संभल: 30 साल पुरानी मस्जिद को अवैध घोषित कर गिराया गया, पास में निर्माणाधीन है कल्कि धाम मंदिर

Written by sabrang india | Published on: October 17, 2025
उत्तर प्रदेश के संभल में प्रशासन ने कल्कि धाम मंदिर परियोजना के नजदीक स्थित लगभग 30 साल पुरानी मस्जिद को अवैध निर्माण बताते हुए ध्वस्त कर दिया है। अधिकारियों के अनुसार, यह मस्जिद सार्वजनिक पार्क के लिए आरक्षित जमीन पर बनाई गई थी।



उत्तर प्रदेश के संभल जिले में मंगलवार, 14 अक्टूबर को प्रशासन ने एक पुरानी मस्जिद को अवैध निर्माण बताते हुए तोड़ दिया। यह मस्जिद करीब 30 साल पुरानी थी और ‘निर्माणाधीन’ कल्कि धाम मंदिर के पास स्थित थी।

अधिकारियों का कहना है कि मस्जिद ऐसी जमीन पर बनी थी, जिसे सार्वजनिक पार्क के लिए निर्धारित किया गया था। बुलडोज़र अभियान करीब एक घंटे तक चला, इस दौरान भारी पुलिस बल तैनात रहा। किसी भी संभावित विरोध से निपटने के लिए दो थानों की पुलिस के साथ-साथ पीएसी (प्रांतीय सशस्त्र बल) के जवान भी मौके पर मौजूद थे।

अधिकारियों के अनुसार, सैदांगली-मनौटा गांव में स्थित यह मस्जिद लगभग 262 वर्ग मीटर भूमि पर बनी थी, जो सार्वजनिक पार्क के लिए आरक्षित मानी जाती है। प्रशासन का कहना है कि मस्जिद वहां ‘अवैध रूप से’ बनाई गई थी। करीब 20 दिन पहले तहसीलदार ने इसे हटाने का आदेश जारी किया था, और मंगलवार को यह कार्रवाई अदालत के निर्देशों के अनुरूप अंजाम दी गई।

स्थानीय लोग इस मस्जिद को 'छोटी मस्जिद' के नाम से जानते थे। यह मस्जिद लगभग 30 वर्षों से वहीं स्थित थी।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, करीब चार महीने पहले ग्रामीणों ने राजस्व विभाग में शिकायत दर्ज कराई थी कि श्री कल्कि धाम मंदिर के समीप स्थित 'छोटी मस्जिद' सार्वजनिक पार्क की भूमि पर बनी हुई है। जांच के बाद राजस्व अधिकारियों ने पुष्टि की कि मस्जिद का निर्माण वास्तव में पार्क की जमीन पर अतिक्रमण करके किया गया था।

जांच रिपोर्ट के आधार पर "ग्राम सभा बनाम जमी़ल अहमद" शीर्षक से यह मामला तहसीलदार की अदालत में दायर किया गया। मस्जिद से जुड़े प्रतिनिधियों को पहली नोटिस 11 जून को जारी की गई थी। कई चरणों में हुई सुनवाइयों के बाद तहसीलदार डी.पी. सिंह ने 24 सितंबर को मस्जिद के 'अवैध निर्माण' को हटाने का आदेश दिया।

मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे प्रशासन ने यह कार्रवाई शुरू की।

अधिकारियों के अनुसार, इस बुलडोज़र कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोगों की ओर से कोई विरोध नहीं हुआ। मस्जिद को गिराने के लिए दो बुलडोज़रों का इस्तेमाल किया गया, और करीब एक घंटे में पूरी संरचना मलबे में तब्दील हो गई।

नायब तहसीलदार दीपक जुरेल ने बताया, “यह जमीन सार्वजनिक पार्क के रूप में दर्ज है। मस्जिद लगभग 262 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में अवैध रूप से बनाई गई थी। पूरे निर्माण को पूरी तरह हटा दिया गया है।”

द वायर ने सीओ कुलदीप सिंह के हवाले से लिखा कि यह कार्रवाई न्यायिक आदेशों के तहत की गई थी और पर्याप्त पुलिस तथा पीएसी बल की मौजूदगी में शांतिपूर्वक संपन्न हुई।

अधिकारियों के अनुसार, यह अवैध निर्माण कल्कि धाम मंदिर परियोजना से लगभग 400 मीटर दूर था। इस परियोजना की आधारशिला 19 फरवरी 2024 को रखी गई थी।

संभल में मस्जिदों के खिलाफ लगातार हो रही है कार्रवाई

जिले के असमोली थाना क्षेत्र अंतर्गत राय बुजुर्ग गांव में 2 अक्टूबर को प्रशासन ने कथित तौर पर तालाब की जमीन पर बने एक अवैध मैरिज हॉल को तोड़ दिया। वहीं, उसी भूमि पर स्थित एक मस्जिद को अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन ने चार दिन का समय देते हुए ‘सेल्फ-डिमॉलिशन’ नोटिस जारी किया था। इसके बाद मस्जिद प्रशासन ने स्वयं मस्जिद को गिरा दिया।

उसी सप्ताह हतीम सराय इलाके में एक मस्जिद और 80 घरों को तोड़ने का नोटिस जारी किया गया। तहसीलदार धीरेंद्र कुमार सिंह ने दावा किया कि ये निर्माण 12-13 साल पहले पुराने तालाब क्षेत्र में किए गए थे और इनके कोई वैध मुतवल्ली (प्रबंधक) नहीं हैं। हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फिलहाल इस मामले में कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

इससे पहले जून में, संभल जिला प्रशासन के अंतर्गत आने वाले चंदौसी स्थित रजा-ए-मुस्तफा मस्जिद को भी नगरपालिका की जमीन पर बने होने के आरोप में गिराया गया था।

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