लखनऊ: गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल का प्रतीक है लखनऊ। नवाबों के शहर के नाम से मशहूर लखनऊ ने फिर इसकी एक बानगी पेश की है। यहां साथी हिंदू डॉक्टर अपने परिवार संग दीपावली मना सकें, इसके लिए सरकारी अस्पतालों के मुस्लिम डॉक्टरों ने ओपीडी के अलावा इमर्जेंसी में भी अपनी ड्यूटी लगवा ली है। आपसी भाईचारे की यह तस्वीर सिर्फ अस्पतालों में ही नहीं, बल्कि लेसा में भी नजर आ रही है। दो दिन शहर में बिना फॉल्ट बिजली सप्लाई के लिए मुस्लिम कर्मचारी और अधिकारी उपकेंद्रों से लेकर लेसा कंट्रोल रूम तक डटे रहेंगे।
दीपावली पर दो दिन की छुट्टी के बावजूद बलरामपुर, सिविल, लोहिया और भाऊराव देवरस अस्पतालों में इमर्जेंसी के अलावा ओपीडी में भी मरीज देख जाएंगे। ओपीडी का दबाव होने के बावजूद 90% मुस्लिम डॉक्टरों ने दोनों दिन के लिए अपनी ड्यूटी लगवा ली है। भाऊराव देवरस अस्पताल के फिजिशन डॉ. एमएस सिद्दीकी का कहना है कि मुहर्रम, ईद और बकरीद जैसे अवसरों पर हिंदू साथियों की वजह से बिना दिक्कत छुट्टी मिल जाती है। इसी भाईचारे के लिए उन्होंने दीपावली पर अपनी ड्यूटी लगवाई है।
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. ईयू सिद्दीकी ने भी अपने जूनियर अधिकारियों के बजाय दीपावली के दिन खुद आने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि इमर्जेंसी ड्यूटी लगाते वक्त इसका ध्यान रखा कि ज्यादातर मुस्लिम डॉक्टरों को दीपावली की रात और परेवा की सुबह तैनात किया जाए। इसी तरह लेसा के उपकेंद्र और कंट्रोल रूम का जिम्मा दो दिन मुस्लिम इंजिनियर और कर्मचारी संभालेंगे। दोनो विभागों के कर्मचारियों का कहन है कि छुट्टी निरस्त करने की अर्जी के साथ ड्यूटी करने की पहल खुद मुस्लिम भाइयों ने की है।
Source and Courtesy: Navbharat Times
दीपावली पर दो दिन की छुट्टी के बावजूद बलरामपुर, सिविल, लोहिया और भाऊराव देवरस अस्पतालों में इमर्जेंसी के अलावा ओपीडी में भी मरीज देख जाएंगे। ओपीडी का दबाव होने के बावजूद 90% मुस्लिम डॉक्टरों ने दोनों दिन के लिए अपनी ड्यूटी लगवा ली है। भाऊराव देवरस अस्पताल के फिजिशन डॉ. एमएस सिद्दीकी का कहना है कि मुहर्रम, ईद और बकरीद जैसे अवसरों पर हिंदू साथियों की वजह से बिना दिक्कत छुट्टी मिल जाती है। इसी भाईचारे के लिए उन्होंने दीपावली पर अपनी ड्यूटी लगवाई है।
बलरामपुर अस्पताल के निदेशक डॉ. ईयू सिद्दीकी ने भी अपने जूनियर अधिकारियों के बजाय दीपावली के दिन खुद आने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि इमर्जेंसी ड्यूटी लगाते वक्त इसका ध्यान रखा कि ज्यादातर मुस्लिम डॉक्टरों को दीपावली की रात और परेवा की सुबह तैनात किया जाए। इसी तरह लेसा के उपकेंद्र और कंट्रोल रूम का जिम्मा दो दिन मुस्लिम इंजिनियर और कर्मचारी संभालेंगे। दोनो विभागों के कर्मचारियों का कहन है कि छुट्टी निरस्त करने की अर्जी के साथ ड्यूटी करने की पहल खुद मुस्लिम भाइयों ने की है।
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