गोरखपुर में दलित छात्रों का प्रदर्शन, छात्रावासों में 30% सीटें देने के फैसले का विरोध

Written by sabrang india | Published on: September 19, 2025
SC छात्रावास में 30% सीटें अन्य वर्गों को देने के फैसले पर छात्रों का गुस्सा फूट गया। इस विरोध को घायल MLC ने समर्थन दिया।



गोरखपुर में उस वक्त स्थिति तनावपूर्ण हो गई जब दलित छात्रों ने उत्तर प्रदेश सरकार के एक हालिया आदेश के विरोध में सड़कों पर उतरकर जोरदार प्रदर्शन किया। यह विरोध उस सरकारी निर्णय के खिलाफ था, जिसमें राजकीय अनुसूचित जाति छात्रावासों की 30% सीटें अन्य वर्गों के छात्रों के लिए आरक्षित करने की व्यवस्था की गई है।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने टाउनहॉल चौक से अंबेडकर चौक तक मार्च निकालते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उनका कहना है कि ये छात्रावास विशेष रूप से दलित समुदाय के छात्रों के लिए स्थापित किए गए थे और इनमें अन्य वर्गों को आरक्षण देना उनके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। छात्रों ने आशंका जताई कि इस निर्णय से न केवल उनके लिए रहने की सुविधाएं सीमित हो जाएंगी, बल्कि छात्रावास का शांतिपूर्ण और अध्ययन-उन्मुख वातावरण भी बाधित होगा।

इस विरोध प्रदर्शन को स्थानीय विधान परिषद सदस्य (MLC) देवेंद्र प्रताप सिंह का भी समर्थन मिला। सड़क दुर्घटना में एक दिन पहले घायल होने के बावजूद, वे व्यक्तिगत रूप से छात्रों के बीच पहुंचे और उनके आंदोलन में सहभागिता दिखाई। उन्होंने सरकार के आदेश को 'अन्यायपूर्ण' बताते हुए कहा कि यह फैसला दलित छात्रों के अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।

उन्होंने राणा सांगा का उदाहरण देते हुए कहा, 'जिस तरह राणा सांगा ने अस्सी घाव लगने के बावजूद युद्ध का मैदान नहीं छोड़ा, उसी तरह मैं भी इन छात्रों के अधिकारों की लड़ाई में डटा रहूंगा।

छात्रों ने सरकार को साफ चेतावनी दी है कि यदि विवादित आदेश को तुरंत रद्द नहीं किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और व्यापक रूप देते हुए उग्र कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।

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