अमेरिकी टैरिफ बढ़ने से सौराष्ट्र में करीब एक लाख कर्मचारियों ने नौकरी गई: डायमंड वर्कर्स यूनियन

Written by sabrang india | Published on: August 13, 2025
"इस साल अप्रैल से अमेरिका में दस प्रतिशत बेस टैरिफ लागू होने के बाद से सौराष्ट्र क्षेत्र में हीरे की कटाई और पॉलिशिंग में लगे लगभग एक लाख कर्मयारियों की नौकरियां चली गई।


प्रतीकात्मक तस्वीर

गुजरात डायमंड वर्कर्स यूनियन (डीडब्ल्यूयू) के उपाध्यक्ष भावेश टैंक ने बताया कि इस साल अप्रैल से अमेरिका में दस प्रतिशत बेस टैरिफ लागू होने के कारण सौराष्ट्र क्षेत्र में हीरे की कटाई और पॉलिशिंग में लगे लगभग एक लाख कामगारों की नौकरियां समाप्त हो गई हैं।

इकोनॉमिक टाइम्स के अनुसार, टैंक ने बताया कि पिछले 10 दिनों में जब 25% टैरिफ दर लागू करने की तैयारी चल रही थी और 50% टैरिफ दर लागू होने का खतरा भी बना हुआ था, तब नौकरियां गंवाने वालों की संख्या और अधिक बढ़ गई है।

उनके अनुसार, भावनगर, अमरेली और जूनागढ़ में स्थित छोटी इकाइयां सबसे अधिक प्रभावित हुई हैं।

कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय वस्तुओं पर अत्यधिक ऊंची टैरिफ दरें घोषित करने के बाद से अमेरिका से हीरों के ऑर्डर रोक दिए गए हैं या रद्द कर दिए गए हैं।

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, जेम्स एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में अमेरिका के कुल हीरे के आयात में भारत का हिस्सा मात्रा के मामले में 68% और मूल्य के हिसाब से 42% (5.79 बिलियन डॉलर) था।

उल्लेखनीय है कि जीजेईपीसी ने पहले ही निर्यात में गिरावट दर्ज की है। वित्त वर्ष 2025-26 (अप्रैल-जून) की पहली तिमाही की अपनी रिपोर्ट में संस्था ने कहा था कि कट और पॉलिश किए हुए हीरों का कुल सकल निर्यात 2837.29 मिलियन अमेरिकी डॉलर (24,270.19 करोड़ रुपये) रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 3671.33 मिलियन अमेरिकी डॉलर (30,623.29 करोड़ रुपये) की तुलना में 22.72% (-20.74% रुपये प्रति माह) की गिरावट दर्शाता है।

ऐसे में कुल निर्यात में 20% से ज्यादा की गिरावट से पूरे उद्योग पर प्रभाव पड़ना निश्चित है और डीडब्ल्यूयू ने इस बात पर जोर दिया है कि कैसे कटिंग और पॉलिशिंग के कार्य में कमी आ रही है।

15-20 हजार रुपये प्रति माह कमाने वाले कर्मचारियों को नौकरी जाने का खतरा

यूनियन के अनुसार, नौकरियां गंवाने वालों में वे कर्मचारी शामिल हैं, जो प्रति माह 15,000-20,000 रुपये कमाते हैं। हालांकि, इनमें से कुछ कर्मचारी लैब में विकसित होने वाले हीरा उद्योग में शामिल हो सकते हैं, बावजूद इसके उनका भविष्य अनिश्चित है।

जीजेईपीसी के अध्यक्ष किरीट भंसाली ने डीडब्ल्यू को बताया, "अमेरिका हमारा सबसे बड़ा बाजार है, जहां निर्यात 10 अरब डॉलर से अधिक का होता है जो हमारे उद्योग के कुल वैश्विक व्यापार का करीब 30% है। इतने बड़े पैमाने पर एकमुश्त टैरिफ इस क्षेत्र के लिए बेहद विनाशकारी है।"

भंसाली ने कहा, "कटे और पॉलिश किए हुए हीरों के मामले में भारत का लगभग आधा निर्यात अमेरिका को जाता है। संशोधित टैरिफ वृद्धि से पूरा उद्योग ठप हो सकता है, जिससे मूल्य श्रृंखला के हर स्तर पर-छोटे कामगारों से लेकर बड़े निर्माताओं तक-भारी दबाव पड़ेगा।"

ज्ञात हो कि वर्तमान में अधिकांश भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका में निर्यात करते समय 25% टैरिफ लगता है। इसके अलावा, राष्ट्रपति ट्रंप ने इस पर अतिरिक्त 25% जुर्माना टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जो 27 अगस्त से प्रभावी होगा। इसके परिणामस्वरूप कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो जाएगा।

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