बिहार: DJ बजाने पर दलित बच्चों को पुलिस ने पीटा, विरोध में धरने पर बैठे ग्रामीण

Written by sabrang india | Published on: March 15, 2023
बिहार के औरंगाबाद जिले में होली पर डीजे बजाने के आरोप में पुलिस ने दलित परिवार के बच्चों की पिटाई कर दी। इस बात से गांव वाले नाराज हो गए और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।



बिहार के औरंगाबाद जिले के देवकुंड थाना के बनतारा गांव में होली की रात डीजे बजाने को लेकर पुलिस की ओर से महादलित परिवार के बच्चों और महिलाओं को बेरहमी से पिटाई करने का मामला सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विरोध में गांव के लोगों ने पुलिस के खिलाफ बेमियादी धरना शुरू कर दिया जो अब भी जारी है।

एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक, देवकुंड थानाध्यक्ष की ओर से महिलाओं, बच्चों के साथ मारपीट और पुलिसिया जुल्म के खिलाफ सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने बनतारा गांव के देवी मंदिर के प्रांगण में अपने-अपने हाथों में तख्ती लेकर अनिश्चितकालीन धरना पर बैठ गए। इस दौरान पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना पर बैठे लोगों ने थानाध्यक्ष सुबोध कुमार सिंह को पद मुक्त करने एवं ग्रामीणों पर किए गए फर्जी मुक़दामा वापस लेने की मांग की है।

धरना के दूसरे दिन सीपीआई के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने धरना में शामिल होकर आंदोलन का समर्थन किया और पीड़ितों की आवाज को बुलंद किया। वहीं पीड़ितों ने कहा है कि यदि पुलिस का यही रवैया रहा तो वह सपरिवार गांव छोड़कर कहीं और चले जाएंगे। पीड़ित महिलाओं ने रोते-बिलखते हुए पुलिस की बर्बरता की दास्तां बयां की। कहा कि हमलोगों का कोई कसूर नहीं है। हमलोगों को बाल बच्चों समेत बेवजह बेरहमी से पीटा गया है। इसी वजह से वे देवकुंड थानाध्यक्ष के खिलाफ कार्रवाई और फर्जी मकदमा वापस लेने की मांग को लेकर गांव में ही बेमियादी धरना दे रहे हैं। इस मामले में उन्हें राहत नहीं मिली तो वह जिला मुख्यालय आकर भी धरना प्रदर्शन करेंगे और अंततः इंसाफ नही मिलने पर गांव छोड़कर दूर चले जाएंगे, जहां पुलिस का कोपभाजन नहीं बन सके।

वहीं धरना का समर्थन कर रहे सीपीआई नेताओं-गोह के अंचल मंत्री सुरेश प्रसाद यादव, पूर्व जिला मंत्री जगनारायण सिंह विकल, कृष्णनंदन यादव एवं एलजेपीआर के प्रदेश सचिव विजय कुमार अकेला ने कहा कि देवकुंड थानाध्यक्ष सुबोध कुमार ने होली की रात गांव में पहुंचकर बनतारा गांव के लोगों पर जो अत्याचार किया है, वह गलत है। मामले में पुलिस ने मनगढ़ंत कहानी बनाते हुए महादलितों पर फर्जी मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने मासूम बच्चों और महिलाओं को बेरहमी से पीटा है। मामले में देवकुंड थानाध्यक्ष को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाना चाहिए और एसपी को मामले की उच्चस्तरीय जांच करानी चाहिए। साथ ही जितना जल्द हो सके फर्जी मुकदमा को वापस लेते हुए गांव में शांति अमन बहाल होना चाहिए। यहां के लोगों को न्याय मिलना चाहिए। कहा कि बनतारा के लोगो पर जो पुलिसिया जुल्म ढाया गया है, वह कतई बर्दाश्त करने लायक नहीं है।

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