वायरल वीडियो में महिला का सिर मुंडा हुआ और उसके हाथ-पैर बंधे हुए दिखाई दे रहे हैं। उसे उसके पति द्वारा भीड़ के सामने डंडे से बार-बार पीटा जा रहा है।
साभार : इंडिया टूडे
उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक महिला को उसके भतीजे द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत करने पर बेरहमी से पीटा गया और उसका सिर मुंडवा दिया गया। यह घटना 3 सितंबर 2024 को हुई थी। इस घटना का वीडियो सामने आने के बाद छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
वायरल वीडियो में महिला का सिर मुंडा हुआ और उसके हाथ-पैर बंधे हुए दिखाई दे रहे हैं। उसे उसके पति द्वारा भीड़ के सामने डंडे से बार-बार पीटा जा रहा है। कथित तौर पर पुरुषों ने बारी-बारी से उसे मारा, वह दर्द से चिल्ला रही थी और अंततः गिर गई।
महिला ने दावा किया कि उसका भतीजा राजा नाथ कुछ समय से उसे परेशान कर रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, जब वह शिकायत करने के लिए अपने घर गई, तो उसके पति और परिवार ने उस पर हमला कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामले की सुनवाई के बाद गांव की पंचायत ने महिला और उसके भतीजे के सिर मुंडवाने का आदेश दिया। महिला के पति को उसे सार्वजनिक रूप से पीटने का आदेश दिया गया। महिला ने कहा, "जबरदस्ती काटा उन्होंने" और उसने अपना सिर दुपट्टे से ढक लिया।
कन्नौज के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने कहा, "एक महिला की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में पिटाई करते दिख रहा व्यक्ति महिला का पति है। छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पूछताछ जारी है।"
बताते चलें कि महिलाओं के खिलाफ पंचायत द्वारा इस तरह के तुगलकी फरमान जारी कर प्रताड़ित करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी देश भर में महिलाओं के खिलाफ पंचायतों द्वारा इस तरह के आदेश जारी कर अपमानित किया गया है।
महिलाओं के खिलाफ पंचायत का तुगलकी फरमान
साल 2022 में नासिक के एक गांव की 'जाट पंचायत' ने कथित तौर पर एक महिला को लिखित में यह कहने के लिए मजबूर किया कि वह अनुसूचित जनजाति (ST) को मिलने वाले सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं उठाएगी। एनडीटीवी ने इसे रिपोर्ट किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, नासिक के इगतपुरी तालुका के वालविहिर गांव की निवासी महिला ने दूसरी जाति के एक व्यक्ति से शादी की थी। जब दंपत्ति उसी तालुका में स्थित रायम्बे गांव में दूल्हे के घर पहुंचे, तो महिला (दुल्हन) को लेकर समुदाय के कुछ लोग भड़क गए। उन्होंने दंपत्ति को पंचायत में बुलाया और कथित तौर पर महिला को यह लिखित में देने के लिए मजबूर किया कि वह एसटी समुदाय को मिलने वाले सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं लेगी क्योंकि उसने दूसरी जाति के व्यक्ति से शादी की है। पंचायत ने पत्र पर महिला और उसके पति के हस्ताक्षर करवाए और इसके बाद उस पर सरपंच की मुहर लगाई।
इसी तरह का एक मामला झारखंड में साल 2022 में सामने आया जब एक महिला को पंचायत ने चरित्रहीन बताते हुए तुगलकी फरमान जारी कर दिया। इसे न्यूज18 ने रिपोर्ट किया था। पंचायत के आदेश पर गांव में महिला और उसके परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया गया। उसे गांव के किसी भी तालाब या कुएं से पानी लेने से भी रोक दिया गया। यह मामला धनबाद के कालुबथान ओपी क्षेत्र की पंचायत का था। पंचायत के आदेश के बाद महिला और उसके परिवार ने कालुबथान ओपी में शिकायत दर्ज कराई थी। ओपी प्रभारी ने पंचायत के लोगों को बुला कर अपना आदेश वापस लेने और महिला से वसूली गई जुर्माना राशि लौटाने का निर्देश दिया। लेकिन पंच ने ओपी प्रभारी के निर्देश मानने से इनकार कर दिया। तब महिला ने निरसा एसडीपीओ पीतांबर खेरवार और निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता से फरियाद की।
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साभार : इंडिया टूडे
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वायरल वीडियो में महिला का सिर मुंडा हुआ और उसके हाथ-पैर बंधे हुए दिखाई दे रहे हैं। उसे उसके पति द्वारा भीड़ के सामने डंडे से बार-बार पीटा जा रहा है। कथित तौर पर पुरुषों ने बारी-बारी से उसे मारा, वह दर्द से चिल्ला रही थी और अंततः गिर गई।
महिला ने दावा किया कि उसका भतीजा राजा नाथ कुछ समय से उसे परेशान कर रहा था। रिपोर्ट के अनुसार, जब वह शिकायत करने के लिए अपने घर गई, तो उसके पति और परिवार ने उस पर हमला कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मामले की सुनवाई के बाद गांव की पंचायत ने महिला और उसके भतीजे के सिर मुंडवाने का आदेश दिया। महिला के पति को उसे सार्वजनिक रूप से पीटने का आदेश दिया गया। महिला ने कहा, "जबरदस्ती काटा उन्होंने" और उसने अपना सिर दुपट्टे से ढक लिया।
कन्नौज के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने कहा, "एक महिला की पिटाई का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में पिटाई करते दिख रहा व्यक्ति महिला का पति है। छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है और पूछताछ जारी है।"
बताते चलें कि महिलाओं के खिलाफ पंचायत द्वारा इस तरह के तुगलकी फरमान जारी कर प्रताड़ित करने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी देश भर में महिलाओं के खिलाफ पंचायतों द्वारा इस तरह के आदेश जारी कर अपमानित किया गया है।
महिलाओं के खिलाफ पंचायत का तुगलकी फरमान
साल 2022 में नासिक के एक गांव की 'जाट पंचायत' ने कथित तौर पर एक महिला को लिखित में यह कहने के लिए मजबूर किया कि वह अनुसूचित जनजाति (ST) को मिलने वाले सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं उठाएगी। एनडीटीवी ने इसे रिपोर्ट किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, नासिक के इगतपुरी तालुका के वालविहिर गांव की निवासी महिला ने दूसरी जाति के एक व्यक्ति से शादी की थी। जब दंपत्ति उसी तालुका में स्थित रायम्बे गांव में दूल्हे के घर पहुंचे, तो महिला (दुल्हन) को लेकर समुदाय के कुछ लोग भड़क गए। उन्होंने दंपत्ति को पंचायत में बुलाया और कथित तौर पर महिला को यह लिखित में देने के लिए मजबूर किया कि वह एसटी समुदाय को मिलने वाले सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं लेगी क्योंकि उसने दूसरी जाति के व्यक्ति से शादी की है। पंचायत ने पत्र पर महिला और उसके पति के हस्ताक्षर करवाए और इसके बाद उस पर सरपंच की मुहर लगाई।
इसी तरह का एक मामला झारखंड में साल 2022 में सामने आया जब एक महिला को पंचायत ने चरित्रहीन बताते हुए तुगलकी फरमान जारी कर दिया। इसे न्यूज18 ने रिपोर्ट किया था। पंचायत के आदेश पर गांव में महिला और उसके परिवार का हुक्का-पानी बंद कर दिया गया। उसे गांव के किसी भी तालाब या कुएं से पानी लेने से भी रोक दिया गया। यह मामला धनबाद के कालुबथान ओपी क्षेत्र की पंचायत का था। पंचायत के आदेश के बाद महिला और उसके परिवार ने कालुबथान ओपी में शिकायत दर्ज कराई थी। ओपी प्रभारी ने पंचायत के लोगों को बुला कर अपना आदेश वापस लेने और महिला से वसूली गई जुर्माना राशि लौटाने का निर्देश दिया। लेकिन पंच ने ओपी प्रभारी के निर्देश मानने से इनकार कर दिया। तब महिला ने निरसा एसडीपीओ पीतांबर खेरवार और निरसा विधायक अपर्णा सेनगुप्ता से फरियाद की।
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