तमिलनाडु : एरोड में दलित परिवारों ने पट्टा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया

Written by sabrang india | Published on: September 25, 2025
"राज्य सरकार ने 1956 में पश्चिमी जिलों में दलित परिवारों के लिए 1,000 एकड़ से ज्यादा भूमि अलग रखी थी। हालांकि, उनका दावा है कि बाद में कई लाभार्थियों को वहां से बेदखल कर दिया गया और उस जमीन पर अन्य समुदायों ने अतिक्रमण कर लिया।"


फोटो साभार : द हिंदू

तीन दशक पहले किए गए वादे के अनुसार मथुर गांव (अंथीयूर तालुक) में दलित परिवारों को 250 एकड़ भूमि आवंटित करने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने बुधवार (24 सितंबर 2025) को कलेक्टरेट के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जिला प्रशासन से आग्रह किया कि वर्षों से लंबित इस वादे को अब पूरा किया जाए ताकि दलित परिवारों को न्याय और भूमि अधिकार मिल सके।

तमिलनाडु दलित मुक्ति आंदोलन के राज्य अध्यक्ष एस. करुप्पैय्या के नेतृत्व में, परिवारों ने कहा कि राज्य सरकार ने 1956 में पश्चिमी जिलों में दलित परिवारों के लिए 1,000 एकड़ से ज्यादा भूमि अलग रखी थी। हालांकि, उनका दावा है कि बाद में कई लाभार्थियों को वहां से बेदखल कर दिया गया और उस जमीन पर अन्य समुदायों ने अतिक्रमण कर लिया।

उनके अनुसार, गोबिचेट्टिपालयम और अंथीयूर तालुकों में अरुन्थथियार और परैयार परिवारों के लिए मूल रूप से आवंटित बड़ी भूमि अन्य समुदायों के व्यक्तियों द्वारा कब्जा ली जा चुकी है। उन्होंने बताया कि मथुर गांव की भूमि अभी भी सरकार के नियंत्रण में है और इसे वन भूमि के रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसलिए, उन्होंने गांव के दलित परिवारों को यह भूमि आवंटित करने की मांग की। बाद में, अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों के साथ बातचीत की।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु के आवास और शहरी विकास मंत्री एस. मुथुसामी ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार जिला के अंथीयूर में कृषि भूमि पर शर्तीय पट्टों को लेकर इस समस्या को हल करने के लिए कदम उठाएगी।

सूत्रों के अनुसार, जिले के अंथीयूर तालुक अंतर्गत अंथीयूर, अथानी, एन्नामंगलम, बारगुर, माइकलपलयम, संकरपलयम, मथुर, वेल्लीथिरुप्पुर, चेनंपट्टी, कोमारायणुर और पपाथिकट्टु पुडूर गांवों में 1,623 कृषि भूमि पर कई वर्षों से शर्तीय पट्टे हैं। किसान लंबे समय से इन पट्टों की शर्तें हटाने और इसके बदले नए बिना शर्त वाले पट्टे जारी करने की मांग करते आ रहे हैं।

बीते सोमवार को अंथीयूर तालुका कार्यालय पर 1,000 से ज्यादा किसान धरने पर बैठे थे। प्रदर्शनकारियों से बात करते हुए मंत्री मुथुसामी ने उन्हें मंगलवार को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था, जिसके बाद किसानों ने प्रदर्शन समाप्त कर दिया। मंगलवार को जिला कलेक्टरेट में एक बैठक भी आयोजित की गई।

बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में मंत्री ने कहा, "अंथीयूर के विभिन्न गांवों के किसान पिछले 70 वर्षों से कुछ भूमि को शर्तीय पट्टा के आधार पर इस्तेमाल कर रहे हैं। संबंधित किसान मांग कर रहे हैं कि पट्टे की शर्तें हटाई जाएं। यह मामला हमारे संज्ञान में आ चुका है, और हमने इसे मुख्यमंत्री के ध्यान में भी लाया है। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश भी दिए हैं।"

उन्होंने कहा, "जैसे ही किसानों ने अपनी शिकायतें हमारे साथ साझा की हैं, हम उन्हें मुख्यमंत्री तक पहुंचा रहे हैं। सरकार उचित कदम उठाएगी। इसमें केवल अंथीयूर में लगभग 3,500 एकड़ भूमि शामिल है। इस मामले में पूर्व अदालत के आदेशों और कानूनी प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी ताकि किसी भी किसान को कोई नुकसान न हो। यह समस्या जिले के कुछ अन्य हिस्सों में भी मौजूद है।"

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