कर्नाटक के हुबली तालुक में 20 वर्षीय एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। आरोप है कि उसके पिता ने एक दलित युवक से शादी करने के कारण उसकी बेरहमी से पिटाई की। पुलिस ने महिला के पिता सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है।

साभार : द न्यूज मिनट
हुबली तालुक में एक लिंगायत व्यक्ति पर अपनी 20 वर्षीय गर्भवती बेटी को एक अनुसूचित जाति के युवक से विवाह करने के कारण पीट-पीटकर मार डालने का आरोप है। इस हमले में उसके पति के माता-पिता भी घायल हुए हैं।
महिला की पहचान मान्या पाटिल के रूप में हुई है, जिनकी रविवार, 22 दिसंबर को एक निजी अस्पताल में सिर में गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई। यह घटना हुबली ग्रामीण पुलिस थाना क्षेत्र के इनाम वीरापुरा गांव में हुई।
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, धारवाड़ के पुलिस अधीक्षक गुंजन आर्य के अनुसार, प्रकाशगौड़ा पाटिल और उसके रिश्तेदारों ने मान्या पर उसके ससुराल में कुल्हाड़ी और लोहे के स्प्रिंकलर पाइप जैसे घातक हथियारों से हमला किया।
यह हमला शाम लगभग 6:30 बजे हुआ और इलाज के बावजूद करीब तीन घंटे बाद मान्या की मौत हो गई। उसके ससुर और सास भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।
मान्या ने इसी वर्ष की शुरुआत में उसी गांव के मदार जाति के युवक विवेकानंद से विवाह किया था। बताया जाता है कि दोनों की मुलाकात कॉलेज में हुई थी और उन्होंने हुबली में अपनी शादी पंजीकृत करवाई थी। मान्या के परिवार ने शुरू से ही इस विवाह का कड़ा विरोध किया था।
शादी के बाद दंपति की सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बीच पुलिस ने हस्तक्षेप किया था और दोनों परिवारों को बुलाकर उन्हें परेशान न करने की चेतावनी दी थी। लगातार मिल रही धमकियों के कारण मान्या और उसके पति गांव छोड़कर हावेरी में रहने लगे थे। वे 8 दिसंबर को अपने गांव इस उम्मीद में लौटे थे कि तनाव कम होगा और सुलह हो जाएगी।
रविवार को आरोपियों ने कथित तौर पर पहले विवेकानंद और उसके पिता पर हमला किया, जब वे खेत में काम कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने जबरन घर में घुसकर मान्या और उसके ससुराल वालों पर हमला किया। बताया गया है कि मान्या के पिता ने पहले पुलिस को यह आश्वासन दिया था कि वह दंपति के जीवन में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
घटना के बाद हुबली–धारवाड़ पुलिस आयुक्त सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अस्पताल का दौरा किया। एहतियात के तौर पर गांव और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पुलिस ने इस मामले में मान्या के पिता प्रकाश पाटिल और उसके दो रिश्तेदारों—इरन्ना और अरुण—सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। हुबली ग्रामीण पुलिस थाने में 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच जारी है।
गौरतलब है कि ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें किसी दलित युवक द्वारा ऊंची जाति की युवती से विवाह करने पर युवती के परिजनों ने दलित परिवार और युवक पर हिंसक हमला किया है।
इसी वर्ष अक्टूबर में गुजरात के नारोल इलाके में एक 60 वर्षीय दलित व्यक्ति की कथित तौर पर उसकी बहू के परिवार द्वारा अंतरजातीय विवाह के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।
मृतक की पहचान भाईलाल वाघेला के रूप में हुई थी, जो एक सफाई कर्मचारी थे और सनी वाघेला के पिता थे। सनी ने हाल ही में एक ऊंची जाति की महिला से विवाह किया था, जिससे दुल्हन का परिवार नाराज था।
30 अक्टूबर की दोपहर, जब सनी का बड़ा भाई अपने माता-पिता को उस्मानपुरा मेट्रो स्टेशन के पास सफाई के काम पर छोड़ने गया, तब दुल्हन के परिवार के सदस्यों ने दंपति पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। द ऑब्ज़र्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों ने बेरहमी से पीटने से पहले जातिसूचक गालियां भी दीं।
कुछ यात्रियों ने बीच-बचाव कर घायल दंपति को बचाया। घर लौटने के बाद भाईलाल वाघेला को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उन्हें मणिनगर स्थित एल.जी. अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अगले दिन पुलिस ने पांच आरोपियों—राजू परमार, महेश परमार (दुल्हन के चाचा), लिली परमार, कलावती परमार, महेश परमार (देवर) और प्रेम परमार—को गिरफ्तार किया। सभी के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हत्या और मारपीट के मामले दर्ज किए गए।
इसी तरह, अगस्त में पंजाब के मुक्तसर जिले के एणा खेड़ा गांव में एक दलित परिवार को अपने ही घर से एक महीने से अधिक समय तक दूर रहना पड़ा, क्योंकि उनके बेटे ने उसी गांव की एक जाट सिख युवती से विवाह कर लिया था। परिवार का आरोप था कि शादी के बाद लड़की के रिश्तेदारों ने उनके घर पर हमला किया और लूटपाट की।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 22 वर्षीय दलित युवक सुरिंदर सिंह ने 18 वर्षीय युवती से 7 जुलाई को राजस्थान के श्रीगंगानगर स्थित एक गुरुद्वारे में विवाह किया था। इस दंपति ने कानूनी विवाह प्रमाणपत्र भी प्राप्त किया था। हालांकि, यह विवाह गांव में नाराजगी का कारण बन गया, क्योंकि स्थानीय पंचायत पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर चुकी थी, जिसमें एक ही गांव में विवाह करने पर रोक लगाई गई थी।
सुरिंदर के पिता मलकीत सिंह ने बताया कि शादी के बाद परिवार को गांव छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा और उन्हें रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ी। बाद में उन्हें पता चला कि लड़की के परिजनों ने उनके घर में जबरन घुसकर तोड़फोड़ की और सामान चुरा लिया। जब वे अपने घर की स्थिति देखने लौटे, तो उन्हें जातिसूचक गालियों का सामना करना पड़ा।
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साभार : द न्यूज मिनट
हुबली तालुक में एक लिंगायत व्यक्ति पर अपनी 20 वर्षीय गर्भवती बेटी को एक अनुसूचित जाति के युवक से विवाह करने के कारण पीट-पीटकर मार डालने का आरोप है। इस हमले में उसके पति के माता-पिता भी घायल हुए हैं।
महिला की पहचान मान्या पाटिल के रूप में हुई है, जिनकी रविवार, 22 दिसंबर को एक निजी अस्पताल में सिर में गंभीर चोटों के कारण मौत हो गई। यह घटना हुबली ग्रामीण पुलिस थाना क्षेत्र के इनाम वीरापुरा गांव में हुई।
द न्यूज मिनट की रिपोर्ट के अनुसार, धारवाड़ के पुलिस अधीक्षक गुंजन आर्य के अनुसार, प्रकाशगौड़ा पाटिल और उसके रिश्तेदारों ने मान्या पर उसके ससुराल में कुल्हाड़ी और लोहे के स्प्रिंकलर पाइप जैसे घातक हथियारों से हमला किया।
यह हमला शाम लगभग 6:30 बजे हुआ और इलाज के बावजूद करीब तीन घंटे बाद मान्या की मौत हो गई। उसके ससुर और सास भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं और फिलहाल उनका इलाज चल रहा है।
मान्या ने इसी वर्ष की शुरुआत में उसी गांव के मदार जाति के युवक विवेकानंद से विवाह किया था। बताया जाता है कि दोनों की मुलाकात कॉलेज में हुई थी और उन्होंने हुबली में अपनी शादी पंजीकृत करवाई थी। मान्या के परिवार ने शुरू से ही इस विवाह का कड़ा विरोध किया था।
शादी के बाद दंपति की सुरक्षा को लेकर चिंताओं के बीच पुलिस ने हस्तक्षेप किया था और दोनों परिवारों को बुलाकर उन्हें परेशान न करने की चेतावनी दी थी। लगातार मिल रही धमकियों के कारण मान्या और उसके पति गांव छोड़कर हावेरी में रहने लगे थे। वे 8 दिसंबर को अपने गांव इस उम्मीद में लौटे थे कि तनाव कम होगा और सुलह हो जाएगी।
रविवार को आरोपियों ने कथित तौर पर पहले विवेकानंद और उसके पिता पर हमला किया, जब वे खेत में काम कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने जबरन घर में घुसकर मान्या और उसके ससुराल वालों पर हमला किया। बताया गया है कि मान्या के पिता ने पहले पुलिस को यह आश्वासन दिया था कि वह दंपति के जीवन में हस्तक्षेप नहीं करेंगे।
घटना के बाद हुबली–धारवाड़ पुलिस आयुक्त सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने अस्पताल का दौरा किया। एहतियात के तौर पर गांव और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पुलिस ने इस मामले में मान्या के पिता प्रकाश पाटिल और उसके दो रिश्तेदारों—इरन्ना और अरुण—सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। हुबली ग्रामीण पुलिस थाने में 15 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच जारी है।
गौरतलब है कि ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें किसी दलित युवक द्वारा ऊंची जाति की युवती से विवाह करने पर युवती के परिजनों ने दलित परिवार और युवक पर हिंसक हमला किया है।
इसी वर्ष अक्टूबर में गुजरात के नारोल इलाके में एक 60 वर्षीय दलित व्यक्ति की कथित तौर पर उसकी बहू के परिवार द्वारा अंतरजातीय विवाह के बाद हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।
मृतक की पहचान भाईलाल वाघेला के रूप में हुई थी, जो एक सफाई कर्मचारी थे और सनी वाघेला के पिता थे। सनी ने हाल ही में एक ऊंची जाति की महिला से विवाह किया था, जिससे दुल्हन का परिवार नाराज था।
30 अक्टूबर की दोपहर, जब सनी का बड़ा भाई अपने माता-पिता को उस्मानपुरा मेट्रो स्टेशन के पास सफाई के काम पर छोड़ने गया, तब दुल्हन के परिवार के सदस्यों ने दंपति पर लाठी-डंडों से हमला कर दिया। द ऑब्ज़र्वर पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों ने बेरहमी से पीटने से पहले जातिसूचक गालियां भी दीं।
कुछ यात्रियों ने बीच-बचाव कर घायल दंपति को बचाया। घर लौटने के बाद भाईलाल वाघेला को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। उन्हें मणिनगर स्थित एल.जी. अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
अगले दिन पुलिस ने पांच आरोपियों—राजू परमार, महेश परमार (दुल्हन के चाचा), लिली परमार, कलावती परमार, महेश परमार (देवर) और प्रेम परमार—को गिरफ्तार किया। सभी के खिलाफ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हत्या और मारपीट के मामले दर्ज किए गए।
इसी तरह, अगस्त में पंजाब के मुक्तसर जिले के एणा खेड़ा गांव में एक दलित परिवार को अपने ही घर से एक महीने से अधिक समय तक दूर रहना पड़ा, क्योंकि उनके बेटे ने उसी गांव की एक जाट सिख युवती से विवाह कर लिया था। परिवार का आरोप था कि शादी के बाद लड़की के रिश्तेदारों ने उनके घर पर हमला किया और लूटपाट की।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, 22 वर्षीय दलित युवक सुरिंदर सिंह ने 18 वर्षीय युवती से 7 जुलाई को राजस्थान के श्रीगंगानगर स्थित एक गुरुद्वारे में विवाह किया था। इस दंपति ने कानूनी विवाह प्रमाणपत्र भी प्राप्त किया था। हालांकि, यह विवाह गांव में नाराजगी का कारण बन गया, क्योंकि स्थानीय पंचायत पहले ही एक प्रस्ताव पारित कर चुकी थी, जिसमें एक ही गांव में विवाह करने पर रोक लगाई गई थी।
सुरिंदर के पिता मलकीत सिंह ने बताया कि शादी के बाद परिवार को गांव छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा और उन्हें रिश्तेदारों के यहां शरण लेनी पड़ी। बाद में उन्हें पता चला कि लड़की के परिजनों ने उनके घर में जबरन घुसकर तोड़फोड़ की और सामान चुरा लिया। जब वे अपने घर की स्थिति देखने लौटे, तो उन्हें जातिसूचक गालियों का सामना करना पड़ा।
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