपनी बात रखी गई है। सांसदों ने आऱोप लगाया है कि जेएनयू के वीसी संवैधानिक रूप से अनिवार्य आरक्षण प्रणाली और CEI अधिनियम 2006 और सीट कट का उल्लंघन कर रहे हैं।
जेएनयू वीसी द्वारा जेएनयू अधिनियम, क़ानून और अध्यादेश का उल्लंघन किया जा रहा है। शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली एकेडमिक गतिविधियों पर सर्विलांस किया जा रहा है।
संकाय चयन प्रक्रिया की अखंडता को रेखांकित किया जा रहा है। शिक्षकों का उत्पीड़न किया जा रहा है। पत्र में लिखा गया है कि कुलपति एम जगदीश कुमार निरंकुश तरीके से शैक्षणिक गतिविधियों पर भी पहरा लगाने की कोशिश कर रहे हैं।
पत्र में सांसदों ने संविधान प्रदत आरक्षण प्रणाली का ‘उल्लंघन' करने और अकादमिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के बजाय सुरक्षा एवं निगरानी को प्रमुखता दिए जाने पर चिंता जताई है।
सांसदों ने पत्र लिखा है कि वे जेएनयू को बचाने लिए उनका तत्काल हस्तक्षेप चाहते हैं। पत्र में कुलपति के खिलाफ जांच की भी मांग की गई है। पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले सांसदों में आप के संजय सिंह, राजद के मनोज झा, कांग्रेस के कुमार केतकर शामिल हैं।
सांसदों द्वारा हस्ताक्षरित इस पत्र में छह प्वाइंट में अपनी बात रखी गई है। सांसदों ने आऱोप लगाया है कि जेएनयू के वीसी संवैधानिक रूप से अनिवार्य आरक्षण प्रणाली और CEI अधिनियम 2006 और सीट कट का उल्लंघन कर रहे हैं।
जेएनयू वीसी द्वारा जेएनयू अधिनियम, क़ानून और अध्यादेश का उल्लंघन किया जा रहा है। शैक्षणिक गतिविधियों को बढ़ावा देने वाली एकेडमिक गतिविधियों पर सर्विलांस किया जा रहा है।
संकाय चयन प्रक्रिया की अखंडता को रेखांकित किया जा रहा है। शिक्षकों का उत्पीड़न किया जा रहा है। पत्र में लिखा गया है कि कुलपति एम जगदीश कुमार निरंकुश तरीके से शैक्षणिक गतिविधियों पर भी पहरा लगाने की कोशिश कर रहे हैं।