दलित समुदाय के साथ भेदभाव और अत्याचार के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब एक बार फिर दलित दूल्हे के साथ बदसलूकी की खबर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के एटा जिले में ठाकुर समुदाय के कुछ बदमाश युवकों ने एक दलित की बारा दौरान उस पर हमला कर दिया. यही नहीं घोड़ी पर सवार दूल्हे को उतारा गया औऱ फिर भद्दी-भद्दी गालियां दीं गईं. इसके बाद विवाह पंडाल तक दलित दूल्हे को पैदल चलने के लिए मजबूर किया गया.
जानकारी के मुताबिक इस मामले को लेकर इलाके के पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है. एफआईआर के मुताबिक ठाकुर समुदाय के कुछ युवकों ने बारात में शामिल लोगों पर पत्थरबाजी की और उन्हें जातिसूचक शब्द बोलकर गालियां दीं. जिले के असरौली गांव में यह घटना सामने आई है. घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में यह कोई पहला मामला नहीं जब किसी दलित दूल्हे के साथ कथित ऊंची जाति के लोगों के द्वारा बदसलूकी की गई हो. तकरीबन पांच महीने पहले कासगंज जिले में एक दलित युवक की शादी काफी सुर्खियों में रही थी क्योंकि सुरक्षा बलों की मौजूदगी में दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर बारात लेकर पहुंचा था. उस वक्त उस गांव में 80 साल बाद किसी दलित शख्स की घोड़े की बग्गी पर बिठा कर बारात निकाली गई थी.
कासगंज के गांव निजामपुर में स्थानीय ठाकुर जाति के लोगों ने धमकी दी थी कि अगर गांव में घोड़े पर बैठ दलित की बारात निकाली गई तो फिर दोनों समुदायों में टकराव की स्थिति पैदा हो जाएगी. इसलिए सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस सुरक्षा दी गई.
जानकारी के मुताबिक इस मामले को लेकर इलाके के पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है. एफआईआर के मुताबिक ठाकुर समुदाय के कुछ युवकों ने बारात में शामिल लोगों पर पत्थरबाजी की और उन्हें जातिसूचक शब्द बोलकर गालियां दीं. जिले के असरौली गांव में यह घटना सामने आई है. घटना के बाद से इलाके में तनाव का माहौल बना हुआ है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में यह कोई पहला मामला नहीं जब किसी दलित दूल्हे के साथ कथित ऊंची जाति के लोगों के द्वारा बदसलूकी की गई हो. तकरीबन पांच महीने पहले कासगंज जिले में एक दलित युवक की शादी काफी सुर्खियों में रही थी क्योंकि सुरक्षा बलों की मौजूदगी में दूल्हा घोड़ी पर चढ़कर बारात लेकर पहुंचा था. उस वक्त उस गांव में 80 साल बाद किसी दलित शख्स की घोड़े की बग्गी पर बिठा कर बारात निकाली गई थी.
कासगंज के गांव निजामपुर में स्थानीय ठाकुर जाति के लोगों ने धमकी दी थी कि अगर गांव में घोड़े पर बैठ दलित की बारात निकाली गई तो फिर दोनों समुदायों में टकराव की स्थिति पैदा हो जाएगी. इसलिए सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस सुरक्षा दी गई.