भुवनेश्वर। भुवनेश्वर में रविवार को उत्कल विश्वविद्यालय में आयोजित संगोष्ठी के दौरान आयोजकों एवं कार्यक्रम में दिए गए भाषण का विरोध कर रहे दर्शकों के बीच तनाव व्याप्त हो गया। संस्थान के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
घटना के तुरंत बाद दोनों पक्षों ने शहीद नगर थाने में अलग-अलग शिकायत दर्ज कराई। जिसके बाद पुलिस ने दो पूर्व छात्रों को गिरफ्तार कर लिया। मानस साहू और संजय मलिक नाम के इन दोनों छात्रों का संबंध एबीवीपी से है। एक स्थानीय पुलिस अधिकारी ने शिकायतों की पुष्टि करते हुए कहा कि मामले में जांच की जा रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि समस्या तब पैदा हुई जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर सुरजीत मजूमदार के भाषण को कुछ छात्रों ने अस्वीकार कर दिया, जो कथित तौर पर एक राजनीतिक दल से संबद्ध थे। इसके कारण ओडिशा स्थित सिटिजन फोरम द्वारा आयोजित सेमिनार को बीच में ही रोकना पड़ा।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार, दर्शकों में से कुछ लोग जिनमें ज्यादातर छात्र थे, ने मजूमदार के भाषण पर खुले तौर पर आपत्ति जताई जिसके कारण उनके और सिटीजन फोरम के संयोजक, प्रदीप्ता नायक के बीच बहस हुई। उन्होंने कहा कि छात्रों ने अपशब्द कहने के अलावा कथित तौर पर उनसे मारपीट भी की।
सूत्रों के मुताबिक सिटीजन फोरम ने एक सेमिनार का आयोजन किया था जिसमें गेस्ट के तौर पर जेएनयू के प्रोफेसर सुरजीत मजूमदार को बुलाया गया था। सेमिनार का शीर्षक ‘संविधान और राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ था जिसमें प्रोफेसर अपना भाषण दे रहे थे जो कि वहां मौजूद छात्रों के एक वर्ग को अच्छा नहीं लगा। कुछ छात्र कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर सिटीजन फोरम के संयोजक और एक प्रोफेसर पर हमला किया और उनसे कार्यक्रम को रोकने के लिए कहा।
छात्रों का आरोप है कि सेमिनार वार्ता के दौरान देश विरोधी टिप्पणियां की गईं। विरोध करने वाले छात्रों का कहना है कि “हम देश के खिलाफ इस तरह के किसी भी बयान की अनुमति नहीं देंगे। हम भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम का विरोध करते रहेंगे।’
नागरिक मंच के संयोजक प्रदीप्त नायक ने शहीद नगर थाने के पास प्राथमिकी दर्ज करायी है और उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि समस्या तब पैदा हुई जब जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रोफेसर सुरजीत मजूमदार के भाषण को कुछ छात्रों ने अस्वीकार कर दिया, जो कथित तौर पर एक राजनीतिक दल से संबद्ध थे। इसके कारण ओडिशा स्थित सिटिजन फोरम द्वारा आयोजित सेमिनार को बीच में ही रोकना पड़ा।
विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार, दर्शकों में से कुछ लोग जिनमें ज्यादातर छात्र थे, ने मजूमदार के भाषण पर खुले तौर पर आपत्ति जताई जिसके कारण उनके और सिटीजन फोरम के संयोजक, प्रदीप्ता नायक के बीच बहस हुई। उन्होंने कहा कि छात्रों ने अपशब्द कहने के अलावा कथित तौर पर उनसे मारपीट भी की।
सूत्रों के मुताबिक सिटीजन फोरम ने एक सेमिनार का आयोजन किया था जिसमें गेस्ट के तौर पर जेएनयू के प्रोफेसर सुरजीत मजूमदार को बुलाया गया था। सेमिनार का शीर्षक ‘संविधान और राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ था जिसमें प्रोफेसर अपना भाषण दे रहे थे जो कि वहां मौजूद छात्रों के एक वर्ग को अच्छा नहीं लगा। कुछ छात्र कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर सिटीजन फोरम के संयोजक और एक प्रोफेसर पर हमला किया और उनसे कार्यक्रम को रोकने के लिए कहा।
छात्रों का आरोप है कि सेमिनार वार्ता के दौरान देश विरोधी टिप्पणियां की गईं। विरोध करने वाले छात्रों का कहना है कि “हम देश के खिलाफ इस तरह के किसी भी बयान की अनुमति नहीं देंगे। हम भविष्य में भी इस तरह के कार्यक्रम का विरोध करते रहेंगे।’
नागरिक मंच के संयोजक प्रदीप्त नायक ने शहीद नगर थाने के पास प्राथमिकी दर्ज करायी है और उपद्रवियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
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