जहांगीरपुरी: नविका कुमार, अंजना ओम कश्यप ने मीडिया की विश्वसनीयता को और गिराया

Written by Sabrangindia Staff | Published on: April 21, 2022
अनुभवी एंकर इस बात की याद दिला रहे थे कि किसी संवेदनशील विकासशील स्टोरी को किस तरीके से रिपोर्ट किया जाए


 
सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जहांगीरपुरी में उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अचानक विध्वंस अभियान के दौरान बुलडोजर से सिर्फ दुकानें, घर, पूजा स्थल नष्ट नहीं हुए थे, बल्कि 'गोदी मीडिया' के रूप में पहचाने जाने वाले व सत्ता की गोद में बैठे पत्रकारों की असंवेदनशीलता भी उजागर हो गई। कुछ लोग अपने वातानुकूलित स्टूडियो से एक बार फिर गरीबों की पीड़ा को देखने के लिए निकले। दूसरों ने वातानुकूलित वातावरण में रहने का विकल्प चुना और प्रशासन द्वारा किए जा रहे विनाश पर खुशी जताई। उन्होंने इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला कि कई हिंदू निवासी अपने मुस्लिम पड़ोसियों के साथ एकजुटता से खड़े थे, और दोनों को आर्थिक नुकसान हुआ।
 
ग्राउंड ज़ीरो पर बातचीत करने वाले पत्रकार नहीं होने का सबक क्या है इसे आजतक की एंकर अंजना ओम कश्यप की रिपोर्टिंग से समझा जा सकता है। एक जेसीबी के बगल में लाइव रिपोर्टिंग करते हुए, उन्होंने यह पूछकर अपनी कथित रिपोर्टिंग शुरू की कि क्या वह उसमें बैठ सकती हैं। अर्थ मूवर और डिमोलिशन मशीन के चालक के अलावा वह स्थान विध्वंस करने के लिए भेजे गए अधिकारियों के लिए है। कश्यप प्रशासन की सहूलियत के प्वाइंट पर रहना चाहती थीं, जिससे उनकी ''लाइव रिपोर्टिंग'' की शैली की एक और लेयर का पता चलता है। उन्होंने विध्वंस अभियान की रिपोर्टिंग के दौरान जिस तरह की खुशी दिखायी यह उनकी लगातार कमेंट्री के जरिए देखा और समझा जा सकता है। उन्होंने अपनी उत्सुकता वाली रिपोर्टिंग के दौरान की स्थिति तय कर ली थी, भले ही मामला अदालत में हो, इसके अपने निहितार्थ हो सकते हैं।



अंजना ओम कश्यप ग्राउंड पर लाइव कमेंट्री के दौरान वहां के हिंदू निवासियों की सौहार्द की बात को नजरअंदाज करते हुए, और जेसीबी द्वारा विध्वंस को मुद्दा बनाकर सही ठहराने की कोशिश में जुटी थीं। इससे इतर, उनकी प्रतिद्वंद्वी टाइम्स की एंकर नविका कुमार ट्विटर पर तंज कसने में जुटी थीं।  

 
वह 'विध्वंस को लेकर लोगों का मजाक' बनाने में लगी थीं। कुमार को तब न केवल पत्रकारों, बल्कि सामान्य यूजर्स की भी हजारों प्रतिक्रियाओं का सामना करना पड़ा था। बेशक उन्होंने माफी नहीं मांगी और न ही फन' इमोजी के साथ किए गए इस आपत्तिजनक ट्वीट को हटाया।


उन्होंने बाद में हैशटैग "बुलडोजर जस्टिस" के साथ पूरा शो किया। उन्होंने इसे "अवैध निर्माणों पर सटीक स्ट्राइक" बताते हुए विध्वंस को उचित ठहराया और कहा कि हिंदू समूहों ने स्थानीय मंदिर के अतिक्रमण ढांचे को स्वेच्छा से हटाने के लिए 'पहल' की, जबकि मस्जिद ने नहीं किया था। इसके बाद उन्होंने कहा कि बृंदा करात ने 'एक समुदाय के खिलाफ प्रतिशोध का दावा करते हुए जहांगीरपुरी के लिए एक रास्ता बनाया'। शुरुआती कमेंट्स के 24 घंटे बाद भी नविका अपने 'बुलडोजर जोक' के लिए ट्रेंड कर रही हैं।


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