हैदराबाद: अंबेडकर प्रतिमा के चारों ओर बना दीवार गिराया गया, तनाव बढ़ा

Written by sabrang india | Published on: October 25, 2024
टैंक बंड में अंबेडकर की प्रतिमा लंबे समय से हाशिए पर पड़े समुदायों, खासकर दलित अधिकारों की आवाज उठाने वालों के लिए सभा स्थल रही है।


साभार :डेक्कन क्रोनिकल

हैदराबाद में मंगलवार रात को टैंक बंड के पास तनाव तब बढ़ गया जब विभिन्न दलित संगठनों ने डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा के चारों ओर ऊंची बनी नई परापेट दीवार को गिरा दिया।

टैंक बंड में अंबेडकर की प्रतिमा लंबे समय से हाशिए पर पड़े समुदायों, खासकर दलित अधिकारों की आवाज उठाने वालों के लिए सभा स्थल रही है। दलित संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बार-बार दीवार के प्रति अपना विरोध जताया है, उनका कहना है कि यह ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान को बाधित करती है जिसका इस्तेमाल विरोध, सार्वजनिक चर्चा और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए किया जाता रहा है।

द मूकनायक की रिपोर्ट के अनुसार, "बाबा साहेब अंबेडकर जिंदाबाद" के नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने इस दीवार की ऊंचाई बढ़ाने के कदम की कड़ी निंदा की। डॉ. अंबेडकर की जयंती और पुण्यतिथि के अवसर पर विभिन्न राजनीतिक दलों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग इस प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए एकत्र होते हैं।

हालांकि, इस परापेट दीवार की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला कई दलित संगठनों के लिए अस्वीकार्य था। उनका कहना है कि इससे प्रतिमा तक पहुंचने में बाधा उत्पन्न हो रही है और लंबे समय से चली आ रही परंपराओं में हस्तक्षेप किया जा रहा है।

दीवार गिराए जाने के बाद सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और इसमें शामिल कुछ लोगों को हिरासत में लिया।

भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी इस नई दीवार के निर्माण का विरोध किया। बीआरएस नेता मण्णे कृष्णांक ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कांग्रेस सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "टैंक बंड पर स्थित डॉ. बीआर अंबेडकर की प्रतिमा हजारों शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक प्रदर्शनों का केंद्र रही है। कांग्रेस सरकार ने इसके सामने दीवार खड़ी कर दी है, जो प्रवेश द्वार भी थी। क्या यही कांग्रेस की लोकतंत्र और बाबासाहेब अंबेडकर के प्रति सम्मान की परिभाषा है?" उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को टैग करते हुए ये सवाल उठाया।

इस बीच ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) ने देर रात सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि यह परापेट दीवार शहर के प्रमुख जंक्शनों को बेहतर बनाने के प्रयास का हिस्सा है। इस निर्माण में संसद भवन की एक प्रतिकृति भी शामिल है, जो अंबेडकर के संविधान और संसदीय लोकतंत्र में दिए गए महत्वपूर्ण योगदान का प्रतीक है।

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