दलितों से मारपीट करने के जुर्म में दस लोगों को सजा

Written by sabrang india | Published on: November 18, 2023
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उच्च जाति के लोगों के खिलाफ शिकायत करने पर अनुसूचित जाति के लोगों से मारपीट करने के जुर्म में दस लोगों को दो माह से लेकर एक वर्ष तक की सजा सुनाई है।



कर्नाटक उच्च न्यायालय ने उच्च जाति के लोगों के खिलाफ शिकायत करने पर अनुसूचित जाति के लोगों से मारपीट करने के जुर्म में दस लोगों को दो माह से लेकर एक वर्ष तक की सजा सुनाई है।

इससे पहले तुमकुरु जिले के डुंडा गांव के सभी आरोपियों को 2011 में निचली अदालत ने बरी कर दिया था।

उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के आदेश को पलटते हुए कहा, ‘‘यह अदालत इस तथ्य की अनदेखी नहीं कर सकती कि बिना किसी औचित्य के आरोपियों ने ‘हरिजन’ कॉलोनी में प्रवेश करने और शिकायतकर्ता और अन्य लोगों पर हमला करने का फैसला किया, केवल इस कारण से कि उनमें से दो ने पुलिस से संपर्क किया और आरोपी नंबर एक के खिलाफ शिकायत की।’’

घटना के संबंध में अनुसूचित जाति के लोगों ने डीआर सुदीप नामक व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। घटना शिवमूर्ति नामक व्यक्ति की जमीन पर हुई थी।

न्यायमूर्ति जे एम काजी ने तुमकुरु के तृतीय अतिरिक्त सत्र न्यायालय के फैसले को रद्द करते हुए कहा,‘‘आरोपियों ने शिकायतकर्ता और अन्य लोगों पर केवल इस लिए हमला किया कि अनुसूचित जाति से होने के बावजूद उन्होंने उच्च जाति के व्यक्ति के खिलाफ शिकायत करने का साहस किया।

मामले में कुल 11 आरोपी थे- डी आर सुदीप, जयम्मा, नटराज, बी के श्रीनिवास, डी के शंकरैया, डी बी शिवकुमार, हर्षा, बी एस शिवलिंगैया, डी एन प्रकाश, गौरम्मा और कल्पना। मुकदमे के दौरान शिवलिंगैया की मौत हो गई थी।

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