"हमारे गांव में अनुसूचित जाति के लोगों ने कभी वरघोड़ो नहीं निकाला है। मैं वरघोड़ो निकालने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा, और किसी अनहोनी की पूरी संभावना है। इसलिए, हम पुलिस सुरक्षा देने का अनुरोध करते हैं।"
प्रतीकात्मक तस्वीर; साभार : इंडिया टूडे
बनारसकांठा जिले के पालनपुर तहसील के गदलवाड़ा गांव में गुरुवार का माहौल आम शादी समारोह से बिल्कुल अलग था। पेशे से वकील मुकेश पारेचा की शादी की लिस्ट में अन्य दूल्हों से अलग पुलिस सुरक्षा मांगना भी शामिल था।
उलझन में दूल्हा, उत्साही बारात और 145 पुलिसकर्मियों की टीम - सभी वरघोड़ो (घोड़े पर सवार दूल्हे की शादी से पहले की रस्म) के लिए तैयार थे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बनारसकांठा जिले के पालनपुर तहसील के गदलवाड़ा गांव में गुरुवार का माहौल आम शादी समारोह से बिल्कुल अलग था। पेशे से वकील मुकेश पारेचा की शादी की लिस्ट में अन्य दूल्हों से अलग पुलिस सुरक्षा मांगना भी शामिल था।
बारात के दौरान किसी अनहोनी के डर के चलते 33 वर्षीय दलित दूल्हे ने 22 जनवरी को बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक के समक्ष एक आवेदन दिया, जिसमें उसने सुरक्षा की मांग की क्योंकि वह अपने खास दिन पर घोड़े पर सवार होना चाहता था।
पारेचा ने अपने आवेदन में कहा, "हमारे गांव में अनुसूचित जाति के लोगों ने कभी वरघोड़ो नहीं निकाला है। मैं वरघोड़ो निकालने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। और किसी अनहोनी की पूरी संभावना है। इसलिए, हम पुलिस सुरक्षा देने का अनुरोध करते हैं।"
गांव में पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच घोड़े पर सवार होकर बारात निकाली गई।
यह गांव गढ़ पुलिस थाने के अंतर्गत आता है।
गढ़ पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक के एम वसावा ने कहा, "हमने तीन उपनिरीक्षकों और एक पुलिस निरीक्षक सहित 145 कर्मियों को तैनात किया था। बारात शांतिपूर्ण तरीके से निकाली गई।" बनासकांठा जिला न्यायालय में वकालत करने वाले पारेचा ने कहा, “शादी के लिए बारात पुलिस सुरक्षा में निकाली गई। मैं घोड़े पर सवार था, इसलिए कुछ नहीं हुआ। लेकिन जब मैं घोड़े से उतरा और बारात के पीछे-पीछे अपनी कार में बैठा, और मुश्किल से 500 मीटर की दूरी तय की, तो किसी ने हमारी गाड़ी पर पत्थर फेंका। फिर, पुलिस इंस्पेक्टर (के एम वसावा) ने खुद कार चलाई, जबकि मौके पर मौजूद वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी गाड़ी में बैठे थे।”
उन्होंने कहा, “हम एक-दो दिन में घटना (पत्थरबाजी) पर पुलिस को औपचारिक आवेदन देंगे।”
इस बीच, इंस्पेक्टर वसावा ने कहा, “हमने समारोह के लिए ड्रोन कैमरा भी लगाया था। हमने वीडियो देखे हैं और ऐसी कोई घटना (पत्थरबाजी) नहीं हुई है। बारात शांतिपूर्ण तरीके से निकाली गई। लेकिन जब उन्होंने आरोप लगाया है, मैंने दूल्हे की कार चलाई और उन्हें गांव (पड़ोसी वडगाम तहसील के लिंबोई) में छोड़ा, जहां शादी होनी थी।”
Related
यूपी : अयोध्या में दलित सुरक्षा गार्ड की पीट-पीटकर हत्या
प्रतीकात्मक तस्वीर; साभार : इंडिया टूडे
बनारसकांठा जिले के पालनपुर तहसील के गदलवाड़ा गांव में गुरुवार का माहौल आम शादी समारोह से बिल्कुल अलग था। पेशे से वकील मुकेश पारेचा की शादी की लिस्ट में अन्य दूल्हों से अलग पुलिस सुरक्षा मांगना भी शामिल था।
उलझन में दूल्हा, उत्साही बारात और 145 पुलिसकर्मियों की टीम - सभी वरघोड़ो (घोड़े पर सवार दूल्हे की शादी से पहले की रस्म) के लिए तैयार थे।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बनारसकांठा जिले के पालनपुर तहसील के गदलवाड़ा गांव में गुरुवार का माहौल आम शादी समारोह से बिल्कुल अलग था। पेशे से वकील मुकेश पारेचा की शादी की लिस्ट में अन्य दूल्हों से अलग पुलिस सुरक्षा मांगना भी शामिल था।
बारात के दौरान किसी अनहोनी के डर के चलते 33 वर्षीय दलित दूल्हे ने 22 जनवरी को बनासकांठा जिले के पुलिस अधीक्षक के समक्ष एक आवेदन दिया, जिसमें उसने सुरक्षा की मांग की क्योंकि वह अपने खास दिन पर घोड़े पर सवार होना चाहता था।
पारेचा ने अपने आवेदन में कहा, "हमारे गांव में अनुसूचित जाति के लोगों ने कभी वरघोड़ो नहीं निकाला है। मैं वरघोड़ो निकालने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। और किसी अनहोनी की पूरी संभावना है। इसलिए, हम पुलिस सुरक्षा देने का अनुरोध करते हैं।"
गांव में पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच घोड़े पर सवार होकर बारात निकाली गई।
यह गांव गढ़ पुलिस थाने के अंतर्गत आता है।
गढ़ पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक के एम वसावा ने कहा, "हमने तीन उपनिरीक्षकों और एक पुलिस निरीक्षक सहित 145 कर्मियों को तैनात किया था। बारात शांतिपूर्ण तरीके से निकाली गई।" बनासकांठा जिला न्यायालय में वकालत करने वाले पारेचा ने कहा, “शादी के लिए बारात पुलिस सुरक्षा में निकाली गई। मैं घोड़े पर सवार था, इसलिए कुछ नहीं हुआ। लेकिन जब मैं घोड़े से उतरा और बारात के पीछे-पीछे अपनी कार में बैठा, और मुश्किल से 500 मीटर की दूरी तय की, तो किसी ने हमारी गाड़ी पर पत्थर फेंका। फिर, पुलिस इंस्पेक्टर (के एम वसावा) ने खुद कार चलाई, जबकि मौके पर मौजूद वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी गाड़ी में बैठे थे।”
उन्होंने कहा, “हम एक-दो दिन में घटना (पत्थरबाजी) पर पुलिस को औपचारिक आवेदन देंगे।”
इस बीच, इंस्पेक्टर वसावा ने कहा, “हमने समारोह के लिए ड्रोन कैमरा भी लगाया था। हमने वीडियो देखे हैं और ऐसी कोई घटना (पत्थरबाजी) नहीं हुई है। बारात शांतिपूर्ण तरीके से निकाली गई। लेकिन जब उन्होंने आरोप लगाया है, मैंने दूल्हे की कार चलाई और उन्हें गांव (पड़ोसी वडगाम तहसील के लिंबोई) में छोड़ा, जहां शादी होनी थी।”
Related
यूपी : अयोध्या में दलित सुरक्षा गार्ड की पीट-पीटकर हत्या